श्रीलंका में खेली जा रही निदाहास ट्रॉफी में शुक्रवार श्रीलंका और बांग्लादेश के मुकाबले को आधिकारिक तौर पर सेमीफाइनल का दर्जा तो नहीं हासिल था लेकिन यह तय था कि जीतने वाली टीम ही फाइनल में पहुंचेगी.
दोनों ही टीमों ने इस मुकाबले में इतना दम दिखाया कि आखिरी दो गेंदों तक यह मुकाबला किसी भी सेमीफइनल की तरह रोमांचक बना रहा और जब दो गेंदों पर जीत के लिए बांग्लादेश को छह रन की दरकार थी तब महमूदुल्ला ने डीप स्क्वॉयर लेग के ऊपर से अविश्वसनीय सा छक्का जड़कर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा दिया.
आखिरी ओवर में इस रोमांच के साथ-साथ थोड़ा ड्रामा भी हुआ. इस ओवर में बांग्लादेश को जीत के लिए 12 रन की दरकार थी
मुस्तफिजुर को उडाने की दो बाउंसर्स को जब अंपायर ने नो बॉल करार नहीं दिया तो बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने विरोध दर्ज कराया. यह विरोध उस वक्त बड़े ड्रामे में बदल दया जब डगआउट से बाहर निकलकर बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन अपनी बल्लेबाजों को मैदान से बार आने के लिए कह दिया. बहरहाल अंपायर्स के दखल के बाद मामला शांत हुआ और महमूदुल्ला ने 18 गेदों पर 43 रन की तेज तर्रार पारी खेल कर अपनी टीम को एक गेंद बाकी रहते ही जीत दिला दी.
श्रीलंका के दिए 160 रन के सामने बांग्लादेश की टीम के विकेट तो लगातार गिरते रहे लेकिन जरूरी रन रेट भी बरकरार रही. पिछले दो मुकाबलों के हीरो मुशफिकर तो बड़ी पारी नहीं खेल सके लेकिन तमीम इकबाल ने अर्द्धशतक जड़कर अपनी टीम को वह बुनियाद दिला दी जिसपर जीत इमारत खड़ी की जा सकती थी. इस मैच में ही टीम में शामिल हुए कप्तान शाकिब बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे.
इससे पहले श्रीलंका की टीम की पारी के दौरान भी बड़ा कमबैक देखने को मिला. एक वक्त तो श्रीलंका ने 541 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे लेकिन उसके बाद कुसल परेरा और कप्तान तिसारा परेरा के बीच 97 रन की पार्टनरशिप ने श्रीलंका के स्कोर एक सम्मानजनक टोटल तक पहुंचा दिया. कुसर परेरा ने 61 और तिसारा परेरा ने 37 गेंदों में जोरदार 58 रन बनाए.
इस सीरीज का फाइनल मुकाबला अब रविवार को भारत और बांग्लादेश के बीच खेला जाएगा.