India vs Australia (Test)
ये हमारी सबसे अच्छी सीरीज जीत है. हमने इग्लैंड को हराया लेकिन इस सीरीज में दोनों ही टीमों ने शानदार खेल दिखाया. रहाणे ने जिस तरह कप्तानी की वह शानदार था. हमने पूरे सीजन में अच्छा क्रिकेट खेला और कई बार पीछे रहते हुए भी मैच जीता. इस सीजन में सभी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. सभी खिलाड़ियों को इसका श्रेय जाता है. उमेश यादव ने जिस तरह से पूरे सीजन में गेंदबाजी की वह काबिलेत तारीफ है- विराट कोहली
11:35 (IST)टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. विराट कोहली का चोटिल होना हमारे लिए बड़ा झटका था. 131/1 के बाद ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाना चाहते थे क्योंकि हमें पता था कि वॉर्नर और स्मिथ के अलावा सभी बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इस सीजन में हमारे तेज गेंदबाजों ने भी शानदार गेंदबाजी की थी. मैने गाले टेस्ट से सबक लिया और इस मैच में छोटे लक्ष्य का हासिल करते हुए आक्रामक रूख अपनाया..धर्मशाला का पिच शानदार था और यह बल्लेबाजी के लिए भी अच्छा था- अजिंक्य रहाणे
11:31 (IST)बहुत ही अच्छा लग रहा है. दुनिया का नंबर वन बॉलर बनकर काफी खुश हूं. जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो सोच रहा था कि टाइम लूं. वेड पीछे से काफी कुछ बोल रहे थे. जिससे मैं और मोटिवेट हुआ. एक खिलाड़ी के रूप में खुद में सुधार ला रहा हूं. कुछ लोग कहते थे कि मैं टैस्ट का खिलाड़ी नहीं हूं. ये उन लोगों को जवाब है. अश्विन के साथ गेंदबाजी करना अच्छा लगता है. कोशिश करूंगा जल्दी ही शतक बनाकर और अच्छा तलवार चलाउं. धर्मशाला की पिच शानदार थी. हमारे तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया- रवींद्र जडेजा
11:27 (IST)रवींद्र जडेजा बने मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज
11:25 (IST)भारत ने शानदार खेल दिखाया. मुझे अपने खिलाड़ियों पर गर्व है क्योंकि युवा खिलाड़ियों के लिए भारत में खेलना काफी चुनौतीपूर्ण था. मैच के तीसरे दिन हमने मैच में पकड़ खो दी. भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की. जब हम आए थे तो लोगों ने कहा कि हम 4-0 से सीरीज हारेंगे, हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. धर्मशाला का मैदान और जगह दोनों ही शानदार है. भारत में अच्छा प्रदर्शन करना सुखद है. मैं अपनी टीम के काम आना चाहता था. इस सीरीज में मुझसे कई गलती हुई उसके लिए मैं माफी मांगता हूं- स्टीवन स्मिथ
11:21 (IST)
अपने पहले ही टेस्ट में कप्तानी करते हुए जीत
Sachin Tendulkar Sourav Ganguly Ravi Shastri Sunil Gavaskar Polly Umrigar Anil Kumble MS Dhoni Virender Sehwag AJINKYA RAHANE 11:01 (IST) एक सीरीज में 6 अर्धशतक, बिना शतक लगाए Sir Conard Hunte v Australia,1964/65 Allan Border v England,1989 Michael Atherton v Australia,1993 Chris Roger v India,2014/15 LOKESH RAHUL v Australia,2016/17 11:00 (IST) एक सीरीज में 6 अर्धशतक, बिना शतक लगाए Sir Conard Hunte v Australia,1964/65 Allan Border v England,1989 Michael Atherton v Australia,1993 Chris Roger v India,2014/15 LOKESH RAHUL v Australia,2016/17 11:00 (IST)सबसे ज्यादा अर्धशतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 - LOKESH RAHUL 5 - Gundappa Viswanath 5 - VVS Laxman 10:58 (IST)
लोकेश राहुल 51 और रहाणे ने नाबाद 38 रन बनाए, दोनों के बीच 9.5 ओवर में ही 60 रन की साझेदारी हुई
10:54 (IST)भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 26वीं बार टेस्ट मैच में हराया. भारत ने इससे ज्यादा बार किसी टीम को नहीं हराया
10:53 (IST)भारत ने चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर 4 मैचों की सीरीज 2-1 से हराया.
10:40 (IST)
रहाणे ने अभी कमिंस की गेंद पर लगातार दो छक्के लगाए है..
10:27 (IST)सहवाग का मजाकिया ट्वीट
हेजलवुड की जगह कमिंस गेंदबाजी के लिए और आते ही उन्होने भारत को विजय के रूप में पहला झटका दिया. दूसरी तरफ नैथन लायन ने अच्छी गेंदबाजी की. उन्हे पिच से अच्छी खासी मदद मिल रही है. हालांकि केएल राहुल अभी भी जबदस्त तरीके खेल रहे है. वह अपना स्वभाविक तरीके से ही खेल रहे हैं. भारत को जीत के लिए अभी भी 46 रन की जरूरत है और उसके 8 विकेट अभी भी बचे हैं.
