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आईपीएल 2017: क्या केकेआर को अहम मौकों पर चूक पड़ी महंगी?

आखिरी पड़ाव में केकेआर की लय बिगड़ी

Lakshya Sharma

आईपीएल 10 से कोलकाता नाइट राइडर्स की भी विदाई हो गई. क्वालीफायर-2 में मुंबई इंडियंस के हाथों 6 विकेट से शिकस्त झेलने के बाद कोलकाता के सफर पर रोक लग गई. मुंबई के खिलाफ मुकाबले में कोलकाता की तरफ से ना ‘कोरबो दिखा’ और ‘ना लोड़बो’ दिखा जिसकी वजह से टीम को ‘जीतबो रे’ हासिल नहीं हो सका.

प्वॉइंट्स टेबल में कोलकाता ने 14 मैचों में 8 जीत और 6 हार के साथ चौथे पायदान पर अपना सफर खत्म किया था. टीम ने प्लेऑफ में भी जगह बना ली थी. एलिमिनेटर में टीम ने हैदराबाद को हराकर दूसरे क्वालीफायर में जगह बनाई जहां उसका सामना मुंबई से होना था, लेकिन मुंबई ने कोलकाता को चारों खाने चित कर दिया और कोलकाता के सफर पर ब्रेक लग गया. आखिर कोलकाता के आईपीएल से बाहर होने की क्या वजह रहीं, आइए जानते हैं.


लगातार अच्छा प्रदर्शन ना करना पड़ा महंगा

 कोलकाता ने टूर्नामेंट का आगाज बेहतरीन तरीके से किया था, लेकिन टूर्नामेंट के अंतिम पड़ाव में टीम के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई. प्लेऑफ से पहले टीम के प्रदर्शन पर नजर डालें तो टीम को आखिरी 5 में से 4 मुकाबले हारने पड़े.

इस दौरान टीम ने एक बार भी 170 के आंकड़े को नहीं छुआ. साफ है जब टूर्नामेंट अंतिम और अहम पड़ाव पर था, तभी टीम की लय खोती नजर आई और टीम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. इसी के साथ केकेआर ने कई अहम मुकाबलों में खराब बल्लेबाजी भी की.

सुनील नरायन से लगातार ओपनिंग कराना पड़ा महंगा

टीम के लिए सुनील नरायन से लगातार ओपनिंग कराना महंगा साबित हुआ. नरायन के भले ही ओपनिंग करते हुए आईपीएल इतिहास में सबसे तेज अर्धशतक लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी की हो, लेकिन वो निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और इसका असर उनकी गेंदबाजी में भी देखने को मिला. इक्का-दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो नरायन ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया.

नरेन के आखिरी 10 मैचों के प्रदर्शन पर गौर करें तो उन्होंने (34, 16, 4, 1, 0, 54, 18, 0, 10) रन बनाए. इस दौरान एलिमिनेटर में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था. ऐसा नहीं है कि नरायन सिर्फ बल्लेबाजी में ही फ्लॉप रहे, बल्कि बल्लेबाज बनने की कोशिश में उनके गेंदबाजी आंकड़े भी खराब होते चले गए. आखिरी 9 मैचों में से 5 में नरायन एक विकेट भी हासिल नहीं कर सके. इस दौरान वो 3 बार 1-1 विकेट ले सके और एक मौके पर उन्होंने 2 खिलाड़ियों को आउट किया.

अहम मौको पर बल्लेबाजों की खराब फॉर्म पड़ी महंगी

टीम के पास अगर दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज हों, तो फिर टीम के लिए राह आसान हो जाती है. कोलकाता के पास लिन, उथप्पा, गंभीर के रूप में तीन बेहतरीन बल्लेबाज थे, तीनों ने कई मैचों में अपने दम पर मैच भी जितवाए, लेकिन जब जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तब ही इनका बल्ला खामोश हो गया और टीम को आईपीएल से बाहर होना पड़ा. आखिरी 4 मैचों में तीनों ही बल्लेबाजों के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई.

लिन ने आखिरी 4 मैचों में (4, 6, 26, 84) रन बनाए. तो वहीं उथप्पा ने इस दौरान (1, 1, 2, 0) का ही स्कोर किया. इसके अलावा कप्तान गंभीर ने भी (12, 32*, 21, 8) का स्कोर ही किया. साफ है जब टूर्नामेंट सबसे अहम पड़ाव पर था तब टीम के सबसे अहम बल्लेबाजों के बल्ले को सांप सूंघ गया और जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा. युसुफ पठान की खराब फॉर्म भी केकेआर पर भारी पड़ी.