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भारत इंग्‍लैंड दूसरा टेस्‍ट : अंग्रेजों के लिए पांच सबक

पहला सबक जो इंग्लैंड की टीम को लेना चाहिए कि वो पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करें

Peter Miller

विशाखापत्तनम टेस्ट में इंग्लैंड की शर्मनाक हार हुई है. नतीजा दोनों ही मौजूदा टीमों की ताकत का सबूत है.

मेजबानों ने ये टेस्ट मैच 246 रनों से जीता. इंग्लैंड ने जिस तरह का खेल दिखाया, उसमें वो ऐसी ही हार के हकदार थे.


हार के बावजूद इस टेस्ट मैच से इंग्लैंड की टीम कुछ सबक ले सकती है.

पहली पारी में ज्‍यादा रन बनाएं

पहला सबक जो इंग्लैंड की टीम को लेना चाहिए कि वो पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करें. राजकोट के बाद विशाखापत्तनम में भी इंग्लिश बल्लेबाज पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रहे.

ये भारत में 253वां टेस्ट था. इतने मैचों में ले-देकर पांच ऐसे मौकेे रहे हैं जब कोई टीम चौथी पारी में तीन सौ या इससे ज्‍यादा रन बना सकी. विशाखापत्तनम में इंग्लैंड ने जीत की उम्मीद उसी वक्‍त खो दी थी, जब उन्होंने दूसरे दिन, सिर्फ 80 के स्कोर पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे.

बेन स्टोक्स और जॉनी बेयरस्टो के बीच साझेदारी से इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 255 रन जुटा सकी. लेकिन ये भारत के स्कोर से 200 रन कम थे. ऐसी हालत में इंग्लैंड का जीतना नामुमकिन सा था.

भारत की पिचों पर अंग्रेज बल्लेबाज बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं. मगर पिछले बारह महीनों में उनकी बल्लेबाजी देखें तो कमजोरियां साफ नजर आती हैं.

वो नियमित तौर पर अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में भारत के खिलाफ सभी पांच टेस्ट मैचों में उनके अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कम ही है.

बेन डकेट के लिए टीम में जगह नहीं

बल्लेबाज बेन डकेट को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने का फैैसला एकदम गलत साबित हुआ. उनका अब तक का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. इस वक्‍त नंबर वन गेंदबाज कहे जा रहे आर अश्विन ने बेन को उनकी सभी तीन पारियों में आउट किया है.

अश्विन उस बेरहम बच्चे की तरह हैं जो चीटियां मारने के लिए उनके अड्डे तलाशता है. बेन डकेट बार-बार अश्विन के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने दो टेस्ट मैचों में अश्विन की कुल चालीस गेदों का सामना किया है और तीन बार आउट हो चुके हैं.

इस दौरान बेन डकेट की बल्लेबाजी की तकनीकी खामियां खुलकर सामने आ गई हैं.

विशाखापत्तनम में दूसरी पारी में तो ऐसा लगा कि बेन ने अश्विन से खुद को बचाने के बजाय पलटवार की ठानी है. मगर अश्विन के मुकाबले बेन का ये नुस्खा भी नाकाम ही रहा.

इंग्लैंड की टीम तीन तेज गेंदबाजों के साथ खेले

भारत की पिचें, स्पिनर्स का स्वर्ग कही जाती हैं. ऐसे में इंग्लैंड का ये फैसला सही था कि वो मध्यम गति के गेंदबाजों के साथ उतरे.

एक ऑफ स्पिनर, एक बाएं हाथ का मध्यम गेंदबाज और एक लेग स्पिनर, किसी भी मुकाबले के लिए शानदार माने जाते हैं. मगर ये तिकड़ी तभी मैच जिता सकती है, जब इसमें विकेट लेने वाले गेंदबाज हों.

अब ऐसा नहीं है तो आपको अपने सबसे अच्छे गेंदबाजी अटैक के साथ मैदान में उतरना चाहिए.

