view all

गांगुली ने क्यों कहा- कुंबले-कोहली विवाद को सही तरीके से नहीं निपटाया गया

गांगुली ने शास्त्री के बारे में कहा, ‘हर किसी को दावेदारी पेश करने का अधिकार है.’

FP Staff

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का मानना कि राष्ट्रीय टीम के पूर्व कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच विवाद को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सही तरीके से सुलझाने में नाकाम रहा.

क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य गांगुली ने कहा, ‘अनिल कुंबले और विराट कोहली के बीच के विवाद को और बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था. जिस पर भी यह जिम्मेदारी थी उसे दोनों के बीच और बेहतर तरीके से विवाद को सुलझाना चाहिए था.’


सीएसी पर ही टीम का मुख्य कोच चुनने की जिम्मेदारी है. कुंबले की नियुक्ति भी सीएसी ने ही की थी. सीएसी में गांगुली के अलावा सचिन तेंदुलकर, वीवीएस. लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी भी हैं.

कुंबले ने कोहली से विवाद के चलते ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद बीसीसीआई ने कोच पद के लिए नामांकन करने की तारीख को नौ जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. ऐसी खबरें हैं कि कुंबले से पहले टीम के निदेशक रहे रवि शास्त्री ने भी कोच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है.

शास्त्री के नामांकन की खबर के बारे में पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘हर किसी को दावेदारी पेश करने का अधिकार है.’

गांगुली को बीसीसीआई ने उस सात सदस्यीय समिति में भी शामिल किया है जो लोढ़ा समिति कि सिफारिशों को लागू करने की देखरेख करेगी और अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी.

गांगुली से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘समिति प्रशासकों की समिति की चुनौती का सामना करेगी.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मेरी भूमिका क्या है।. इसके बारे में पता करना होगा,’

विवाद सुलझाने में सीएसी की भूमिका क्या थी?

गांगुली ने बोर्ड के लिए तो कह दिया कि विवाद को और अच्छे से सुलझाया सकता था लेकिन सवाल ये हैं कि ये जिम्मेदारी उनकें, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के हाथ में भी तो थी. तो क्या उनकें पास कोई अधिकार नहीं थे या किसी ने इन महान खिलाड़ियों की भी नहीं सुनी.