आईपीएल के 11 वें सीजन में दो साल बाद वापसी कर रही धोनी की टीम चेन्नई सुपकिंग्स ने अपने प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित किया है. सीएसके के टीम रिकॉर्ड सातवीं बार फाइनल में जगह बनाने के बाद खिताबी जंग में सनराइजर्स हैदराबाद से भिड़ने की तैयारी में है. इस पूरी सीजन में चेन्नई की टीम ने बेहद सधी हुई रणनीति के साथ खेल दिखाया है लेकिन कप्तान धोनी समेत पूरे टीम मैनेजमेंट के मन में एक टेंशन ऐसी थी जिसने उसे पूरे सीजन मे परेशान रखा और वह टेंशन थी इस टीम के खिलाड़ियों की उम्र.
आईपीएल में क्रिकेटरों के ऑक्शन के बाद चेन्नई की जो टीम बनी थी उसमे ज्यादातर खिलाड़ी 30 की उम्र के पार थे लिहाजा उसे ‘बूढों की फौज’ भी कहा जा रहा था. फाइनल मुकाबले से पहले कप्तान धोनी ने इस बात को कबूला है कि खिलाड़ियों की उम्र उनके लिए चिंता की बात थी और पूरे सीजन उनका दिमाग इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि कैसे अपनी टीम की ताकत को चतुराई के साथ बरकरार रखना है.
धोनी का कहना है, ‘ अपनी टीम का एज ग्रुप हमारे लिए चिंता का सबब था. हमारी कोशिश थी कि कैसे अपने सभी सदस्यों को फिट रखा जाए. हमें अपने सभी रिसोर्सेज को बरकरार रखना था और हमारी कोशिश थी जब हम आखिरी राउंड में हों तब हमारे बेस्ट 11 खिलाड़ी सेलेक्शन के लिए उपलब्ध रहें.’
इस सीजन में चेन्नई की टीम की औसत आयु 34.5 है जो सबसे अधिक है. 36 साल के धोनी 32 साल के अंबाती रायडू, 31 साल के सुरेश रैना, 34 साल के ब्रावो, 37 साल के शेन वॉटसन और 37 साल के हरभजन सिंह को इस टूर्नामेंट में इस तरह इस्तेमाल किया गया कि फाइनल मुकाबले तक इन सभी खिलाड़ियों की फिटनेस बरकरार है.