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आईपीएल 2017: क्या धोनी की वजह से मैच हारने वाली थी पुणे टीम?

धोनी ने 12 गेंद में 12 रन बनाए, एक चौका लगाया और उनका एक कैच छूटा

FP Staff

15.2 ओवर का खेल हो चुका था. बेन स्टोक्स आउट होकर पवेलियन जा रहे थे. दर्शकों का शोर बता रहा था कि उन्हें स्टोक्स के आउट होने से मतलब नहीं है. उन्हें मतलब है कि अगले बल्लेबाज का नाम महेंद्र सिंह धोनी है. धोनी क्रीज पर आए. स्कोर था 143 पर तीन. 28 गेंद में 42 रन की जरूरत थी.

पुणे में गुरुवार को खेले गए मुकाबले का कुछ ऐसा हाल था. राइजिंग पुणे सुपरजायंट जीतती दिखाई दे रही थी. मुंबई इंडियंस उम्मीद कर रही थी कि बल्लेबाज कुछ गलती कर जाएं. उसके बाद 27 गेंद पर 44 रन बने. इनमें से 12 रन धोनी के बल्ले से थे. उन्होंने अपनी पारी में 12 गेंद खेलीं. यानी बाकी 15 गेंदों पर 32 रन स्टीव स्मिथ ने बनाए.


ये वही महेंद्र सिंह धोनी हैं, जिन्हें सबसे बड़ा फिनिशर कहा जाता है. जो 12 गेंद धोनी ने खेलीं, उनमें तीन पर वो कोई रन नहीं बना पाए. एक चौका था. बाकी आठ गेंदों पर एक-एक रन थे. इनमें एक बार उनका कैच छूटा था. हालांकि इस पर एक रन से ज्यादा बन सकता था. लेकिन धोनी ने स्मिथ को दौड़ने से मना किया था. वो आखिरी गेंद थी और धोनी चाहते थे कि नया बल्लेबाज अगले ओवर की पहली गेंद न खेले.

धोनी के क्रीज पर आने के बाद के हालात कुछ यूं थे कि चार ओवर में 37 रन बनाने थे. फिर तीन ओवर में 27. यानी सब सही चल रहा था. फिर दो में 20 और आखिरी ओवर में 13. धोनी की आदत रही है कि वो लक्ष्य को बहुत मुश्किल बनाते हैं, फिर जिताते हैं. लेकिन इस आदत का फायदा उन्हें पहले होता रहा है. अब वो पहले जैसे फिनिशर नहीं रहे.

अगर आखिरी ओवर कोहनी की चोट से जूझ रहे पोलार्ड की जगह किसी और ने किया होता और स्टीव स्मिथ क्रीज पर न होते, तो पुणे का अपने घर में हारते रहने का रिकॉर्ड बरकरार होता. धोनी के पिछले रिकॉर्ड को देखा जाए, तो मुश्किल हालात में वो टीम इंडिया को कामयाबी दिला पाने में भी कामयाब नहीं हुए हैं. ऐसे में स्टीव स्मिथ को अगले मैचों के लिए सोचना होगा. धोनी दर्शकों के भले ही अब भी बेहद प्रिय हैं. लेकिन टीम के लिए उनका रोल क्या फिनिशर का ही होना चाहिए?