मौजूदा इंग्लिश टीम का सबसे धारदार हथियार उनके तेज गेंदबाज हैं. जफर इंसारी उम्दा खिलाड़ी हैं. लेकिन वो मौजूदा भारतीय बल्लेबाजी को चीर-फाड़ देंगे, इसकी उम्मीद करना बेमानी है.

विशाखापत्तनम टेस्ट में जफर की गेंदबाजी का सारा जोर सिर्फ रन बचाने मे लगा दिखा. बीमारी की वजह से वो ज्‍यादा गेदबाजी नहीं कर पाए. लेकिन अंग्रेज टीम को उनकी कमी जरा भी नहीं खटकी.

इंग्लैंड की टीम इतनी अच्छी नहीं कि अगर एक खिलाड़ी अच्छा खेल न दिखाए तो भी काम चल सकता है.

बेहतर होगा कि आदिल राशिद और मोईन अली को स्पिन अटैक का जिम्‍मा दिया जाए. साथ ही तीन तेज गेंदबाजों को टीम में मौका दिया जाए.

बेन स्टोक्स इंग्लैंड के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बने

बेन स्टोक्स, इंग्लिश टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बन गए हैं. इस सीजन में उनकी टीम ने कुल चार टेस्ट मैच खेले हैं. और बेन के खेल को देखकर सवाल उठता है कि उनके बगैैर इंग्लैंड का काम कैसे चलेगा?

बेन ने शानदार बल्लेबाजी से टॉप के छह बल्लेबाजों में अपनी जगह बना ली है. साथ ही वो तीसरे तेज गेंदबाज का रोल भी अच्छे से निभाते हैं.

इस दौरे में वो इंग्लैंड के टॉप स्कोरर बल्लेबाज रहे हैं. उनका औसत 77.66 का है.

हालांकि इस सीरीज में बेन ने कुल 46 ओवर फेंककर सिर्फ दो विकेट लिए हैं. लेकिन अपनी टीम के लिए वो कभी भी महंगे नहीं साबित हुए. कप्तान कुक को उनके रूप में अच्छा ऑलराउंडर मिला है.

अच्छी बात ये है कि बेन एक शानदार फील्डर भी हैं. उन्होंने दो शानदार कैच लपके हैं. दोनों बार बेन ने विराट कोहली को पैवेलियन लौटाया है. हालांकि उन्होंने अश्विन का कैच टपका दिया था. लेकिन इस नाकामी की अनदेखी की जा सकती है.

कुल मिलाकर बेन स्टोक्स, इंग्लैंड के सबसे उपयोगी खिलाड़ी हैं. अच्छी बात ये है कि अब वो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.

आदिल राशिद उम्मीद जगाते हैं

पिछले छह हफ्तों में इंग्लैंड ने चार टेस्ट मैच खेले हैं. इस दौरान उनका गेंदबाजी अटैक बदलता रहा है.

बांग्लादेश के खिलाफ मोईन अली ने अच्छी गेंदबाजी से उम्मीदें जगाई थीं. लेकिन विशाखापत्तनम टेस्ट के बाद ऐसा लग रहा है कि आदिल राशिद वो गेंदबाज हैं जिन्हें सबसे ज्‍यादा मौका मिलेगा.

आदिल इस सीरीज में छह सौ से ज्‍यादा गेंदें डाल चुके हैं. ये बाकी इंग्लिश गेंदबाजों से ज्‍यादा है. आदिल ने दो टेस्ट मैचों में कुल 13 विकेट लिए हैं. वो दोनों ही टीमों के बीच सबसे कामयाब बॉलर रहे हैं.

हालांकि अभी भी उनकी गेंदबाजी मे खामियां हैं. उनकी लाइन और लेंग्थ में अक्सर हेर-फेर देखने को मिलता है. लेकिन, कुल मिलाकर देखें तो आदिल राशिद की गेंदबाजी इंग्लैंड की टीम के लिए बोनस साबित हुई है.