भारत का स्कोर 63/2
10:10 (IST)आउट...भारत का दूसरा विकेट गिरा...चेतेश्वर पुजारा रन आउट हुए. राहुल और पुजारा के बीच रन लेते समय तालमेल में कमी और मैक्सवेल का सीधा थ्रो..पुजारा क्रीज से बहुत दूर थे. भारत का स्कोर 46/2
दिन में 88 ओवर किए गए. 230 रन बनए. 14 विकेट गिरे. आंकड़ों के लिहाज से धर्मशाला में यही हुआ. लेकिन ये नंबर ड्रामे, तनाव और रोमांच के चरम के साथ आवरण में लिपटे हुए आए. ये दिन ऐसी सीरीज में बेस्ट कहा जा सकता है, जिसमें ड्रामे की किसी लिहाज से कोई कमी नहीं रही.
दिन दो गेंदबाजों के नाम रहा. दोनों तरफ से एक. पैट कमिंस और उमेश यादव. दोनों ने तेज गेंदबाजी का वो स्तर दिखाया, जो भारतीय पिचों पर बमुश्किल दिखाई देती है. दोनों ने रफ्तार का नमूना दिखाया. जबरदस्त आक्रामकता नजर आई. दोनों ने मिलकर दिन के 14 में से पांच विकेट लिए. लेकिन इस दौरान पिच पर, बल्लेबाजों के बल्लों के किनारों पर, शरीर और हेल्मेट पर ऐसे निशान छोड़े, जो याद रहेंगे. सिर्फ इतना नहीं बल्लेबाजों की मानसिकता पर भी गहरा निशान पड़ा.
कमिंस की गेंदबाजी रहेगी याद
111वां ओवर था. जडेजा 87 गेंदों पर 52 रन बना चुके थे. कमिंस की पहली गेंद शॉर्ट और सनसनाती हुई थी. गेंद जडेजा के हेल्मेट पर लगी. कमिंस ने फिर बाउंसर की. जडेजा हुक करने गए. लेकिन समझ आया कि ये कुछ ज्यादा ही तेज है. स्टंप के पीछे से वेड लगातार उन्हें छेड़ रहे थे. कमिंस भी फॉलोथ्रू में उनसे बात करने का मौका नही छोड़ रहे थे. जडेजा ने शॉट खेला. मिड विकेट के ऊपर से उन्हें चौका मिला. स्मिथ ने इस शॉट के लिए तीन खिलाड़ियों को लेग साइड पर लगाया. कमिंस ने फिर बाउंसर की. जडेजा फिर हुक करने गए. गेंद डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग के सिर के ऊपर से गई. कमिंस बाउंसर का कोटा पूरा कर चुके थे. इसलिए लेंथ बॉल की. जडेजा ने डिफेंड किया. कमिंस के चेहरे पर मुस्कान थी.
113वें ओवर की पहली गेंद फिर बेहद तेज थी. गुड लेंथ, वाइड. कमिंस ने आक्रामकता और चतुराई का मिश्रण किया था. जडेजा बैक फुट पर शॉर्ट बॉल का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने शॉट खेलने की कोशिश की. अंदरूनी किनारा स्टंप्स बिखेर गया.
अगले ओवर की पहली गेंद पर कमिंस ने फिर तेजी से उठती गेंद की. कंधे का इस्तेमाल था, जिससे गेंद तेजी से उठी. दुनिया के बेस्ट बैट्समैन को भी इस पर परेशानी होती. साहा अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे. वो खुद को बचाने की कोशिश में दिखे. बल्ले के ऊपरी हिस्से पर लगकर गेंद दूसरी स्लिप में गई. स्मिथ ने छलांग लगाकर कैच लिया. जब कमिंस इस स्पैल के लिए आए, तो भारत पांच रन आगे था. छह विकेट सुरक्षित थे. सातवें विकेट की साझेदारी में 84 रन बने थे. जब कमिंस ने अपनी कोशिश खत्म की, तो भारत 18 रन आगे था. उसने तीन विकेट खो दिए थे.
सुबह कमिंस की, शाम उमेश यादव की
इसके करीब एक घंटे बाद उमेश यादव की बारी थी. अपने पहले ही ओवर में उन्होंने एक तरह से मैट रेनशॉ का सिर उखाड़ दिया था. गेंद पिच से अचानक उठी और सीधे बल्लेबाज के चेहरे की तरफ आई. साहा को जैसे सीढ़ी चढ़कर उस गेंद को नीचे लाना पड़ा था. दूसरे ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने फास्ट बॉल की ड्रीम बॉल की. बल्लेबाज के बल्ले का किनारा लिया. करुण नायर ने जैसे कैच छोड़ने की आदत बना ली है. उन्होंने एक बार फिर वॉर्नर का कैच टपका दिया. हालांकि यादव ने तय किया कि इस बार वो भारत को नुकसान नहीं होने देंगे.
