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मिताली राज ने लगाया कोच पर गंभीर आरोप, कहा- रमेश पोवार ने मुझे अपमानित किया

मिताली राज ने सीईओ की सदस्य डायना एडुलजी और कोच रमेश पोवार पर बरसते हुए कहा कि दोनों का रवैया उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण है और वे उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं

FP Staff

आईसीसी महिला टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की सेमीफाइनल में हुई हार से ज्यादा चर्चा इस वक्त प्लेइंग इलेवन से हुई सीनियर क्रिकेटर और वनडे कप्तान मिताली राज की छुट्टी की है. मिताली राज ने प्रशासकों की समिति (सीईओ) की सदस्य डायना एडुलजी और कोच रमेश पोवार पर बरसते हुए कहा कि दोनों का रवैया उनके खिलाफ पक्षपातपूर्ण है और वे उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं. पोवार ने मिताली के आरोपों पर टिप्पणी से इनकार कर दिया, जबकि एडुलजी से संपर्क नहीं हो सका.

इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल से बाहर करने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मिताली ने बीसीसीआई को लिखे ई मेल में कहा कि अपने दो दशक से अधिक के करियर में उसने इतना अपमानित कभी महसूस नहीं किया और वह अपने आंसू नहीं रोक सकीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बाहर करने का समर्थन करने वाली एडुलजी ने उनके खिलाफ अपने पद का फायदा उठाया. सेमीफाइनल में भारत को इंग्लैंड ने आठ विकेट से हराया. 35 बरस की मिताली ने ग्रुप चरण में दो अर्धशतक जमाए थे.


उन्होंने बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी और क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम को लिखे पत्र में कहा, ‘ मेरे 20 बरस के लंबे करियर में पहली बार मैंने अपमानित महसूस किया. मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिए मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिए है भी या नहीं या वे मेरा आत्मविश्वास खत्म करना चाहते हैं.’

मिताली ने कहा, ‘ मैं टी-20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती, लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ. मैं देश के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी. मुझे दुख है कि हमने सुनहरा मौका गंवा दिया.’

उन्होंने भारत की पूर्व कप्तान एडुलजी को आड़े हाथों लिया, जिन्होंने उन्हें बाहर रखने के फैसले का समर्थन किया था. मिताली ने कहा, ‘ मैने हमेशा डायना एडुलजी पर भरोसा जताया ओर उनका सम्मान किया. मैंने कभी यह नहीं सोचा कि वह मेरे खिलाफ अपने पद का दुरूपयोग करेगी. खासकर तब जबकि वेस्टइंडीज में जो कुछ मेरे साथ हुआ, मैं उन्हें बता चुकी थी.  मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने के फैसले को उनके समर्थन से मैं काफी दुखी हूं क्योंकि उन्हें तो असलियत पता थी.’

पोवार के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनायें हुईं जब उन्होंने अपमानित महसूस किया. मिताली ने कहा, ‘वेस्टइंडीज पहुंचते ही कोच के साथ मसले शुरू हो गए थे. पहले छोटी-छोटी बातें से संकेत मिलता था कि मेरे प्रति उनका रवैया पक्षपातपूर्ण है. मसलन यदि मैं कहीं आसपास बैठी हूं तो वह निकल जाते थे या दूसरों को नेट पर बल्लेबाजी करते समय देखते थे, लेकिन मैं बल्लेबाजी कर रही हूं तो नहीं रुकते थे. मैं उनसे बात करने जाती तो फोन देखने लगते या चले जाते.  यह काफी अपमानजनक था और सभी को दिख रहा था कि मुझे अपमानित किया जा रहा है. इसके बावजूद मैंने अपना आपा नहीं खोया.’

मिताली ने कहा, ‘हालात बेकाबू होने पर मैंने टीम मैनेजर से भी बात की, लेकिन उसके बाद हालात बदतर होते चले गए. कोच के लिए मानो मैं टीम में थी ही नहीं.’ मिताली ने कहा कि पोवार ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में मैदान पर नहीं आने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ‘ शाम को टीम बैठक के बाद रमेश ने मेरे कमरे में फोन किया और कहा कि मैदान पर नहीं आना क्योंकि वहां मीडिया होगा. मैं स्तब्ध रह गई कि मेरे टीम के साथ होने से मीडिया को क्या दिक्कत है. हमारे सबसे बड़े मैच में मुझे अपनी टीम से अलग रहने को कहा गया.’