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समय का चक्र देखिए... धोनी ने जो गड्ढा खोदा, उसी में गिर पड़े!

पुणे के मालिक ने कहा,हमारी कोशिश है कि पूरे तरीके से यंग और फिट टीम रखी जाए

Lakshya Sharma

आईपीएल से पहले पुणे सुपरजायंट्स ने एमएस धोनी को कप्तानी से हटाकर इतना बड़ा फैसला किया कि इससे हर कोई हैरान था. हर किसी के मन में सवाल था कि इतने महान कप्तान को कोई कैसे हटा सकता है? धोनी ने कभी खुद को हटाने का मौका किसी को नहीं दिया. नेशनल टीम को लेकर भी जब तक  कोई उनसे कहता, उससे पहले हीउन्होंने कप्तानी छोड़ दी. लेकिन आईपीएल क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान को टीम की कप्तानी से हटाया जाएगा, ये शायद उन्होंने खुद ने नहीं सोचा था.

राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के मालिक संजीव गोयनका ने इस मसले पर कहा, 'आईपीएल के इस सीजन के लिए स्मिथ कप्तान होंगे. हालांकि माही एक अच्छे कप्तान हैं. लेकिन हमारी कोशिश है कि पूरे तरीके से यंग और फिट टीम रखी जाए. इसलिए ही एक युवा कप्तान को लाया गया. माही ने हमारे फैसले का स्वागत किया है.'


अगर इस बयान को आपने अच्छी तरह पढ़ा होगा तो थोड़ा चकित होंगे. पुणे टीम के मालिक ने कहा कि हम एक यंग और फिट टीम चाहते हैं.

इस बयान को पढ़कर आपके मन में कुछ पुरानी यादें ताजी हो सकती है. अगर याद नहीं आ रहा तो चलिए हम याद दिलाते हैं. साल 2012- ये वो साल है जब भारतीय टीम अपने सबसे मुश्किल दौर में से गुजर रही थी.

लगातार हार से टीम इंडिया के हौसले पस्त हो चुके थे. उस समय टीम इंडिया के कप्तान धोनी ने इन हार का ठीकरा सीनियर खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और वीरेंद्र सहवाग के सिर फोड़ा.

धोनी ने कई बार कहा कि इन सीनियर खिलाड़ी के कारण टीम का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है. टीम इंडिया की फील्डिंग का स्तर भी इन्हीं खिलाड़ियों के कारण गिरा है. धोनी के इन बयानों के कारण टीम इंडिया दो गुटों में बंट गई थी. दोनों ही गुट के खिलाड़ी एक दूसरे पर टिप्पणी कर रहे थे.

लेकिन अब समय का चक्र देखिए, पांच साल बाद धोनी भी उसी जगह खड़े हैं जहां कुछ साल पहले तक उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों को खड़ा किया था. अब धोनी की उम्र के कारण उन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. जिस कप्तान ने हमेशा युवा टीम की वकालत की आज करियर के आखिरी दौर में वह उस टीम में शायद फिट नहीं बैठते.

कम से कम आईपीएल में पुणे टीम के मालिक का तो यही कहना है. पुणे के मालिक ने साफ कहा है कि धोनी से टीम की कप्तानी ली गई है. इसका मतलब है कि उन्होंने अपनी मर्जी से कप्तानी नहीं छोड़ी बल्कि उन्हे हटाया गया है. हालांकि धोनी की फिटनेस पर किसी को शक नहीं है लेकिन शायद बढ़ती उम्र उन्हे दगा दे गई.

धोनी ने जिस तरह अपने सीनियर के साथ बर्ताव किया उससे हर कोई नाराज था लेकिन अब धोनी भी उसी पड़ाव पर हैं. कुछ समय पहले की ही बात थी कि  जब धोनी ड्रेसिंग में अकेले पड़ गए थे. जिस टीम को उन्होंने खड़ा किया उसी ने धोनी को सपोर्ट नहीं किया.