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करुण नायर बोले, मुझे उस तरह का मौका नहीं मिला जो मिलना चाहिए था

नायर ने कहा, मैं सिर्फ घरेलू क्रिकेट में रन बनाकर अपने आप को बेहतर करने की कोशिश कर सकता हूं

FP Staff

भारत के लिए तिहरा शतक मारने वाले भारतीय टेस्ट बल्लेबाजों की बात होती है तो सिर्फ दो नाम सामने आते हैं. पहला वीरेंद्र सहवाग और दूसरा करुण नायर. लेकिन दो साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में यह कारनामा करने के बाद से वह टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने को तरस रहे हैं. वेस्ट इंडीज के लिए खिलाफ दो टेस्ट के लिए बीसीसीआई ने शनिवार को भारतीय टीम घोषित की जिसमें कई युवा चेहरों को शामिल किया गया. मगर करुण नायर एक बार फिर टीम में वापसी की बाट जोहते रह गए.

भारतीय चयनकर्ताओं ने करुण नायर को हाल ही में हुए इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम में जगह दी थी. लेकिन उन्हें एक मैच में भी मौका नहीं दिया गया. यही नहीं ओवल पर पांच मैचों की सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में भारत ने दो बदलाव किए. प्लेइंग इलेवन में हार्दिक पांड्या के स्थान पर हनुमा विहारी को शामिल किया गया. हनुमा विहारी ने इस मैच के जरिए भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पर्दापण किया. हनुमा विहारी भारत के 292 टेस्ट खिलाड़ी बन गए. 24 साल के हनुमा विहारी को इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जड़ने वाले करुण नायर की जगह तवज्जो दी गई थी. उस समय क्रिकेट दिग्गजों ने भी विराट कोहली के इस फैसले पर सवाल उठाए थे.


बस एक बात का अफसोस है

क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में करुण नायर ने कहा कि उनका मानना है कि उन्हें बीते दो सालों से काबिलियत के मुताबिक टेस्ट में मौके नहीं मिले. नायर ने कहा, 'मैं 300 रन वाले रिकॉर्ड से आगे बढ़ चुका हूं. उस बात को दो साल से ज्यादा हो चुके हैं. मुझे लगता है कि लोग जानते हैं मेरी काबिलियत क्या है. मुझे न खुद को ना ही किसी और को कुछ साबित करना है. मुझे पूरा भरोसा है कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रन बना सकता हूं. मुझे बस एक बात का अफसोस है कि उस पारी (300 रन) के बाद मुझे सेलेक्ट नहीं किया गया. मुझे उस तरह का मौका नहीं मिला जो मुझे मिलना चाहिए था. बस इसी बात का अफसोस होता है.'

ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है

करुण नायर ने कहा कि उन्होंने 2017 की ऑस्ट्रेलिया में शुरुआत अच्छी की, लेकिन बाद में असफल हो गया. नायर ने बोला,  'मैंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान चार पारियां खेलीं. मैंने पहली दो पारियों में अच्छी शुरुआत की थी. लेकिन बाकी दो पारियों में नाकाम रहै. ऐसा किसी भी बल्लेबाज के साथ हो सकता है. लेकिन मुझे निराशाजानक बात ये लगी कि मैं उस सीरीज के बाद टीम से बाहर ही रहा. टीम का सेलेक्शन तो मैनेजमेंट और बाकी लोगों का फैसला होता है. आपको एक खिलाड़ी के तौर पर उसका सम्मान करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. मैं सिर्फ घरेलू क्रिकेट में रन बनाकर अपने आप को बेहतर करने की कोशिश कर सकता हूं.'

करुण नायर ने अंतिम टेस्ट मैच पिछले साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. पहला टेस्ट 2016 नंवबर में इंग्लैंड के खिलाफ खेलने वाले नायर ने अपने छोटे से करियर में छह टेस्ट खेले हैं और 374 रन बनाए हैं.