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IPL 2018: गंभीर के आने से बनने लगी है दिल्ली डेयरडेविल्स की चैंपियन बनने की आस

इसमें कोई दो राय नहीं है कि डेयरडेविल्स ने बहुत ही होशियारी के साथ खिलाड़ियों पर दांव लगाया है और वह चैंपियनों वाला तालमेल बनाने में सफल हो गई है

Manoj Chaturvedi

दिल्ली डेयरडेविल्स आईपीएल में पहले सत्र से ही भाग लेती रही है. लेकिन यह इसका दुर्भाग्य है कि कभी चैंपियन नहीं बन सकी है. वह शुरुआती दो साल यानी 2008 और 2009 में सेमीफाइनल तक और 2012 में प्लेऑफ में खेलने के अलावा वह कुछ खास नहीं कर सकी है. लेकिन अपनी सात साल की कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स की किस्मत संभालने वाले कप्तान गौतम गंभीर के आने से लगने लगा है कि इस बार दिल्ली डेयरडेविल्स की किस्मत भी बदल सकती है और उसके नाम के आगे चैंपियन शब्द जुड़ सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि डेयरडेविल्स ने बहुत ही होशियारी के साथ खिलाड़ियों पर दांव लगाया है और वह चैंपियनों वाला तालमेल बनाने में सफल हो गई है. अब यह कप्तान गंभीर पर निर्भर करेगा कि वह अपनी सेना को अच्छा करने के लिए प्रेरित कर पाते हैं या नहीं.

गंभीर की टीम को लेकर क्या है सोच


गौतम गंभीर सात साल बाद दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में वापसी को घर वापसी मानते हैं. वह कहते हैं कि फिरोजशाह कोटला मैदान उनके कॅरियर की तमाम उपलब्धियों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर खेलना उनके लिए हमेशा खास रहा है. गंभीर कप्तानी की जिम्मेदारी मिलने के बारे में कहते हैं, 'दोबारा दिल्ली की कप्तानी करना गर्व की बात है.

अब एक कप्तान के रूप में मेरा दायित्व है कि अपना बेस्ट दूं'. गंभीर का कहना है कि यह लंबा टूर्नामेंट है, इसलिए इसमें सबसे महत्वपूर्ण मानसिक मजबूती का होना है. इसमें कभी भी पांसा पलट सकता है, इसलिए संयम का होना भी जरूरी है. वह यह भी जरूरी मानते हैं कि टीम के लिए जो भी जरूरी हो, वह कदम उठाया जाए ताकि बाहर बैठने वाले खिलाड़ी का उत्साह ठंडा न पड़े.

ओपनिंग जोड़ी ढा सकती है कहर

किसी भी टीम की सफलता में अच्छी ओपनिंग साझेदारी की अहम भूमिका होती है. दिल्ली के पास कप्तान गौतम गंभीर के रूप में आईपीएल के सर्वश्रेष्ठ ओपनरों में शुमार होने वाले बल्लेबाज हैं ही. गंभीर ने अब तक 148 मैचों में 35 अर्धशतकों से 4132 रन बनाए हैं. उनके जोड़ीदार के लिए कॉलिन मुनरो और जेसन राय हैं. दोनों ही उम्दा दर्जे के बल्लेबाज हैं. लेकिन मुनरो के न्यूजीलैंड के लिए किए प्रदर्शन को देखते हुए, उनके ही जोड़ीदार बनने की संभावना है. गंभीर कहते भी हैं कि मुनरो जब ओपनर के तौर पर खेलते हैं, तब ही अपना बेस्ट दे पाते हैं.

टीम के एक्स फेक्टर

दिल्ली डेयरडेविल्स के एक्स फेक्टर ट्रिपिल एम यानी मुनरो (कॉलिन), मैक्सवेल (ग्लेन) और मौरिस (क्रिस) हैं. इनकी बल्लेबाजी क्षमता का इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि यह तीनों ही 150 से ऊपर के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं. यह तीनों ही विस्फोटक अंदाज वाले बल्लेबाज हैं और अकेले दम टीम को जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं. मुनरो ने न्यूजीलैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में झंडे गाड़े हैं. उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 2018 में खेले नौ टी-20 मैचों में तीन अर्धशतक और एक शतक लगाया है.

