view all

आईपीएल 2017, DD Vs RPS Match 52: सुपरजायंट का खेल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे डेयरडेविल्स

दिल्ली डेयरडेविल्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट के बीच मुकाबला दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में

Bhasha

अब मामला खेल बनने से ज्यादा खेल बिगड़ने का है. मुकाबला दिल्ली डेयरडेविल्स और राइजिंग पुणे सुपरजायंट के बीच है. आईपीएल प्लेऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकी दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम अपने घर यानी दिल्ली में ये मुकाबला खेलेगी. फिरोजशाह कोटला मैदान पर उसका लक्ष्य अंकतालिका में कुछ सम्मानजनक स्थान हासिल करना और राइजिंग सुपरजाइंट का खेल बिगाड़ना होगा जिसकी निगाहें शीर्ष दो में अपनी जगह पक्की करने पर लगी हैं.

डेयरडेविल्स को अपने आखिरी दो मैच कोटला में ही खेलने हैं और इन दोनों में उसकी टीम प्रतिष्ठा की खातिर मैदान पर उतरेगी. गुजरात लायंस पर बुधवार की रात ग्रीन पार्क में आखिर ओवर तक खिंचे मैच में दो विकेट की करीबी जीत से उसके हौसले बुलंद होंगे.


दिल्ली के सामने 196 रन का लक्ष्य था और उसने श्रेयस अय्यर की 96 रन की पारी के दम पर आठ विकेट पर 197 रन बनाकर जीत दर्ज करके अंक तालिका में छठा स्थान हासिल कर लिया. दिल्ली के अब तक 12 मैचों में दस अंक हैं. जहीर खान की अगुवाई वाली टीम हालांकि अगले दोनों मैचों में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश करेगी.

दूसरी तरफ पुणे सुपरजायंट के लिए यह मैच काफी महत्वपूर्ण है. उसके 12 मैचों में 16 अंक हैं. उसकी निगाह न सिर्फ प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की करने बल्कि शीर्ष दो में स्थान बनाने पर लगी हैं ताकि उसे प्लेऑफ में पहुंचने पर दो बार फाइनल में जगह बनाने का मौका मिल सके.

स्टीफन स्मिथ की टीम ने पिछले आठ में से सात मैच जीते हैं और वह दिल्ली के कमजोर पक्षों का फायदा उठाकर कोटला में ही अपने लिए आगे की तस्वीर साफ करने की कोशिश करेगी. दिल्ली के बल्लेबाज लगातार एक जैसा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं.

ऋभष पंत और संजू सैमसन गुजरात लायंस के खिलाफ दिल्ली में ताबड़तोड़ पारी खेलने के बाद अगले दोनों मैचों में नाकाम रहे हैं. करुण नायर और कोरी एंडरसन भी अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रख पाए हैं. अय्यर ने ग्रीन पार्क में दिखाया कि वह जरूरत पड़ने पर ताबड़तोड़ रन बटोर सकते हैं. वह अपनी इस फॉर्म को यहां भी बरकरार रखना चाहेंगे.

पुणे के लिए यह अच्छी खबर है कि उसके अधिकतर खिलाड़ी सही समय पर फॉर्म में लौटे हैं जबकि कुछ युवा भारतीय खिलाड़ियों ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया. इनमें सलामी बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी प्रमुख हैं जिन्होंने दस मैचों में 353 रन बनाए हैं.

टीम की तरफ से उनकी तरफ से अधिक रन केवल कप्तान स्मिथ (11 मैचों में 367 रन) ने बनाए हैं. बेन स्टोक्स शुरू में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए थे लेकिन पिछले कुछ मैचों में उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से अपना अच्छा योगदान दिया है. इंग्लैंड के इस ऑलराउंडर के नाम पर अभी तक 283 रन और दस विकेट दर्ज हैं.

महेंद्र सिंह धोनी को भी शुरू में लचर खेल के कारण आलोचनाएं सहनी पड़ी थी. लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान ने कुछ मैचों में दिखाया कि वह अब भी सर्वश्रेष्ठ फिनिशर हैं. डेयरडेविल्स के गेंदबाजों को उनसे सतर्क रहने की जरूरत है. सलामी बल्लेबाज के रूप में अजिंक्य रहाणे जरूर अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. लेकिन वह चैंपियंस ट्रॉफी में अपने चयन को सही साबित करने को जरूर बेताब होंगे.

मध्यक्रम में मनोज तिवारी को भी मौका मिलने पर टीम की जरूरत के हिसाब से लंबी पारी खेलनी होगी. पुणे की टीम शुरुआती मैचों में गेंदबाजी में दक्षिण अफ्रीकी लेग स्पिनर इमरान ताहिर पर काफी निर्भर थी. लेकिन बाद में तेज गेंदबाज जयदेव उनाद्कट (आठ मैचों में 17 विकेट) और स्टोक्स ने उनका अच्छा साथ दिया. दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों के स्वदेश लौटने का सबसे अधिक खामियाजा पुणे को भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि ताहिर ने अब तक 12 मैचों में 18 विकेट लिए थे और कोटला की पिच पर वह कारगर साबित हो सकते थे.