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ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को भारी पड़ा टॉयलेट ब्रेक

रेनशॉ का खेल के बीच में शौच जाना बना सुर्खियां

FP Staff

ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज मैट रेनशॉ तब चर्चा का विषय बन गए, जबकि भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन उन्हें डेविड वॉर्नर के आउट होने के तुरंत बाद शौच के लिए जाना पड़ा और निश्चित तौर पर कप्तान स्टीव स्मिथ इससे खुश नहीं थे. वॉर्नर जैसे ही आउट हुए, रेनशॉ को कप्तान स्मिथ के साथ बात करते हुए देखा गया जो उसी समय क्रीज पर उतरे थे. इसके बाद उन्होंने मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबोरोग से बात की और फिर पवेलियन लौट गए.

कोई भी इस 20 वर्षीय खिलाड़ी पर हंस सकता है लेकिन जब उनसे इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सहजता से मिला. असल में उनसे उनकी 68 रन की जुझारू पारी के बजाय शौच के लिए जाने की घटना को लेकर अधिक सवाल किए. रेनशॉ ने कहा कि यह सब अचानक हुआ. डेवी के आउट होने से 5 या 10 मिनट पहले मैंने रिचर्ड (अंपायर केटेलबोरोग) से पूछा कि लंच में अभी कितना समय है और उन्होंने मुझे बताया कि आधा घंटा और इसके बाद मैं काफी परेशानी में था. यह वास्तव में अच्छी स्थिति नहीं थी.


मेरे कप्तान भी नहीं थे खुश

रेनशॉ से पूछा गया कि जब उन्होंने कप्तान स्मिथ को अपनी स्थिति के बारे में बताया तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी, उन्होंने कहा कि वह इससे खुश नहीं थे, लेकिन वह समझते हैं कि जब आपको शौच के लिए जाना होता हो तो आपको जाना ही पड़ेगा. यह आदर्श स्थिति नहीं थी, लेकिन यही जिंदगी. निश्चित तौर पर हमने उसी समय विकेट गंवाया था और दो नए बल्लेबाज क्रीज पर आ गए थे. यह मुश्किल परिस्थिति थी और वह समझते थे. हमने बाद में बात की और अब सब कुछ सही है.

नहीं पता था क्या हैं नियम?

रेनशॉ ने कहा कि उन्हें इस बारे में नियमों की ज्यादा जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में नियमों के बारे में ज्यादा पता नहीं था. मुझे नहीं पता था कि आप बीमार होने पर रिटायर्ड हो सकते हो, इसलिए मैं लंच तक बल्लेबाजी करना चाहता था. इसके बाद बल्लेबाजी के लिए इंतजार करना कुछ अजीब था, क्योंकि सलामी बल्लेबाज के रूप में आपको सीधे बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ता है. बल्लेबाजी के लिए इंतजार करना सबसे चुनौतीपूर्ण होता है.

भारतीय कोच संजय ने क्या कहा?

भारत के सहायक कोच संजय बांगड़ भी स्थिति को समझते थे. उन्होंने कहा कि जब आपको शौच के लिए जाना हो तो फिर कितनी भी इच्छाशक्ति और मानसिक मजबूती उसे नियंत्रित नहीं कर सकती. उसे जाना ही था. शायद वह रोक सकता था. उसने कप्तान स्टीव स्मिथ से भी बात की कि वह ऐसा करे या नहीं. लेकिन एक स्थिति ऐसी आती है कि उस पर नियंत्रण नहीं रखा जा सकता. ऐसी घटनाएं होती है. बांगड़ ने कहा कि उन्होंने जिस तरह से वापसी की उसका श्रेय उसे जाता है. उसने शुरूआत भी अच्छी की थी. उसने जज्बा दिखाया