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‘पता नहीं कौन’ से मैच विनर कैसे बने जयंत यादव

इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में जमाया शतक

FP Staff

कुछ महीने पहले अगर आप सड़क पर लोगों से पूछते कि जयंत यादव कौन है, तो संभव है कि पलटकर आपसे सवाल पूछा जाता. पूछा जाता कि कौन जयंत यादव. लेकिन आज पूरी क्रिकेट दुनिया उन्हें जानती है. इंग्लैंड के खिलाफ वानखेडे स्टेडियम में उन्होंने जो पारी खेली है, उसे लंबे वक्त तक याद किया जाएगा. जयंत यादव ने 104 रन की पारी खेली. 204 गेंद की पारी में 15 चौके थे. आठवें विकेट के लिए उन्होंने कप्तान विराट कोहली के साथ 241 रन की साझेदारी की. भारत के लिए इस विकेट के लिए बेस्ट साझेदारी है.

जयंत यादव इस सीरीज में 221 रन बना चुके हैं. औसत है 73.66. औसत के मामले में वो सीरीज में सिर्फ विराट कोहली से पीछे हैं. इसी से उनकी बैटिंग के बारे में समझा जा सकता है. मोहाली टेस्ट में उन्होंने 55 रन बनाए थे. वहां भारत की जीत में स्पिन तिकड़ी का सबसे बड़ा हाथ था. विशाखापत्तनम में उनके बल्ले से 35 और नॉट आउट 27 रन के स्कोर निकले थे.


सौजन्य: बीसीसीआई

सवाल यही है कि आखिर जयंत यादव हैं कौन. 22 जनवरी 1990 को जन्मे जयंत यादव दिल्ली में रहते हैं. शायद दिल्ली क्रिकेट से न जुड़ने का फैसला उनके लिए सही रहा. वो हरियाणा से जुड़े. पांच साल हो गए उन्हें फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए. पहले ही मैच में उन्होंने गुजरात के खिलाफ छह विकेट लिए थे. अगले साल उन्होंने दोहरा शतक जमा दिया था. वो भी नंबर नौ पर बल्लेबाजी करते हुए. 2014-15 के रणजी सीजन में उन्होंने 33 विकेट लिए थे. आईपीएल में वो दिल्ली टीम का हिस्सा हैं.

इसी साल जून में जयंत को जिम्बाब्वे दौरे के लिए लिया गया था. लेकिन किसी मैच में मौका नहीं मिला. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वो भारत ए के लिए गए और 22.5 की औसत से सात विकेट लिए.

मुंबई टेस्ट शुरू होने से पहले विराट कोहली से जयंत यादव के बारे में सवाल किया गया था. विराट ने कहा था कि मैं उनसे बेहद प्रभावित हूं. उन्होंने कहा था, ‘वो ऑलराउंडर हैं. सच कहूं तो मैंने उनसे कुछ नहीं कहा है कि उनको क्या करना चाहिए. वो अपनी बॉलिंग पर खुद फील्डिंग सेट करते हैं. उन्होंने पता है कि कहां गेंदबाजी करनी है.’ विराट ने तो ये भी साफ कर दिया था कि नए होने के बावजूद उनके दिमाग में फील्डिंग पोजीशन को लेकर सोच बिल्कुल साफ है, ‘मैंने मिड ऑन को पीछे भेजा, लेकिन वो चाहते थे कि फील्डर को आगे ही रखा जाए, ताकि बल्लेबाज उन्हें मारने की कोशिश करे. इससे समझ आता है कि किस कदर भरोसा है उनका खुद में.’ विराट ने माना था कि भारतीय टीम के लिए वो जबरदस्त पैकेज हैं. ये बात जयंत ने वानखेडे स्टेडियम में साबित भी की है.