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टीआरपी के लिए सहवाग ने उठाए थे दिग्गजों के फैसले पर सवाल?

मीडिया ने बात का जबरदस्ती बखेड़ा कर दिया

FP Staff

कुछ दिन पहले वीरेंद्र सहवाग ने एक ऐसा बयान दिया, जिससे हर कोई हैरान और परेशान था. भारतीय टीम का कोच ना बन पाने का कारण उन्होंने बीसीसीआई में सेटिंग ना होना बताया. इस बात के लिए उन्होंने ना केवल बीसीसीआई को घेरा बल्कि सचिन, लक्ष्मण और गांगुली जैसे दिग्गजों के पर भी सवाल उठा दिए थे.

अब गुरुवार को जब भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे वनडे मैच में कमेंटरी के दौरान जब गांगुली और सहवाग आमना सामना हुआ तो सौरव गांगुली ने सहवाग से पूछ ही लिया कि ऐसा उन्होंने क्यों कहा, इसका सीधा जवाब तो सहवाग के पास नहीं था लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने सिर्फ मजाक में कहा था और मीडिया ने इस बात का जबरदस्ती बखेड़ा कर दिया.


इसके बाद सहवाग ने फिर अपने अंदाज में कहा कि किसी नए चैनल के साथ नए करार के बाद कुछ ब्रेकिंग न्यूज देनी होती है.

क्या कहा था सहवाग ने?

सहवाग ने एक हिंदी समाचार चैनल से कहा था, ‘देखिए मैं कोच इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि जो भी कोच चुन रहे थे उनसे मेरी कोई सेटिंग नहीं थी.’ इससे पूर्व आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने दावा किया कि जब वह इस पद के लिए आवेदन कर रहे थे तो बीसीसीआई के एक वर्ग ने उन्हें भटका दिया था.

सहवाग ने खुलासा किया, ‘मैंने कभी भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग देने के बारे में नहीं सोचा था. मुझे टीम का कोच बनने की पेशकश की गई थी. बीसीसीआई के (कार्यवाहक) सचिव अमिताभ चौधरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) एमवी श्रीधर मेरे पास आए थे और मुझे इस पेशकश के बारे में सोचने का आग्रह किया था.

मैंने समय लिया और इसके बाद इस पद के लिए आवेदन किया.’ उन्होंने दावा किया कि इस पद के लिए आवेदन करने से पहले उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी सलाह मशविरा किया था.

सहवाग ने कहा, ‘मैंने विराट कोहली से भी बात की थी, उसने मुझे आगे बढ़ने को कहा था. इसके बाद ही मैंने आवेदन किया था. अगर आप मेरा नजरिया पूछो तो मैं कहूंगा कि मेरी इसमें कभी रुचि नहीं थी.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा कि वे आग्रह कर रहे हैं इसलिए मुझे उनकी मदद करनी चाहिए.

मैंने कभी स्वयं आवेदन के बारे में नहीं सोचा और ना ही कभी भविष्य में आवेदन करूंगा.’ सहवाग ने साथ ही कहा कि शास्त्री ने शुरुआत में उन्हें कहा था कि वे इस पद के लिए आवेदन नहीं करेंगे और अगर उन्हें पहले से उनके इरादे का पता होता तो वह अपना नाम नहीं भेजते.

उन्होंने कहा, ‘जब मैं चैंपियंस ट्राफी के दौरान इंग्लैंड में था तो मैंने रवि शास्त्री से पूछा कि उन्होंने पद के लिए आवेदन क्यों नहीं किया? शास्त्री ने इसके बाद मुझे कहा कि वह उस गलती को दोबारा नहीं करेंगे जो एक बार कर चुके हैं.’ सहवाग ने कहा, ‘अगर रवि पहले आवेदन कर देता तो मुझे नहीं लगता कि मेरे इस पद के लिए आवेदन करने की कोई संभावना थी. मैं कभी आवेदन नहीं करता.’

सहवाग ने मीडिया को भी घेरते हुए कहा कि शायद भारतीय मीडिया के सामने मजाक नहीं कर सकते. इसके बाद गांगुली ने भी सहवाग का साथ देते हुए कहा कि मुझे पता था कि तुमने ऐसा मजाक में कहा होगा. तुम्हे बहुत दिन भी हो गए थे मजाक किए हुए.

अब सहवाग ने ये बात मजाक बता तक खत्म तो कर दी लेकिन उन्हे समझना होगा कि उनकें ये मजाक ना केवल उनकी छवि खराब कर रहे हैं बल्कि दिग्गजों का नाम भी खराब कर रहे हैं.