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जब गावस्कर ने बहन की गाली को समझा पैंट...

सीसीआई के समारोह में गावस्कर और कपिल ने सुनाए किस्से

FP Staff

सुनील गावस्कर और कपिल देव साथ हों, तो नजारा अलग होता है. दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता की बातें तो कई दशकों से चलती आई हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से दोनों का साथ होना तमाम किस्से-कहानियां लेकर आता है. कुछ ऐसा ही मुंबई के सीसीआई में हुआ, जहां दोनों दिग्गज एक समारोह में मौजूद थे.

गावस्कर ने 1979 का किस्सा सुनाया. उन्हें पंजाबी नहीं आती थी. पाकिस्तानी टीम पंजाबी बोलने में माहिर तो थी ही, साथ ही गालियों में भी इस टीम को महारत हासिल थी. गावस्कर ने कहा, ‘1979 की बात है. उससे पहले मैदान पर ज्यादा कुछ बोला नहीं जाता था. आमतौर पर वेल प्लेड या इस तरह की बातें ही की जाती थीं.’


गावस्कर के लिए वो सीरीज अलग अनुभव लेकर आई. उन्होंने कहा, ‘मैंने देखा कि माहौल बदला हुआ है. आपस में बात करने के बजाय लंबा-तगड़ा फास्ट बॉलर आपसे कुछ फुट दूर है और आपको कुछ कह रहा है. मैं लंच के वक्त ड्रेसिंग रूम में आया. हर कोई जानना चाहता था कि मैदान के अंदर क्या बोला जा रहा है.’

दिलचस्प वो है, जो गावस्कर को समझ आया. गावस्कर से जब किसी ने पूछा, तो उनका जवाब था, ‘वो गाली दे रहा है, लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा कि हर बात में पैंट-पैंट क्यों बोल रहा है. मेरा पैंट से क्या लेना देना.’

उस वक्त कपिल देव आए. उन्होंने समझाया कि आखिर गावस्कर को कहा क्या जा रहा है. कपिल ने उन्हें समझाया कि वो पैंट नहीं बहन की गाली दे रहे हैं. पंजाबी में बहन का उच्चारण पैण जैसा सुनाई देता है, जिसे गावस्कर पैंट समझ रहे थे. कपिल ने उन्हें बताया कि मुझे पंजाबी में सब कुछ समझ आता है. मां भी और बहन भी. गावस्कर और कपिल के इस किस्से ने सीसीआई को ठहाकों की आवाज से भर दिया.

इससे पहले भी गावस्कर तमिल न जानने की परेशानी के किस्से सुनाते रहे हैं. खासतौर पर तब, जब उन्हें कृष्णमाचारी श्रीकांत के साथ बल्लेबाजी करनी पड़ती थी. दोनों ओपनर थे. श्रीकांत तमिलभाषी थे. रन लेने के समय वो हमेशा कहते थे- पो. तमिल शब्द पो का मतलब है गो. दूसरी तरफ, खड़े गावस्कर को लगता था कि श्रीकांत कह रहे हैं नो. मतलब रन नहीं लेना. इसे लेकर काफी परेशानियां सामने आईं, जिसे बातचीत करके सुलझाया गया.