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New Zealand vs India : जो मिडिल आर्डर था शक के घेरे में, वही बना टीम इंडिया का खेवनहार

भारत ने अपने टॉप चार बल्लेबाजों के विकेट केवल 18 रन पर गंवा दिए थे. उसके बाद मिडिल आर्डर ही उसे 49.5 ओवर में 252 रन के स्कोर तक ले गया

FP Staff

पांच मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी मैच में आखिर वो क्या रहा जो भारत और न्यूजीलैंड के बीच अंतर साबित हुआ. निसंदेह वो भारत का मिडिल आर्डर था. अंबाती रायुडू (90), हार्दिक पांड्या (45) और विजय शंकर (45) ही वो बल्लेबाज थे जिन्होंने ना केवल भारत को इस मैच में 35 रन से जीत दिलाई बल्कि मेहमान टीम 4-1 से सीरीज अपने नाम करने में सफल रही. भारत ने अपने टॉप चार बल्लेबाजों के विकेट केवल 18 रन पर गंवा दिए थे. उसके बाद मिडिल आर्डर ही उसे 49.5 ओवर में 252 रन के स्कोर तक ले गया.

टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने तो शनिवार को ही हैमिल्टन में मिली आठ विकेट की हार के बाद मिडिल आर्डर बल्लेबाजी को लेकर हो रही चिंताओं को दरकिनार कर दिया था. संजय बांगड़ का मानना था कि हैमिल्टन में मिली करारी पराजय को केवल एक अपवाद के तौर पर देखा जाना चाहिए. एक असफलता के बाद कोई निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है. और वही हुआ. मिडिल आर्डर बल्लेबाजों ने भी दिखा दिया कि हैमिल्टन महज एक घटिया मैच था, जिससे टीम उबरने में सक्षम है.


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टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत चौथे वनडे की तरह इस मुकाबले में भी खराब रही. उसने आठ रन के योग पर ही कप्तान रोहित शर्मा (2) का विकेट खो दिया. दूसरे विकेट के लिए भी मेजबान टीम को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा. भारत के स्कोर में अभी चार रन ही जुड़े थे कि ट्रैंट बोल्ट ने सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को छह के निजी स्कोर पर आउट कर दिया. अपने वनडे करियर का दूसरा मैच खेल रहे युवा बल्लेबाज शुभमन गिल इस सुनहरे मौके को भुना नहीं पाए और सात के निजी स्कोर पर हेनरी का दूसरा शिकार बने. इसके बाद, अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी (1) को भी पवेलियन की राह दिखाकर बोल्ट ने भारत का स्कोर चार विकेट पर 18 रन कर दिया.

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यहां से रायुडू ने विजय शंकर (45) के साथ मिलकर मोर्चा संभाला और पांचवे विकेट के लिए 98 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी करते हुए अपनी टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला. विजय शंकर के जाने के बाद भी रायुडू ने नहीं रुके. उन्होंने और केदार जाधव (34) ने छठे विकेट के लिए 74 रनों की अहम साझेदारी की. इन दोनों के बाद हार्दिक पांड्या ने भुवनेश्वर कुमार (6) के साथ मिलकर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और आठवें विकेट के लिए 45 रन जोड़े.