राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के खिलाफ पिछले मैच में 97 रन की आईपीएल इतिहास की अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी दिल्ली डेयरडेविल्स ने. इतनी बड़ी जीत ने उसे जाहिर तौर पर आत्मविश्वास से भर दिया होगा. दिल्ली डेयरडेविल्स को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला पर किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अपना पहला घरेलू मैच खेलना है. ऐसे में वो जीत की लय बरकार रखने के इरादे से उतरेगी.
कप्तान जहीर खान की अगुआई में दिल्ली का गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत नजर आ रहा है. लेकिन उसकी बल्लेबाजी में कुछ कमियां हैं जिससे टीम को पार पाना होगा.
दूसरी तरफ ग्लेन मैक्सवेल की अगुआई वाली पंजाब की टीम का मजबूत पक्ष उसकी बल्लेबाजी है. लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ पिछले मैच में आठ विकेट की हार के दौरान बल्लेबाजों ने टीम को निराश किया. टीम के गेंदबाज अब तक कुछ ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए हैं. इसका फायदा दिल्ली की टीम कल उठाने की कोशिश करेगी.
दिल्ली की बल्लेबाजी अब तक ऋषभ पंत और संजू सैमसन के इर्द गिर्द घूमती रही है. सैमसन ने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के खिलाफ पिछले मैच में अपने करियर और आईपीएल 10 का पहला शतक जड़ा. पंत ने पहले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ अर्धशतक जड़ा. दूसरे मैच में भी तेजतर्रार पारी खेली. लेकिन टीम के अन्य बल्लेबाज अब तक उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे हैं.
क्रिस मौरिस ने पुणे के खिलफ सिर्फ नौ गेंद में नाबाद 38 रन की पारी खेलकर मौजूदा सत्र में टीम की ओर से प्रभावी ऑलराउंडर की भूमिका निभाने के संकेत दिए. उन्होंने गेंदबाजी में भी प्रभावित किया है और आरसीबी के खिलाफ तीन विकेट चटकाने के बाद पुणे के खिलाफ भी किफायती गेंदबाजी की.
सलामी बल्लेबाज आदित्य तरे और सैम बिलिंग्स दोनों मैचों में नाकाम रहे. बिलिंग्स ने दोनों मैचों में 20 से अधिक रन बनाए. लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे.
कोरी एंडरसन ने पुणे के खिलाफ आलराउंडर की अपनी भूमिका में निराश किया. सैमसन और मौरिस के साथ उन्होंने दो साझेदारियां कीं और इस दौरान 81 रन बने. लेकिन इसमें एंडरसन का योगदान बहुत कम रहा. टीम के पास कार्लोस ब्रैथवेट के रूप में एक और ऑलराउंडर मौजूद है. लेकिन उन्होंने भी पहले मैच में गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में निराश किया था. टीम को अगर टूर्नामेंट में प्रभावी प्रदर्शन जारी रखना है तो आगामी मैचों में सलामी जोड़ी के अलावा टीम के आलराउंडरों को भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा. बल्लेबाज करुण नायर भी मौके को भुनाने में विफल रहे हैं.
डेयरडेविल्स के गेंदबाजों ने अब तक दोनों मैचों में प्रभावित किया है. मौरिस के अलावा कप्तान जहीर खान भी दोनों मैचों में रंग में दिखे. उन्होंने आरसीबी के खिलाफ दो, जबकि पुणे के खिलाफ तीन विकेट चटकाए.
तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने भी उनका अच्छा साथ निभाया. लेग स्पिनर अमित मिश्रा पहले मैच में काफी महंगे साबित हुए. लेकिन पुणे के खिलाफ उन्होंने जबर्दस्त वापसी करते हुए 11 रन देकर तीन विकेट चटकाए. बाएं हाथ के स्पिनर शाहबाज नदीम ने भी अब तक दोनों मैचों में किफायती गेंदबाजी करने के अलावा विकेट भी हासिल किए हैं.
टीम के पास इसके अलावा मोहम्मद शमी और कागिसो रबाडा जैसे दो दिग्गज तेज गेंदबाज भी मौजूद हैं जिन्हें आजमाया जा सकता है. दूसरी तरफ किंग्स इलेवन पंजाब का मजबूत पक्ष उसकी बल्लेबाजी है. हाशिम अमला और मनन वोहरा की सलामी जोड़ी ने टीम को अब तक लगभग सभी मैचों में उम्दा शुरुआत दिलाई है. लेकिन वोहरा अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे हैं. अमला ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ अर्धशतक जड़ा था, जबकि अन्य मैचों में भी अच्छी शुरुआत की.
कप्तान ग्लेन मैक्सवेल ने पहले दो मैचों में राइजिंग पुणे सुपरजायंट और आरसीबी के खिलाफ क्रमश: 44 और 43 रन की नाबाद पारियां खेलकर पहले दो मैचों में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई. डेविड मिलर और ऋद्धिमान साहा भी मौका मिलने पर अपने बल्ले का कमाल दिखा चुके हैं.
टीम की गेंदबाजी हालांकि कुछ कमजोर है. मोहित शर्मा तीनों मैचों में काफी महंगे साबित हुए हैं. लेकिन संदीप शर्मा और वरुण एरॉन ने टुकड़ों में प्रभावित किया है. अक्षर पटेल ने गेंद और बल्ले दोनों से प्रभाव छोड़ा है.