ग्लेन मैक्सवेल जबरदस्त क्षमता वाले ऑलराउंडर हैं. जरूरत उनकी प्रतिभा का सही उपयोग करने की है. गंभीर उन्हें मैच जिताने वाले बल्लेबाज मानते हैं और साथ ही यह भी कहते हैं कि ऐसे बल्लेबाज के प्रदर्शन में एकरूपता रहना मुश्किल है, इसलिए वह उन्हें खुलकर खेलने के लिए प्रेरित करेंगे. मौरिस रिटेन किए गए खिलाड़ी हैं. वह खुलकर हाथ दिखाने वाले तो हैं ही, साथ ही वह पहले से लेकर आखिरी ओवर तक फेंकने की काबिलियत रखते हैं. अब आप अंदाज लगा सकते हैं कि यह तिकड़ी चल निकली तो सामने वाली टीम का क्या हाल होगा.

ऋषभ पंत हैं टीम के गेम चेंजर

दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के गेम चेंजर निश्चय ही विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत हैं. पंत ने थोड़े ही समय में अपनी धाकड़ बल्लेबाज की छवि को बना लिया है. उन्होंने अब तक खेले 24 मैचों में 564 रन बनाए हैं. यह रन उन्होंने 151.20 के स्ट्राइक रेट से बनाए हैं, जिससे आप उनके खेलने के आक्रामक अंदाज को समझ सकते हैं. वह भारतीय बल्लेबाजों में सबसे तेज टी-20 शतक लगाने वाले हैं. उन्होंने 2017-18 के सत्र में मात्र 32 गेंदों में दिल्ली के लिए शतक ठोक दिया था. विश्व में उनसे तेज टी-20 शतक लगाने वाले सिर्फ क्रिस गेल हैं. गेल ने मात्र 30 गेंद में शतक लगाया था. गंभीर मानते हैं कि पंत गेम चेंजर हैं पर उन्हें इसके लिए पांचवें-छठवें नंबर पर खिलाने के बजाय टॉप तीन में खिलाने पर वह कई मैचों का नक्शा बदल सकते हैं. इससे लगता है कि वह शायद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करें और यह भी संभव है कि इस आईपीएल के बाद ऋषभ पंत की किस्मत ही बदल जाए.

पेस अटैक है टीम की कमजोरी

दिल्ली डेयर डेविल्स ने वैसे तो पेस गेंदबाजों के तौर पर दुनिया के जाने-माने गेंदबाजों कगीसो रबाडा, ट्रेंट बोल्ट और मोहम्मद शमी को लिया है. इसमें कोई दो राय नहीं  कि तीनों विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं. लेकिन तीनों का ही टी-20 का रिकॉर्ड कतई अच्छा नहीं है. आईपीएल में तो तीनों ही कुछ खास नहीं कर सके हैं. पिछले सत्र में बोल्ट ने छह मैच में पांच विकेट, शमी ने आठ मैच में पांच विकेट और रबाडा ने छह मैच में छह विकेट लिए.

इसमें भी शमी का पत्नि से विवाद के कारण अभी खेलना ही तय नहीं है. वह खेले भी तो मानसिक तौर पर अपने को प्रेरित कर पाएंगे, कहना मुश्किल है. हां क्रिस मौरिस और ग्लेन मैक्सवेल पेस अटैक को थोड़ा संभाल सकते हैं. हां, इतना जरूर है कि रबाडा और बोल्ट दोनों चल गए तो बहुत संभव है कि दिल्ली डेयरडेविल्स का आईपीएल चैंपियन बनने का सपना साकार हो सकता  है.