आईपीएल का कारवां जैसे जैसे अपने आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे टीमों के बीच नॉक आउट राउंड में पहुंचने की जद्दोजहद तेज हो रही है. दिल्ली और बेंगलुरू की टीमें तो प्लेऑफ की रेस से बाहर हो चुकी हैं और सनराइजर्स हैदराबाद अपनी जगह पक्की कर चुकी है. इनके अलावा जिन पांच टीमों में प्लेऑफ की रस्साकशी का सिलसिला बरकरार है उनमें से दो टीमें यानी कोलकाता नाइट राइडर्स और किंग्स इलेवन पंजाब शनिवार को पहले मुकाबले में इंदौर के होल्कर स्टेडियम में आमने सामने होंगी.
क्या कहती है पॉइंट्स टेबल
सबसे पहले बात करते हैं पॉइंटेस टेबल की. इस मामले में पंजाब की टीम केकेआर से अच्छी पोजिशन पर है. केकेआर के 11 मुकाबलों में पांच जीत और छह हार के साथ 10 पॉइंट्स हैं वहीं पंजाब की टीम के पास 10 मुकाबलों में छह जीत और चार हार के साथ 12 पॉइंट्स हैं. यानी कहा जा सकता है कि अगर इंदौर में केकेआर को हार मिली तो फिर प्ले ऑफ में पहुंचने की उसकी उम्मीदें लगभग खत्म हो जाएंगीं. वहीं पॉइंट्स टेबल में तीसरी पोजिशन पर मौजूद किंग्स इलेवन पंजाब किसी भी सूरत में अपने इस पायदान को गंवाना नहीं चाहेगी.
दोनों ही टीमें अपने पिछले मुकाबले हार कर इंदोर में भिड़ने की तैयारी में हैं. केकेआर को जहां उसके पिछले मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने 102 रन से बड़ी मात देकर पछाड़ा था वहीं पंजाब की टीम को राजस्थान रॉयल्स के हाथों 15 रन की हार का सामना करना पड़ा था. दोनों ही टीमों ने हाल ही में जीत की बजाय हार मुंह ज्यादा देखा है. पंजाब की टीम पिछले पांच मुकाबलों में महज दो ही जीत सकी है तो वहीं केकआर के भी पिंछले पांच मैचों में से दो जीत ही हाथ लगी है.
क्या है पंजाब की कमजोरी
इस सीजन में पंजाब की टीम के लिए उसकी सबसे बड़ी ताकत उसकी सलामी जोड़ी बनके उभरी है, क्रिस गेल और केएल राहुल ने इस सीजन में अब तक क्रमश: 471 और 311 रन बनाए हैं. हालांकि करुण नायर बी 9 मुकाबलों में 243 रन बना तुके हैं लेकिन युवराज सिंह, मयंक अग्रवाल और एरॉन फिंच ने अबतक कोई प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं किया है. इन तीनों खिलाड़ियों की यह खराब फॉर्म ही पंजाब की टीम की सबसे कमजोर कड़ी है. कप्तान आर अश्विन, एंड्र्यू टाय और मोहित शर्मा के रहते पंजाब की टीम का गेंदबाजी डिपार्टमेंट तो संतुलित नजर आ रहा है.
केकेआर के लिए जीत जरूरी है
वहीं दूसरी ओर कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम को मुंबई इंडियंस के खिलाफ मिली हार की कड़वी यादों को पीछे छोड़ कर एकजुट होकर इस मैच में उतरना होगा. केकेआर के लिए यह करो या मरो का मुकाबला है. अगर यहां चूके तो फिर उनके लिए इस टूर्नामेंट में ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी.
केकेआर की सलामी जोड़ी यानी क्रिस लिन और सुनील नरेन के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव दिखा है. केकेआर की सबसे बड़ी ताकत उसके कप्तान दिनेश कार्तिक हैं जिन्होंने 11 मुकाबलों में 321 रन बनाए हैं. रॉबिन उथप्पा को भी इस मुकाबले में एक बड़ी और तेज पारी खेलने कर अपनी टीम को मजबूती देने की जरूरत होगी. जहां तक गेंदबाजी की बात है तो केकेआर का आक्रमण फिरकी गेंदबाजों पर ज्यादा निर्भर है. सुनील नरेन और कुलदीप यादव के साथ पीयूष चावला के कंधों पर पंजाब के बल्लेबाजों को रोकने का जिम्मा होगा.