उन्हें विकेट मिला और ऐसा लगा कि इसने उनको और ज्यादा उत्साहित कर दिया है. उनकी रफ्तार बढ़ गई. मैट रेनशॉ को सनसनाती गेंदें की उन्होंने. हर बार जब गेंद ने बल्ले को छकाया, उमेश यादव ने रुककर बल्लेबाज को किलर लुक दिया. घूरा, जैसे वो खा जाएंगे. पांचवें ओवर में वो राउंड द विकेट आए. एक और बाउंसर की. एक बार फिर रेनशॉ अपना चेहरा बचाने के लिए हड़बड़ाए. फिर उन्होंने ऑफ स्टंप के बाहर उस चैनल में गेंद की, जहां बल्लेबाज हमेशा परेशानी में आता है. रफ्तार, बाउंस और सीम मूवमेंट के साथ गेंद ने रेनशॉ के बल्ले का किनारा लिया और कैच हो गए.
यही काफी नहीं था. 51वें ओवर में वो फिर आए. इस बार नैथन लायन को उछाल और लेट मूवमेंट से परेशानी में डाला. लायन दूसरी स्लिप में कैच दे गए. मैथ्यू वेड को भी उन्होंने परेशानी में डाला. लेकिन अश्विन ने आसान सा कैच टपका दिया. दस ओवर्स, इसमें से तीन मेडन, 29 रन और तीन विकेट. पूरे सीजन में उन्होंने कमाल की बॉलिंग की है. लेकिन शायद अपना बेस्ट आखिर के लिए बचाकर रखा था.
जडेजा और साहा ने भारत को बढ़त दिलाई
इन दोनों के अलावा, सुबह जडेजा और ऋद्धिमान साहा ने 52 रन की भरपाई कर ली, जिससे भारत पीछे था. साहा सपोर्टिंग रोल के लिए परफेक्ट बल्लेबाज थे. जडेजा स्टार थे. उन्होंने बेहतरीन स्किल के साथ बल्लेबाजी की. जडेजा और वेड के बीच कहासुनी भी खूब हुई. जब तक कमिंस नहीं आए, तब तक दोनों ने आराम से बल्लेबाजी की.
पहले सत्र में भारत की पारी खत्म हुई, तो वो 32 रन आगे था. उस समय लग रहा था कि इस बढ़त का कोई खास मतलब नहीं है. लेकिन उमेश यादव ने जिस तरह शुरुआत की और भुवनेश्वर ने स्टीव स्मिथ का विकेट लिया, इससे मैच पूरी तरह भारत की गिरफ्त आता दिखने लगा.
इस बीच ग्लेन मैक्सवेल ने जरूर ऐसी पारी खेली, जिसका जिक्र जरूरी है. विकेट लगातार गिर रहे थे. उस बीच उन्होंने पूरे भरोसे वाली पारी खेली. मैक्सवेल या तो पूरी तरह आगे आ रहे थे या पीछे जा रहे थे. उनमें भरोसा था. उनकी पारी में छह चौके थे. एक छक्का कुलदीप यादव को लगाया था. बस, एक लम्हा आया, जो मानो उनका दिमाग बंद कर गया. अश्विन को शॉट न खेलने का फैसला किया और पैड आगे कर दिया. उन्हें मैदान पर अंपायर ने एलबीडबल्यू दिया. फिर रेफरल में भी वो आउट हुए.
ऑस्ट्रेलिया की पारी में दो बातें उभर कर आईं. लगभग 54 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने 154 रन बनाए. पहली बात उभरी, वो है भारतीय गेंदबाजों की आक्रामकता. चाहे वो स्पिन की बात हो या पेस की. कुलदीप दुर्भाग्यशाली थे कि मैक्सवेल के सामने पड़ गए. वरना बाकी चारों गेंदबाजों ने विपक्षी को एक इंच नहीं दिया.
दूसरी खास बात थी रहाणे की कप्तानी. उन्होंने जिस तरह गेंदबाजी में बदलाव किया, वो कमाल का था. जब कुलदीप पर रन पड़ रहे थे, तो उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया. गेंद थोड़ी सॉफ्ट हुई, तो अश्विन को लेकर आए. अश्विन ऐसी गेंद के साथ गेंदबाजी पसंद करते हैं. जब निचला क्रम संघर्ष करता दिख रहा था, तो वो कुलदीप के बजाय उमेश की तरफ गए. उनकी फील्ड प्लेसिंग आक्रामक थी.
भारत चौथे दिन की शुरुआत करेगा, तो उसके दसों विकेट हाथ में होंगे. 87 रन की जरूरत है, जो उसे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा करा देगी. मेहमानों के पास अभी मामूली मौका है, जिससे वे वापसी कर सकते हैं. लेकिन ये तय है कि चौथे दिन फैसला हो जाएगा.