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बॉक्सर मनोज ने लगाया SAI पर बड़ा इल्जाम, खेल मंत्री को लिखी चिट्ठी

SAI का जवाब- अपनी चोट छुपा रहे हैं कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट बॉक्सर मनोज

FP Staff

अनुभवी मुक्केबाज मनोज कुमार ने आरोप लगाया है कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने एशियाई खेलों के दौरान लगी चोट के इलाज के लिए उनके वित्तीय सहायता गुजारिश की अनदेखी की.साइ ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए इस मुक्केबाज पर अपनी फिटनेस समस्या छुपाने का आरोप लगाया है.

खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह को लिखे पत्र में कॉमनवेल्थ खेलों के तीन बार के पदक विजेता मनोज के कोच और बड़े भाई राजेश राजोंद ने कहा है कि साइ ने कई बार याद दिलाने के बावजूद ग्रोइन की चोट से उबरने के लिए सहायता के इस मुक्केबाज के आग्रह का जवाब नहीं दिया.


राजेश ने पत्र में कहा, ‘संबंधित अधिकारी जानबूझकर इस मामले में राजनीति कर रहे हैं और मैं आपसे आग्रह करता हूं कि खेल मंत्री के रूप में आप तुरंत जांच शुरू करें.. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उसे तुरंत और उचित मेडिकल सुविधा मिले.’

मनोज चोट के कारण एशियाई खेलों के बाद से रिंग से दूर हैं और इस साल राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने वाले मुक्केबाजों की सूची में भी उनका नाम नहीं था।

राजेश ने कहा, ‘सभी मेडिकल रिपोर्ट साइ और टाप (टारगेट ओलिंपिक पोडियम) योजना को सात सितंबर 2018 को ईमेल के जरिए भेजी गई. अस्पताल ने इलाज की अनुमानित लागत 530400 रुपये बताई है. हालांकि सभी मेडिकल रिपोर्ट भेजने के बावजूद मुझे अब तक संबंधित अधिकारियों से ठोस जवाब नहीं मिला है.’

साइ के एक अधिकारी ने इसके जवाब में नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि एशियाई खेलों के पूर्व पदक विजेता और ओलिंपियन मनोज को वित्तीय सहायता दी गई लेकिन वह अपनी चोटों को लेकर सटीक जानकारी नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मनोज सीनियर बॉक्सर हैं और जब वह टॉप्स योजना में था तो उसका पूरा समर्थन किया गया. पूरी तरह से सरकारी खर्चे पर मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उसका इलाज कराया गया. लेकिन प्रदर्शन में गिरावट के कारण टॉप्स से बाहर होने के बाद हम उसका पूर्ण समर्थन नहीं कर सकते.’

मनोज ने कहा कि उन्हें सिर्फ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की ओर से वित्तीय सहायता दी गई जबकि साइ अधिकारी ने कहा कि टॉप्स से बाहर किए जाने के बावजूद इस मुक्केबाज को सहायता राशि दी गई.