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विरार से माउंट माउनगानुई तक का सफर काफी कठिन रहा : पृथ्वी शॉ

उनकी टीम ने योजना को अंजाम तक पहुंचाया और उन्हें इस पर बेहद गर्व

Bhasha

विश्व कप विजेता अंडर-19 भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ ने सोमवार को मुंबई में कहा कि उनके लिए विरार से माउंट माउनगानुई (न्यूजीलैंड) तक का सफर काफी ‘कठिनाइयों’ से भरा रहा. उन्होंने कहा कि अपने नेतृत्व में टीम के विश्व कप जीतने की खुशी को वह शब्दों में बयां नहीं कर सकते. भारत ने माउंट माउनगानुई में शनिवार को खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार अंडर-19 विश्व कप जीता.

न्यूजीलैंड से यहां पहुंचने पर शॉ ने कहा, ‘विश्वकप विजेता कप्तान बनने की अनुभूति को मैं शब्दों में अभिव्यक्त नहीं कर सकता। सबका शुक्रिया.’ महाराष्ट्र के पालघर जिले के छोटे से शहर विरार में रहने वाले शॉ ने अपने गृहनगर से न्यूजीलैंड तक के सफर को याद करते हुए कहा, ‘ विरार में मैं जहां रहता था वहां से मेरा सफर काफी मुश्किल भरा रहा है. इसका श्रेय मेरे पिता को जाता है जो मुझे हर जगह लेकर जाते थे. वह मुझे मैच और अभ्यास के लिए घर से काफी दूर ले जाते थे. ट्रेन से इस सफर में दो घंटे का समय लगता था और उन दिनों यह काफी मुश्किल भरा था. भारतीय अंडर-19 टीम से खेलने के लिए पिछले दो-तीन वर्षों से मैं काफी कड़ी मेहनत कर रहा हूं.’


रणजी और दलीप ट्रॉफी के पदार्पण मैच में शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा,‘ यह सब अनुभव की बात है, जब आप सात-आठ साल के होते हैं तो स्कूल क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं और रन बनाते हैं, स्कूल स्तर से मेरे कोच से लेकर अब राहुल द्रविड़ सर तक सभी छोटी, छोटी चीजों और अनुभव का फर्क पड़ता है.’ टूर्नामेंट में दो अर्धशतक सहित 261 रन बनाने वाले शॉ ने कहा कि उनकी टीम ने योजना को अंजाम तक पहुंचाया और उन्हें इस पर बेहद गर्व है.

शॉ ने कहा, ‘ मैं बहुत खुश हूं और मुझे गर्व है, मैंने स्कूल स्तर पर काफी क्रिकेट खेला है और वहां बहुत रन बनाए हैं. फिर रणजी ट्रॉफी खेला, लेकिन जब हम भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो यह एक अलग अहसास होता है. ’