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'कैप्टन कूल' के फैसले जिनसे बदले मैच

महेंद्र सिंह धोनी के पांच फैसले, जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा

FP Staff

महेंद्र सिंह धोनी ने बार-बार ऐसे फैसले लिए हैं, जिन्होंने क्रिकेट दुनिया को चौंकाया है. 35 साल के विकेट कीपर-बल्लेबाज के ऐसे फैसले ज्यादातर उनके पक्ष में ही गए हैं.

जोगिंदर शर्मा से आखिरी ओवर


2007 वर्ल्ड कप टी 20 फाइनल में पाकिस्तान को आखिरी ओवर में 13 रन बनाने थे. हरभजन सिंह का ओवर  बाकी था. उम्मीद थी कि उन्हें गेंद दी जाएगी. धोनी ने तय किया कि वो हरियाणा के गेंदबाज जोगिंदर से गेंदबाजी कराएंगे. जोगिंदर ने वाइड से शुरुआत की. फिर एक छक्का लगा. धोनी ने श्रीसंत को शॉर्ट फाइन लेग पर बुला लिया. मिस्बाह झांसे में आ गए. उन्होंने कैच थमाया दिया. इसी के साथ पाकिस्तान की उम्मीदें टूटीं और भारत चैंपियन बन गया.

वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज से पहले बैटिंग के लिए आना

भारत ने 1983 के बाद 50 ओवर का वर्ल्ड कप नहीं जीता था. श्रीलंका ने 275 का लक्ष्य रखा था. भारत का स्कोर दो विकेट पर 31 रन थे. धोनी ने युवराज से पहले बैटिंग के लिए आने का फैसला किया. गौतम गंभीर और धोनी ने 109 रन की साझेदारी की. उन्होंने 79 गेंदों में 91 रन बनाए. नुवान कुलसेकरा की गेंद को लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्का लगाकर मैच खत्म किया.

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में इशांत शर्मा से गेंदबाजी

2013 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में इंग्लैंड ने शुरुआत मे विकेट खो दिया था. टारगेट 130 रन था. बारिश की वजह से मैच 20-20 ओवर का था. हालांकि इऑन मॉर्ग और रवि बोपारा ने अपनी टीम के लिए जीत की उम्मीदें बंधा दीं. इंग्लैंड को 18 गेंद में 28 रन बनाने थे. छह विकेट उनके हाथ में थे. इशांत शर्मा, अश्विन और रवींद्र जडेजा के ओवर बचे थे. कैप्टन कूल ने 18वां ओवर इशांत को देने का फैसला किया. इशांत ने दो गेंदों पर दो विकेट लिए. इस ओवर ने मैच बदल दिया. भारत पांच रन से जीता.

लॉर्ड्स टेस्ट, 2014 में इशांत की गेंदबाजी

भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट की सीरीज का दूसरा मैच 95 रन से जीता था. हालांकि आखिरी दिन ऐसा होना आसान नहीं था. जो रूट और मोईन अली ने पांचवें विकेट के लिए साझेदारी की थी. धोनी ने इशांत से रणनीति बदलने को कहा. उन्होंने राउंड द विकेट जाकर शॉर्ट पिच गेंदबाजी के लिए कहा. इशांत हिचकिचा रहे थे. लेकिन आखिर में वो मान गए. इशांत ने पांच विकेट लिए और मेजबान टीम सीरीज में आगे निकल गई.

बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर एक ग्लव उतारना

वर्ल्ड टी 20 का मुकाबला था बांग्लादेश के खिलाफ. मुशफिकुर रहीम और महमूदुल्लाह को बस शांत रहकर खेलना था. दूसरी तरफ धोनी के पास हार्दिक पांड्या से गेंदबाजी कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. दो चौकों के साथ रहीम ने जश्न भी शुरू कर दिया था. तीन गेंद में दो रन की जरूरत थी. अगले दो गेंद पर बांग्लादेश ने दो विकेट खो दिए. आखिरी गेंद पर दो रन की जरूरत थी. धोनी ने दायां ग्लव उतार दिया, ताकि रन आउट के लिए उनके पास बेहतर मौके हों. जैसा धोनी ने सोचा था, वही हुआ. धोनी ने कुछ सेंटीमीटर से मुस्तफिजुर रहमान को रन आउट कर दिया.