मुंबई इंडियंस इस सीजन में चैंपियनों वाले अंदाज में खेली है और उसके खेलने के अंदाज से हमेशा लगा कि वह प्लेऑफ में तो पहुंच ही जाएगी. उसने अंक तालिका में 20 अंकों के साथ शीर्ष पर रहकर अपनी ताकत का अहसास करा दिया है. लेकिन अब प्लेऑफ में उसे ऐसी टीम से टकराना है, जिसने शुरुआत में लड़खड़ाहट दिखाने के बाद लय पकड़ी और विजय अभियान चलाकर प्लेऑफ में स्थान बनाया है.
यह सही है कि मुंबई इंडियंस की ताकत संतुलित होना है. लेकिन टीम का यह संतुलन उसे कहां तक लेकर जाएगा, यह अगले कुछ दिनों में साफ हो जाना है.
टीम की खूबियां
मजबूत ओपनिंग जोड़ी
मुंबई इंडियंस के पास पार्थिव पटेल और लिंडल सिमंस के रूप में मजबूत ओपनिंग जोड़ी है. इन दोनों ही बल्लेबाजों की खूबी है कि वह विकेट पर मोर्चा संभालते ही आक्रामक अंदाज में खेलने लगते हैं. पार्थिव ने अब तक खेले 13 मैचों में 325 रन और सिमंस ने 4 मैचों में 126 रन बनाए हैं. इस जोड़ी के आक्रामक अंदाज में खेलने का फायदा यह है कि वह शुरुआती चार-पांच ओवरों में मैच की दिशा तय करने की क्षमता रखते हैं. सिंमस से पहले जोस बटलर भी टीम को आक्रामक शुरूआत दिलाते आएं हैं.
कप्तान रोहित और पोलार्ड का लय में लौटना
कप्तान रोहित शर्मा और किरोन पोलार्ड हमेशा ही टीम के स्तंभ रहे हैं और टीम का प्रदर्शन हमेशा ही इन पर केंद्रित रहता आया है. लेकिन शुरुआती मैचों में दोनों ही रंगत में नहीं थे. लेकिन कुछ मैच गुजरने के बाद दोनों के बल्ले रन उगलने लगे और लीग कार्यक्रम खत्म करने तक वह अपना बेस्ट दे रहे थे. इसका मुंबई इंडियंस को प्लेऑफ मैचों में फायदा मिल सकता है.
पोलार्ड ने भी बाद के मैचों में पुरानी रंगत दिखाकर कुछ मैचों को का रुख पलटा है. वहीं नीतिश राणा ने इस सीजन में जिस तरह से उम्दा प्रदर्शन किया है, उससे उन्हें टीम का ट्रंप कार्ड माना जा सकता है. यह सही है कि उन्होंने सीजन में बनाए 333 रनों में सिर्फ तीन ही अर्धशतक जमाए हैं. लेकिन उन्होंने 30-35 रनों की पारियों में भी विस्फोटक अंदाज दिखाकर गेंदबाजों पर दवाब बनाने में कामयाब रहे हैं.
मजबूत बेंच स्ट्रेंथ
किसी भी टीम की बेंच स्ट्रेंथ अच्छी हो तो उसका मनोबल ऊंचा रहता है. मुंबई ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ छह खिलाड़ियों को बदलकर अपनी बेंच स्ट्रेंथ का आकलन किया. इस टीम ने मुंबई को जीत दिलाकर टीम प्रबंधन को अपनी क्षमता से आश्वस्त कर दिया.
इस जीत में अंबाति रायडू और सौरभ तिवारी ने शानदार बल्लेबाजी करके अहम भूमिका निभाई. वहीं विनय कुमार ने भी दो विकेट लेकर दिखाया कि जरूरत पर उन्हें आजमाया जा सकता है. हार्दिक पांड्या ने भी दो विकेट निकालकर अपनी क्षमता प्रदर्शित कर दी है.
डेथ ओवर्स के किंग बुमराह
जसप्रीत बुमराह मुंबई इंडियंस ही नहीं टीम इंडिया के लिए भी टी-20 क्रिकेट में किफायती गेंदबाजी करते रहे हैं. वह अपनी नीची रहती यॉर्कर्स से भी तमाम बार विकेट पर मौजूद बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसाते रहे हैं. वह 13 मैच में 15 विकेट लेकर मुंबई के अभियान में अहम भूमिका निभाई है.
टीम की कमजोरियां
स्पिन अटैक का दमदार नहीं होना
यह सही है कि मुंबई इंडियंस के स्पिन अटैक में हरभजन सिंह जैसे दिग्गज गेंदबाज शामिल हैं. वहीं इस साल कर्ण शर्मा को शामिल किए जाने से अटैक में वेरायटी आई है. लेकिन यह अटैक ऐसा नहीं है कि मैच का रुख बदल सके. हरभजन सिंह भले ही लगातार किफायती साबित हो रहे हैं. उन्होंने 11 मैच में 6.48 के इकॉनमी रेट से 8 विकेट लिए हैं.
वहीं कर्ण शर्मा ने छह मैचों में आठ विकेट लिए हैं. असल में हरभजन सिंह से जिस तरह विकेट निकालने की उम्मीद की जाती है, वह उसमें सफल नहीं हो सके हैं.
मलिंगा का रंगत को खोना
लसिथ मलिंगा ने मुंबई इंडियंस को पिछले कुछ सालों में अपने बूते तमाम सफलताएं दिलाई हैं. लेकिन वह अब पहले वाले गेंदबाज नहीं रहे हैं. इसकी वजह उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लगभग कटे रहना है. वह बीच-बीच में पुरानी झलक तो दिखाते रहते हैं. पर कई बार बहुत महंगे साबित होने लगे हैं. किंग्स इलेवन के खिलाफ खेले आखिरी से पहले मैच में चार ओवर में 45 रन दे बैठे थे.
दवाब में लड़खड़ाना
मुंबई इंडियंस ने लीग अभियान के दौरान कुछ मौकों पर दवाब में लड़खड़ाने की आदत दिखाई है. असल में किसी टीम के बल्लेबाजों ने आक्रामक अंदाज में खेलने का प्रयास किया तो गेंदबाज की समझ में यह आना बंद हो जाता है कि गेंद डालें तो कहां. किंग्स इलेवन के खिलाफ मैच में पांड्या ने दो ओवर में 29 रन, मैक्लनाघन ने चार ओवर में 54 रन और हरभजन सिंह ने तीन ओवर में 45 रन देकर यह लडखड़ाहट दिखाई थी.
मैच फिनिशर की कमी
मुंबई इंडियंस में यह कमी किंग्स इलेवन के खिलाफ मैच में ही दिखी. कीरोन पोलार्ड की अच्छे मैच फिनिशर वाली छवि रही है. लेकिन पेस गेंदबाज संदीप और मोहित शर्मा ने जिस तरह से नीची रहतीं यॉर्कर और नकल गेंदों को इस्तेमाल करके पोलार्ड जैसे बल्लेबाज को रनों का मुंहताज बना दिया. यह टीम के लिए अच्छा संकेत नहीं है.