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मोहम्मद शमी को मिली राहत, बीसीसीआई ने केंद्रीय अनुबंध में शामिल किया

एंटी करप्शन यूनिट के उन्हें फिक्सिंग के आरोप से मुक्त किया, शमी को बी ग्रेड में शामिल किया गया

FP Staff

लगातार विवादों से जूझ रहे भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को गुरुवार को एक अच्छी खबर सुनने को मिली. मोहम्मद शमी को बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध की सूची में शामिल कर लिया गया है. बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) ने मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से दोषमुक्त करार दे दिया जिसके बाद बोर्ड ने उनके केंद्रीय अनुबंध को मंजूरी दे दी.

शमी को ग्रेड बी का वार्षिक अनुबंध दिया गया है जिससे उन्हें तीन करोड़ रुपए मिलेंगे. वह सात अप्रैल से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलने के लिए भी स्वतंत्र होंगे.


बीसीसीआई ने इससे पहले हसीन जहां के आरोपों के मद्देनजर शमी का अनुबंध रोके रखने का फैसला किया था. शमी पर उनकी पत्नी ने व्यभिचार और घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शमी ने सभी आरोपों का खंडन किया था.

एसीयू ने दी क्लीन चिट

प्रशासकों की समिति (सीओए) ने विशेष तौर पर दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त और एसीयू के अपने प्रमुख नीरज कुमार से इन आरोपों की जांच करने के लिए कहा था कि इस गेंदबाज ने क्या वाकई पाकिस्तानी महिला अलिश्बा के जरिए किसी मोहम्मद भाई से पैसे लिए थे. सीओए ने रिलीज जारी कर बताया, ‘ नीरज कुमार ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट सीओए को सौंप दी है. रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर सीओए का मानना है कि इस मामले में बीसीसीआई भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के तहत आगे किसी तरह की कार्रवाई की जरूरत नहीं है.  इस कारण बीसीसीआई मोहम्मद शमी को ग्रेड बी वार्षिक अनुबंध सौंपेगा.’

हसीन ने ठोके सात मामले

इस तेज गेंदबाज के खिलाफ उनकी पत्नी हसीन जहां ने धारा 307 (हत्या की कोशिश का आरोप), 498 ए (घरेलू हिंसा), 506 (आपराधिक धमकी), 328 (जहर के जरिए नुकसान पहुंचाना), 34 (कई लोगों द्वारा किसी अपराध को अंजाम देने के लिए साझा साजिश) और 376 (बलात्कार) की धाराओं सहित कुल सात मामले शमी के खिलाफ दर्ज कराए थे.