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आईपीएल 2017: नाइट राइडर्स में है योद्धाओं जैसा दम

केकेआर की टीम में स्टार खिलाड़ियों की भरमार

Pravin Sinha

कोरबो-लोड़बो-जीतबो ... आईपीएल की अपनी इस थीमलाइन पर शब्दशः अमल करती है कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम. दो बार की आईपीएल चैपिंयन केकेआर ने आईपीएल-10 में धमाकेदार शुरुआत करते हुए तमाम विरोधी टीमों को इस बात का संकेत भी दे दिया था.

एक संतुलित टीम कॉम्बिनेशन के साथ खेल रही केकेआर को किसी भी मुकाबले में हल्के तौर पर नहीं लिया जा सकता है. उनके पास आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले कप्तान गौतम गंभीर के अलावा रॉबिन उथप्पा, क्रिस लिन, सुनील नारायण जैसे फोड़ू बल्लेबाज हैं तो उमेश यादव, ट्रेंट बोल्ट और क्रिस वोक्स जैसे घातक गेंदबाज.


शानदार शुरुआत कर दे दिया था संकेत

केकेआर के करीबन सारे स्टार खिलाड़ियों ने जरूरत पड़ने पर शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को प्लेऑफ तक पहुंचाया. हालांकि केकेआर के अंकतालिका में चौथे स्थान आने का सफर भी रोचक है. दरअसल, केकेआर शुरुआती 10 में से सात मैच जीत प्लेऑफ में जगह बनाने के करीब पहुंच गई थी लेकिन उनके लिए आगे के मैचों को हल्के तौर पर लेने की गलती भारी पड़ी और अगले पांच मैचों में से चार में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी.

इस दौरान आईपीएल-10 में कमजोर गेंदबाजी आक्रमण के साथ उतरे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को हराकर केकेआर ने किसी तरह प्लेऑफ में अपनी जगह सुनिश्चित की. शुरुआती मुकाबलों में उन्होंने साबित कर दिया था कि उन्हें हराना कतई आसान नहीं है. किसी भी टीम को केकेआर को हराना तभी आसान है, जबतक खुद केकेआर खुद मैच को हल्के तौर पर लेने की गलती न करे.

मजबूत बल्लेबाजी क्रम

केकेआर के पास एक मजबूत बल्लेबाजी क्रम है. कप्तान गौतम गंभीर खुद आगे बढ़कर नेतृत्व करने में भरोसा रखते हैं. इस बार आईपीएल में उन्होंने लीग दौर में 14 मैचों में 41.27 के औसत से 454 रन बनाए. यही नहीं, वह करीबन 128 की स्ट्राइक रेट से चार अर्धशतक भी जड़ चुके हैं.

केकेआर को अपना एलिमिनेटर मैच कोलकाता के घरेलू मैदान ईडन गार्डन्स में खेलना है जो किसी भी विपक्षी टीम के लिए कतई आसान नहीं होता है. गंभीर का अपने घरेलू मैदान पर प्रदर्शन काफी अच्छा रहता है. इस बात को वह वर्ष 2012 और 2014 में आईपीएल खिताब जीतने के दौरान साबित कर चुके हैं.

धमाकेदार ओपनर 

स्टायलिश गौतम गंभीर को अपनी बल्लेबाजी शैली में परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है, लेकिन वह अपनी कप्तानी में कुछ न कुछ नया करते रहते हैं. इस बार भी सुनील नरायन को अपनी जगह ओपनिंग करने भेजकर उन्होंने कुछ वैसा ही किया. सुनील बिग बैश और कैरिबियन लीग में पारी की धमाकेदार शुरुआत करते रहे हैं.

गंभीर ने आईपीएल-10 में सुनील को बतौर ओपनर भेजने का प्रयोग किया जो सही साबित हुआ. विस्फोटक ओपनर क्रिस लिन के साथ सुनील नारायण ने रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ पावरप्ले के छह ओवरों में बिना विकेट खोए 105 रन बनाकर न केवल टीम की जीत की नींव रखी, बल्कि आईपीएल इतिहास की सबसे तेज ओपनिंग साझेदारी का कीर्तिमान भी रच दिया.

क्रिस लिन ने चोट के बाद वापसी करते हुए इस सत्र में पांच मैच खेलते हुए 71.25 के औसत से 285 रन बनाए हैं, जबकि उनकी स्ट्राइक रेट 186 से भी ऊपर है. दूसरी ओर, सुनील नारायण ने 14 मैचों में 178.33 की स्ट्राइक रेट से 214 रन बनाए हैं. सुनील की धुआंधार बल्लेबाजी केकेआर के लिए बोनस है. गंभीर ने सुनील का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए खुद को पीछे कर लिया जो उनके पेशेवर अंदाज को दर्शाता है. इसी तरह रॉबिन उथप्पा भी आईपीएल 10 में अब तक 12 मैचों में 35 के औसत से 386 रन बनाए हैं।.

गेंदबाजों में भी कहर बरपाने का है माद्दा

मजबूत बल्लेबाजी के अलावा केकेआर की बड़ी ताकत उनका घातक गेंदबाजी आक्रमण भी है. उमेश यादव, क्रिस वोक्स, नाथन कॉल्टरनाइल और कोलिन सटीक लाइन लैंथ के साथ गेंदों में गति परिवर्तन कर बल्लेबाजों की खूब परीक्षा लेते हैं. उमेश 12 मैचों में 14 विकेट ले चुके हैं, जबकि कॉल्टरनाइल 6 मैचों में 11 विकेट, क्रिस वोक्स 13 मैचों में 17 विकेट और सुनील नरायन 14 मैचों में 10 विकेट अपने नाम किए हैं. इनमें से सिर्फ सुनील के खाते में उनकी ख्याति के अनुरूप ज्यादा विकेट नहीं आए हैं, लेकिन एक यूनिट के तौर पर केकेआर के गेंदबाज जानदार प्रदर्शन कर रहे हैं.

भरोसेमंद फिनिशर की है कमी

केकेआर के साथ अच्छी बात है कि उनके स्टार खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन उनके पास कोई भरोसेमंद फिनिशर नहीं हैं. यूसुफ पठान, मनीष पांडे या सूर्यकुमार यादव टीम के लिए अच्छे फिनिशर की भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन इस बार इनमें से किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. टीम की यह कमजोर कड़ी है जिसपर कप्तान गौतम को गंभीरता दिखानी ही होगी.