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महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज बदल सकती हैं अपना रिटायरमेंट प्लान !

टीम में मेरी कई उत्तराधिकारी मौदूद हैं- मिताली

IANS

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने लगता है कि अपने भविष्य को लेकर अपना मूड बदल लिया है. 23 जुलाई को विश्व के फाइनल के बाद मिताली ने कहा था कि वह अगले विश्व कप में अपने आप को खेलते नहीं देखती हैं, लेकिन अब उनका कहना है कि वह जब तक फिट हैं, तब तक खेलेंगी. विश्व कप के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम को गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने राष्ट्रीय राजधानी में सम्मानित किया. इस मौके पर मीडिया से मुखातिब होते हुए मिताली ने कहा कि वह जब तक फिट हैं, तब तक खेलेंगी.

मिताली ने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर हर कोई खेलना चाहता है. जब तक मैं फिट हूं और अपनी फॉर्म को लेकर मुझे आत्मविश्वास है, मैं तब तक खेलूंगी. अगला विश्व कप 2021 में है. चार साल के बारे में किसी को नहीं पता. हमारा अगला लक्ष्य अगले साल होने वाला टी-20 विश्व कप है. हम उस पर ध्यान देना चाहेंगे. हमें उसके लिए तैयारी शुरू करनी चाहिए. हां, मुझे लगता है कि मैं दो-तीन साल आराम से अपने देश के लिए खेल सकती हूं."


मिताली ने फाइनल में इंग्लैंड के हाथों नौ रनों की हार के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में कहा था, "मैं खुद को कुछ और साल खेलते हुए देखती हूं, लेकिन अगला विश्व कप नहीं."

मिताली ने महिला क्रिकेट में अच्छे खिलाड़ी निकालने के लिए टेस्ट क्रिकेट पर जोर देने की बात कही, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि महिला क्रिकेट को पहचान दिलाने के लिए टी-20 सही प्रारूप है क्योंकि आज के दौर में यह ज्यादा प्रचलित है.

मिताली ने कहा, " टेस्ट मैच ही हर क्रिकेट खिलाड़ी की कबिलियत का असली इम्तिहान है क्योंकि वह खिलाड़ी हर चीज, चाहे वो खिलाड़ी की प्रतिभा हो, धैर्य हो, मानिसक संतुलन हो, उसको परखता है. लेकिन, जब महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने की जरूरत है और जब टी-20 क्रिकेट आ गई है तो हर बोर्ड यही चाहता है कि वह महिला क्रिकेट को मार्केट करे, तो टी-20 और वनडे इसके लिए सही प्रारूप है. लेकिन, अगर आपको अच्छी खिलाड़ी चाहिए तो टेस्ट मैच भी उतने ही होने चाहिए."

मिताली ने 1999 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. तब से लेकर अब तक उन्होंने सिर्फ 10 टेस्ट मैच ही खेले हैं. टेस्ट में उनके नाम दोहरा शतक भी दर्ज है.

मिताली ने अपनी उत्तराधिकारी के सवाल पर कहा कि आप नहीं जानते कि किस्मत कहां ले जाए. उन्होंने कहा कि टीम में कई ऐसी खिलाड़ी हैं जो टीम की कप्तान बन सकती हैं.

मिताली ने कहा, "मैं नहीं जानती. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुभव काफी मायने रखता है. हर खिलाड़ी अपने आप में कप्तान है. हरमनप्रीत, स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा टीम में हैं जो कर सकती है. आप नहीं जानते कि किस्मत कहां ले जाए. लेकिन, इस टीम में वो क्षमता है कि वो हर चुनौती का जरूरत पड़ने पर सामना कर सकती है."