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'यो-यो' टेस्ट पर रोने वालों, जरा जान तो लो बाकी देशों में यह कितना मुश्किल है!

पाकिस्तान-श्रीलंका भी यो-यो टेस्ट में पास होने का पैमाना भारत से कहीं ज्यादा है

FP Staff

हाल के कुछ वक्त से फिटनेस का यो-य़ो टेस्ट भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा चक्रव्यूह बनकर सामने आया है जिसमें फंसकर कई क्रिकेटर टीम इंडिया अपनी जगह गंवा चुके हैं.

पिछली साल युवराज सिंह और सुरेश रैना के फेल हो जाने के बाद यह टेस्ट सुर्खियों में आया और इस बार मोहम्मद शमी, अंबाती रायुडू और संजू सैमसन इसमें नाकाम होकर टीम  से अपनी जगह गंवा चुके हैं.


भारतीय क्रिकेटरो के भीतर यो-यो टेस्ट का खौफ इस कदर फैला हुआ है कि कई क्रिकेटर इसमें पास होने का ऐलान सोशल मीडिया पर बड़ी धूम-धाम के साथ करते हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई में यह टेस्ट इतना मुश्किल है और अगर है तो बाकी देशों में क्रिकेटरों की फिटनेस तय करने का पैमाना क्या होता है.

यह जानकर किसी को भी हैरानी होगी कि भारत में यो-यो टेस्ट में पास होने का पैमाना बाकी देशों की तुलना में काफी कम है.

भारत में कोई क्रिकेटर 16.1 पॉइंट हासिल करके यो-यो टेस्ट में पास हो सकता है जबकि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में यह पैमाना 19 है. ऑस्ट्रेलिया में भी यह पैमाना 4-5 साल पहले 19  हुआ करता था अब वहां इसे बंद कर दिया गया है.

साउथ अफ्रीका में हर खिलाड़ी के लिहाज से उसका पैमाना किया जाता है लेकिन यह 16 के कम कतई नहीं होता.

बात अगर एशियाई देशों की की जाए तो भी भारतीय क्रिकेटरों को काफी राहत है.

श्रीलंका और पाकिस्तान में यह बेंचमार्क 17.4 है जो भारत से कहीं अधिक है.

बहरहाल टीम मैनेजमेंट अब इस बैंचमार्क को 16.1 से बढ़ाकर 16.3 करने पर विचार कर रहा है और अहगर ऐसा हुआ तो फिर इसमें फेल होने वाले क्रिकेटरों का लिस्ट का बढ़ना भी लाजिमी होगा.