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अलविदा 2016: क्रिकेट के उभरते सितारों के नाम रहा साल

कई युवा खिलाड़ियों ने साल में शानदार प्रदर्शन से पहचान बनाई

IANS

इस साल सफलता के नए आयाम छूने वाली भारतीय क्रिकेट टीम में कई नए चेहरों ने दस्तक दी. इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से ऐसी छाप छोड़ी, जो भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करती है.

इन खिलाड़ियों में करुण नायर, जयंत यादव, जसप्रीत बुमराह, लोकेश राहुल और हार्दिक पांड्या के नाम शामिल हैं. इन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर कई बार मुश्किल परिस्थितियों से टीम को उबारा और जीत तक पहुंचाया.


करुण नायर

घरेलू स्तर पर कर्नाटक की टीम के लिए खेलने वाले बल्लेबाज करुण को घरेलू मैचों में बेहतर प्रदर्शन के कारण भारत की एकदिवसीय टीम में शामिल किया गया. करुण ने 11 जुलाई को जिम्बाब्वे के खिलाफ एकदिवसीय प्रारूप में पदार्पण किया.

इसके बाद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के लिए भी टीम में जगह मिली. पहले मैच में वह कुछ खास नहीं कर पाए और चार रन ही बना सके. मुंबई टेस्ट में भी उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा. लेकिन चेन्नई टेस्ट में जब करुण मैदान पर उतरे तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि वह ऐसा कुछ कर जाएंगे जो रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाएगा.

करुण ने इस मैच में न केवल टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया, बल्कि इस शतक को तिहरे शतक में बदलकर नया रिकॉर्ड बना डाला. वह ऐसा कारनामा करने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के पहले बल्लेबाज बने. इसके साथ ही वह भारत की ओर से तिहरा शतक लगाने वाले वीरेंद्र सहवाग के बाद दूसरे बल्लेबाज भी बन गए.

करुण की इस रिकॉर्ड बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने भी टेस्ट इतिहास में एक पारी में सर्वोच्च स्कोर खड़ा करने का रिकॉर्ड बनाया. टीम ने सात विकेट पर 759 रन बनाकर पारी घोषित की. इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में भारत का सर्वोच्च स्कोर 726 रन था, जो उसने श्रीलंका के खिलाफ 2009 में मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में बनाए थे.

जयंत यादव

भारत के लिए टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ जयंत यादव नाम का एक और नया सितारा उभरा. न्यूजीलैंड के खिलाफ अक्टूबर में एकदिवसीय प्रारूप में पदार्पण करने वाले जयंत इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपने हरफनमौला खेल से सभी की नजरों में चढ़े. मुंबई टेस्ट मैच में जयंत ने नौवें क्रम पर शतक लगाने के साथ ही इतिहास रच दिया.

हरियाणा के प्रतिभाशाली खिलाड़ी जयंत नौवें क्रम पर खेलते हुए भारत के लिए टेस्ट शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए. मुंबई टेस्ट मैच में उन्होंने अपनी पारी में कुल 104 रन बनाए थे. इसी मैच की पहली पारी में कोहली के साथ आठवें विकेट के लिए 241 रनों की साझेदारी कर जयंत ने नया रिकॉर्ड रचा. यह भारत की आठवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई.

अपनी मजबूत बल्लेबाजी के साथ जयंत ने गेंदबाजी में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और तीन टेस्ट मैचों में नौ विकेट लिए.

हार्दिक पंड्या

इसी साल भारत के लिए टी-20 और एकदिवसीय प्रारूप में करियर का आगाज करने वाले हार्दिक पंड्या ने टी-20 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत एकदिवसीय टीम में जगह बनाई.

आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में 26 जनवरी 2016 को अपने पहले टी-20 मैच में हार्दिक ने 37 रन देकर दो विकेट लिए. इस मैच को भारतीय टीम ने 37 रनों से जीता. पांड्या ने भारत की मेजबानी में खेले गए आईसीसी टी-20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच से सुर्खियां बटोरीं. इस मैच में उन्होंने अंतिम ओवर में बांग्लादेश को जरूरी रन नहीं बनाने दिए और अपनी टीम को जीत दिलाई.

पांड्या एक ऐसे हरफनमौला खिलाड़ी के विकल्प के तौर पर उभरे हैं, जो बल्ले से तेजी से रन बनाने के साथ-साथ अंतिम ओवरों में अपनी टीम के लिए रन भी रोक सकते हैं.

लोकेश राहुल

करुण के साथ जिम्बाब्वे दौरे से एकदिवसीय करियर का आगाज करने वाले लोकेश राहुल के रूप में भारत को अपना नया भरोसेमंद ओपनर मिला. राहुल ने जिम्बाब्वे दौरे पर शतक लगाया और भारत को नौ विकेट से जीत दिलाई. उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 प्रारूप में भी करियर की शुरुआत की.

राहुल ने इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ 27 अगस्त को अमेरिकी धरती पर हुए टी-20 मैच में जो किया, उसने तो राहुल की क्षमता के नए सिरे खोल दिए. राहुल ने केवल 46 गेंदों में शतक लगाकर अंतरराष्ट्रीय टी-20 में भारत के सबसे तेज शतकवीर और विश्व स्तर पर तीसरे सबसे तेज शतकवीर बने.

इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट श्रृंखला में भारत की 4-0 से जीत में भी राहुल का योगदान रहा. चेन्नई टेस्ट में उन्होंने 199 रनों की नायाब पारी खेली.

जसप्रीत बुमराह

तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह भारतीय क्रिकेट के लिए इस वर्ष बेहतरीन खोज रहे. अपनी तेजी और सटीकता से प्रभावित करने वाले बुमराह ने आठ एकदिवसीय मैचों में 17 विकेट हासिल किए.

बुमराह के रूप में वर्षो बाद भारत को एक ऐसा गेंदबाज मिला है, जो अंतिम ओवरों में विशेषज्ञ गेंदबाज की कमी को पूरा कर सकता है. उन्होंने अब तक इस काम को बखूबी साबित भी किया है. एकदिवसीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कई बार बुमराह को नई गेंद न थमाकर पुरानी गेंद की जिम्मेदारी सौंपी. उन्होंने धोनी को कभी निराश नहीं होने दिया.

अपनी धारदार यॉर्कर के लिए मशहूर बुमराह ने कई बार अहम समय पर महत्वपूर्ण सफलताएं दिलाई हैं. उनकी इस खासियत का पता टी-20 और एकदिवसीय मैचों के रिकॉर्ड से पता चलता है. बुमराह ने अब तक 21 टी-20 मैचों में 28 विकेट लिए हैं. वह आईसीसी टी-20 गेंदबाजों की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हैं.