बीसीसीआई ने सौराष्ट्र क्रिकेट संघ (एससीए) के अध्यक्ष निरंजन शाह को लोढ़ा पैनल सुधारों का अध्ययन करने के लिए बनाई गई समिति में विशेष आमंत्रित के रूप में शामिल करके चौंकाने वाला फैसला किया.
अहम बात यह है शाह 73 साल के हैं और पिछले तीन दशक से सौराष्ट्र क्रिकेट संघ को चला रहे है तथा लोढ़ा पैनल के सुधारों के हिसाब से हर तरह से अयोग्य हैं.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शाह खुद ही समिति का हिस्सा बनना चाहते थे. 70 साल से अधिक उम्र के अन्य अयोग्य पदाधिकारियों का भी दबाव था जो समिति में अपना प्रतिनिधित्व चाहते थे.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अमिताभ चौधरी असहाय लग रहे हैं क्योंकि एन श्रीनिवासन फिर से हावी होने लग गए हैं. निरंजन शाह ने स्वयं ही समिति का हिस्सा बनने का आग्रह किया. उन्हें गुरुवार को इसमें शामिल कर दिया गया और अब सदस्यों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
राजीव शुक्ला की अगुवाई वाली समिति के अन्य सदस्यों में सौरव गांगुली, नबा भट्टाचार्य, टीसी मैथ्यू, अमिताभ चौधरी, अनिरूद्ध चौधरी और जय शाह शामिल हैं.
लेकिन अब सवाल ये हैं कि जब पहले ही बीसीसीआई और सीओए के बीच विवाद इतना ज्यादा है तो क्या ये फैसला आग में घी डालने का काम करेगा.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को बीसीसीआई में किसी पद पर रहने का अधिकार नहीं है. लेकिन इसी में एक और ट्विस्ट ये भी है कि शाह को जिस समिति में जगह मिली है, वह कोई आधिकारिक पद नहीं है. बल्कि वह समिति है जो लोढ़ा पैनल के सुधारों का अध्ययन करेगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि सीओए इस फैसले का विरोध करती है या नहीं.