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IPL 2018, CSK v SRH 1st Qualifier : फाफ डुप्लेसी ने दिलाया चेन्नई सुपरकिंग्स को फाइनल का टिकट

चेन्नई सुपरकिंग्स ने हार के कगार से वापसी करके सनराइजर्स हैदराबाद पर दो विकेट की जीत से आईपीएल-11 के फाइनल में जगह बनाई

FP Staff

आईपीएल-11 के पहले प्लेऑफ में 140 रन के लक्ष्य को मामूली माना जा रहा था. सबको लग रहा था कि चेन्नई सुपरकिंग्स पर्याप्त गेंद रहते जीत दर्ज कर लेगी, लेकिन उसके लिए ये सब उतना आसान नहीं रहा. चेन्नई का शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया और एक समय उसका स्कोर छह विकेट पर 62 रन था. यहां तक आखिरी 18 गेंदों पर उसे 43 रन बनाने थे, लेकिन फाफ डुप्लेसी ने बल्लेबाजी के लिए मुश्किल परिस्थितियों में अपने कौशल का शानदार नमूना पेश करके मंगलवार को नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली, जिससे सुपरकिंग्स ने हार के कगार से वापसी करके सनराइजर्स हैदराबाद पर दो विकेट की जीत से आईपीएल-11 के फाइनल में जगह बनाई.

फाफ डुप्लेसी (42 गेंदों पर नाबाद 67 रन) ने शार्दुल ठाकुर (पांच गेंदों पर नाबाद 15) के साथ मिलकर केवल 13 गेंदों में जरूरी रन बना दिए. डुप्लेसी ने अपनी पारी में पांच चौके और चार छक्के लगाए. वानखेडे की पिच बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी. गेंद रुककर बल्ले पर आ रही थी जिससे शॉट लगाना आसान नहीं था. ऐसे में एक समय चेन्नई के लिए 140 रन का लक्ष्य भी पहाड़ जैसा बन गया. लेकिन सलामी बल्लेबाज डुप्लेसी ने आखिर तक एक छोर संभाले रखा जिससे उनकी टीम 19.1 ओवर में आठ विकेट खोकर लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रही.


चेन्नई सातवीं बार आईपीएल के फाइनल में 

इससे पहले सनराइजर्स अगर सात विकेट पर 139 रन तक पहुंच पाया तो इसका श्रेय कार्लोस ब्रेथवेट को जाता है, जिन्होंने चार छक्कों की मदद से 29 गेंदों पर नाबाद 43 रन बनाए. उनके अलावा कप्तान केन विलियमसन और यूसुफ पठान (दोनों 24 रन) ही 20 रन की संख्या पार कर पाए. चेन्नई की तरफ से ड्वेन ब्रावो ने 25 रन देकर दो विकेट लिए, जबकि रवींद्र जडेजा (13 रन देकर एक) और लुंगी एंगिडी (20 रन देकर एक) ने किफायती गेंदबाजी की. चेन्नई सातवीं बार आईपीएल के फाइनल में पहुंचा है. उसने इससे पहले 2010 और 2011 में खिताब जीता था. हैदराबाद को दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने के लिए दूसरे क्वालीफायर्स में कोलकाता नाइटराइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच बुधवार को होने वाले एलिमिनेटर के विजेता से भिड़ना होगा.

चेन्नई को नहीं मिली अच्छी शुरुआत

एक समय लग रहा था कि हैदराबाद आसानी से जीत जाएगी. उसने चेन्नई को अच्छी शुरुआत से महरूम रखा और शेन वॉटसन पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर बिना खाता खोले भुवनेश्वर कुमार का शिकार बने. सुरेश रैना ने आकर 13 गेंदों में चार चौके लगाए और अपने खाते में 22 रन डाल लिए. उन्हें सिद्धार्थ कौल ने बोल्ड किया. कौल ने अगली ही गेंद पर अंबाती रायडू को बाहर भेज चेन्नई को बैकफुट पर धकेल दिया. दोनों का विकेट 24 के कुल स्कोर पर गिरा. महेंद्र सिंह धोनी ने हालांकि कौल की हैट्रिक पूरी नहीं होने दी, लेकिन वह ज्यादा देर टिक नहीं पाए. 39 के कुल स्कोर पर राशिद द्वारा फेंकी गई गुगली उनकी गिल्लियां ले उड़ी. कप्तान ने 18 गेंदों में महज नौ रन बनाए.

ब्रेथवेट के 18वें ओवर में बदला मैच का रुख

राशिद ने ड्वेन ब्रावो (7) को भी 57 के कुल स्कोर पर आउट कर चेन्नई को परेशानी में डाल दिया. संदीप शर्मा ने रवींद्र जडेजा (3) को अपनी ही गेंद पर कैच कर चेन्नई को छठा झटका दिया. संदीप ने ही दीपक चाहर (10) को 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर पवेलियन भेज दिया. चेन्नई का स्कोर 15 ओवरों में 92 रनों पर सात विकेट था. चेन्नई को जीत के लिए आखिरी तीन ओवरों में 43 रनों की दरकार थी. डुप्लेसी ने ब्रेथवेट द्वारा फेंके गए 18वें ओवर में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 20 रन लिए. ठाकुर ने कौल द्वारा फेंके गए 19वें ओवर की पहली दो गेंदों में किसी तरह दो चौके ठोक दिए और फिर आखिरी गेंद पर भी एक चौका लगाया. इस ओवर में कुल 17 रन आए. आखिरी ओवर में छह रनों की दरकार थी और प्लेसी ने पहली ही गेंद पर सीधा छक्का लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाई.

चाहर ने पहली ही गेंद पर धवन को बोल्ड किया

इससे पहले, धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी. चेन्नई के गेंदबाज शुरू से ही हावी रहे और पहली गेंद से ही उन्होंने इस अहम मैच में अपना दबदबा दिखाया. चाहर ने पहली ही गेंद पर धवन को बोल्ड कर हैदराबाद को बड़ा झटका दिया. कप्तान केन विलियमसन ने आकर तेजी से रन बटोरे और शुरुआती विकेट के कारण आए दबाव को कम करने की कोशिश की, लेकिन लुंगी एंगिडी ने दूसरे छोर पर खड़े श्रीवत्स गोस्वामी (12) को अपनी ही गेंद पर कैच कर हैदराबाद पर और दबाव बना दिया. गोस्वामी का विकेट 34 के कुल स्कोर पर गिरा. दो रन बाद विलियमसन ठाकुर की गेंद पर पवेलियन लौट लिए. विलियमसन ने 15 गेंदों में चार चौकों की मदद से 24 रन बनाए.

ब्रेथवेट ने हैदराबाद के संघर्ष करने लायक स्कोर दिया

यहां से हैदराबाद की टीम बैकफुट पर आ गई. शाकिब अल हसन (12) ब्रावो की गेंद पर 50 के कुल स्कोर पर आउट हुए. मनीष पांडे (8) को जडेजा ने अपना शिकार बनाया. यूसुफ पठान (24) धैर्य के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन ब्रावो ने अपनी ही गेंद पर एक बेहतरीन कैच पकड़ उनकी पारी पर पूर्णविराम लगा दिया. पठान 88 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौटे. पठान के बाद ब्रेथवेट ने कुछ रन बटोर हैदराबाद के संघर्ष करने लायक स्कोर दिया. चेन्नई के लिए ब्रावो ने दो विकेट लिए.