हैदराबाद क्रिकेट संघ ने अध्यक्ष पद के लिए मोहम्मद अजहरुद्दीन के नामांकन को रद्द कर दिया है. उनके नामांकन के बाद से कई सवाल उठने शुरू हो गए थे.नामांकन रद्द होने के बाद अजहरुद्दीन ने कहा कि उनका नामांकन रद्द होना दुखद है. कोर्ट ने उन्हें पहले ही फिक्सिंग मामले में बरी कर दिया है. इसके साथ ही अजहर ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे.
खेल से भ्रष्टाचार मिटाने की अदालती कोशिशों के बीच भ्रष्टाचार के आरोपी रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन ने क्रिकेट प्रशासन से जुड़ने का फैसला किया था. उन्होंने हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया था. अब एचसीए ने उनके नामांकन को रद्द कर दिया है. हालांकि इसकी वजह अभी सामने नहीं आई है.
भारत के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगे थे. हालांकि सबूतों के अभाव में उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में न जाने का फैसला किया था.
इससे पहले 17 जनवरी को होने वाले चुनाव को अजहरुद्दीन बनाम अरशद अयूब देखा जा रहा था. अयूब हैदराबाद के पूर्व ऑफ स्पिनर हैं. उनके कार्यकाल में संघ पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे. लेकिन अब अजहर के नामांकन रद्द होने के बाद उनकी राह आसान हो गई.
लगातार यह चर्चा थी कि क्या इतने गंभीर आरोपों में घिरे किसी खिलाड़ी को एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने का मौका देना सही है?
अजहर पर साल 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे. उसी समय दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए पर भी आरोप लगे थे, जो साबित हुए. हालांकि अजहर का कहना है कि 2011-12 में अदालत ने उन पर लगा बैन हटा दिया. उसके बाद बीसीसीआई ने फैसले को चुनौती नहीं दी. ऐसे में मामला वहीं खत्म हो गया.
दिलचस्प है कि बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर कभी अजहर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा नहीं की. पिछले रणजी सत्र में अजहरुद्दीन फिरोजशाह कोटला में खिलाड़ियों से बात कर रहे थे.
इसे लेकर बीसीसीआई ने दिल्ली क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की थी. यह अलग बात है कि पिछले दिनों कानपुर में टीम के 500वां टेस्ट होने के मौके पर अजहर को आमंत्रित किया गया था.
अजहरुद्दीन ने 99 टेस्ट मैचों 24 शतक के साथ छह हजार से ज्यादा रन बनाए हैं. वह मुरादाबाद से कांग्रेस की ओर से सांसद रहे हैं. 2014 में वह चुनाव हार गए थे. उन्होंने बैडमिंटन संघ में भी आने की कोशिश की थी.