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आईपीएल 2017: आसान नहीं होता रेलवे पटरी की मरम्मत से आईपीएल का सफर

पटरी की मरम्मत करना और लोहे की रॉड उठाने का काम करते थे कर्ण शर्मा

FP Staff

मुंबई इंडियंस ने आईपीएल 10 के दूसरे क्वालिफाइंग मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स को 6 विकेट से हरा दिया. मुंबई की जीत के हीरो ऑलराउंडर कर्ण शर्मा रहे, जिन्होंने 16 रन देकर चार विकेट लिए. 'मैन ऑफ द मैच' चुने गए. कर्ण शर्मा के क्रिकेट के बड़े मंच पर अपने प्रदर्शन से करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के दिल जीतने तक का सफर आसान नहीं रहा.

आईपीएल 10 की नीलामी में जब इस क्रिकेटर की बोली करोड़ों में लगी तो सभी हैरान थे. शायद इस ऊंची बोली की वजह से ही कर्ण शर्मा मीडिया के लाइम लाइट में आए. लेकिन आईपीएल के प्लेऑफ मुकाबले में शानदार बॉलिंग कर साबित कर दिया कि मुंबई इंडियंस ने उनपर गलत दांव नहीं लगाया था. वे इसके काबिल थे तभी उन्हें इतने पैसे में खरीदा गया.


कर्ण 2005 में रेलवे से जुड़े थे. उस वक्त वह ग्रेड 4 कर्मचारी थे. ऐसे कर्मचारियों का काम पटरी की मरम्मत करना और लोहे की रॉड उठाने जैसा मशक्कत भरा होता है, लेकिन क्रिकेट खेलने की वजह से कर्ण को इनसे छूट मिलती रही थी. वह उस समय वाराणसी में पदस्थ थे. आईपीएल सीजन सात के लिए अनकैप्ड खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा बोली रेलवे के कर्ण शर्मा पर लगी थी.

उस समय कर्ण को सनराइजर्स हैदराबाद ने तीन करोड़ 75 लाख रुपयों में खरीदा था. इतनी ऊंची कीमत मिलने पर कर्ण को पहली बार यकीन नहीं हुआ था. उनकी पत्नी ने जब फोन पर इसकी जानकारी दी तो कर्ण को लगा की वह मजाक कर रही है.

इसके बाद कर्ण ने इसके बाद इंटरनेट पर जानकारी जुटाई और फिरकी गेंदबाज व दोस्त अमित मिश्रा का फोन आया तो कर्ण को यकीन हुआ कि उन्हें इतने ऊंचे दाम पर खरीदा गया है. 2014 में जब आईपीएल फ्रेंचाइजी में उन्हें खरीदने के लिए होड़ मची हुई थी, उस वक्त कर्ण नेट्स पर बल्लेबाजी कर रहे थे.

 बेंगलुरु में चल रही नीलामी का तनाव दूर करने के लिए कर्ण घर से निकल कर स्टेडियम चले गए थे. वहां उन्हें सबसे पहले पत्नी ने फोन कर यह खुशखबरी सुनाई. कर्ण की तनख्वाह उस वक्त 17 हजार रुपए थी. उनके मुताबिक अपने जीवन में कभी उन्होंने इतनी बड़ी राशि नहीं देखी. हालांकि इससे पहले 2009 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 20 लाख रुपयों में खरीदा था.

कर्ण शर्मा ने अब तक कई टीमों की तरफ से 54 आईपीएल मैच खेल चुके हैं. जिसमें उन्होने करीब 26 की औसत से 49 विकेट भी लिए हैं. 7.75 की स्ट्राइक रेट दिखाती है कि उन्हे बल्लेबाजों पर लगाम लगाना आता है. कर्ण बल्लेबाजी में भी हाथ दिखा लेते हैं. अंतिम ओवर्स में वह तेज बल्लेबाजी करने का माद्दा रखते हैं. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तो उनके नाम शतक भी है.

बहुत कम लोगों को पता है कि कर्ण हर फॉर्मेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. उन्होने भारत की तरफ से 1 टेस्ट, 1 टी20 और 2 वनडे मैच खेले हैं. हालांकि सभी मैचों में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.