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IPL 2018 : क्या वाकई टेस्ट क्रिकेट से 'बोर' होकर फटाफट क्रिकेट का आनंद ले रहे हैं कैरेबियाई क्रिकेटर्स!

आईपीएल के मौजूदा सीजन में लगभग हर टीम की रणनीति का अहम हिस्सा है वेस्टइंडीज के खिलाड़ी

FP Staff

आईपीएल का मौजूदा सीजन अब अपना दूसरा सप्ताह पूरा करने वाला है. हर बार की तरह इस बार भी कैरेबियाई खिलाड़ी आईपीएल में धूम मचा रहे हैं. चाहे क्रिस गेल हों, आंद्रै रसेल या फिर ड्वेन ब्रावो. इन खिलाड़ियों के बिना आईपीएल का जादू अधूरा लगता है. ऐसे में सवाल है कि फटाफट क्रिकेट में धूम मचाने वाले इन खिलाड़ियों की टीम टेस्ट क्रिकेट में क्यों फेल हो जाती है.

जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान और आईपीएल में केकेआर के कोच हीथ स्ट्रीक की मानें तो उन्हें लगता है कि कैरेबियाई खिलाड़ी अब शायद टेस्ट क्रिकेट से बोर होने लगे हैं इसी लिए उन्हें क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट में प्रदर्शन करने में आनंद आता है.


स्ट्रीक कहना है, ‘सबसे पहली बात तो यह है कि कैरेबियाई खिलाड़ियों को टी 20 फॉर्मेट में ज्यदा मजा आता है. वे शायद  क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट से बोर हो गए हैं. इनमें से ज्यादातर खिलाड़ी दुनिया की लगभग सभी लीगों में खेल रहे हैं. आईपीएल के अलावा वे पाकिस्तान सुपर लीग, कैरेबियाई लीग और बिग बैश लीग में जमकर रन बनाते हैं.’

अगर आईपीएल के मौजूदा सीजन में भी देखा जाए तो कैरेबियाई क्रिकेटर्स का प्रदर्शन जोरदार रहा है. क्रिस गेल ने हाल ही में पंजाब की टीम की ओर से खेलते हुए सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ इस सीजन की पहली सेंचुरी जड़ी. उनसे पहले आंद्रे रसैल ने 12 गेदों पर 41 रन की धुंआधार पारी खेलकर दिल्ली के खिलाफ केकेआर को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की. साल 2012 और 2014 मेंकेकेआर को आईपीएल चैंपियन बनाने में सुनील नरैन ने भी अहम भूमिका निभाई थी.

डवैन ब्रावो जहां चेन्नई सुपरसिंग्स की टीम का अहम हिस्सा हैं वहीं किरॉन पोलार्ड और एविन लुइस मुंबई इंडियंस की टीम की रणनीति में फिट बैठते हैं.