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अपने कोचिंग करियर में आखिर किस बात का है डैरेन लीमन को मलाल...

बॉल टेंपरिंग की घटना के बाद इस्तीफा देने वाले लीमन की कोचिंग में कंगारू टीम ने हासिल की थीं कई कामयाबियां

FP Staff

इसी साल की शुरुआत में बॉल टेंपरिंग के मसले पर ऑस्ट्रेलिया को कोच की पोजिशन छोड़ने वाले पूर्व क्रिकेटर डैरेन लीमन का कहना है कि शायद उन्होंने जरूरत के ज्यादा वक्त कोचिंग मे दे दिया. एक रेडियो चैनल से बात करते हुए उन्होंने कंगारू टीम के साथ अपने पांच सालों को याद करते कहा कि ‘यह बेहद अच्छा रहा लेकिन शायद मैंने कुछ ज्यादा वक्त बिता दिया या यूं कहें के कि मैं जरूरत से ज्यादा वक्त तक ऑस्ट्रेलिया का कोच बना रहा.’

लीमन ने 2013 की एशेज सारीज के बाद मिकी आर्थर से ऑस्ट्रेलियाई  टीम की कोचिंग की जिम्मेदारी संभाली थी और उनके कार्यकाल में ही टीम ने 2013-14 और 2017-18 की एशेज सीरीज भी जीती. इसके अलावा 2015 में अपनी ही धरती पर ऑस्ट्रेलियाई टीम वर्ल्ड चैंपियन भी बनी.


ऑस्ट्रेलिया की कोचिंग को बेहद कठिन काम बताते हुए उनका कहना था यह 24X7 का काम है जहां कई बार नींद लेने का मौका भी नहीं मिलता है. इस साल जब ऑस्ट्रेलिया की टीम साउथ अफ्रीका के दौरे पर थी तब बॉल टेंपरिंग के मामले में कोच लीमन का मान भी उछला था लेकिन बाद में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की जांच में उन्हें बेकसूर पाया गया. इसके बावजूद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अब जस्टिन लैंगर ऑस्ट्रेलिया के कोच हैं.