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आखिरकार घूम फिरकर धोनी पर ही अटके चयनकर्ता

उनकी गैरहाजिरी में दिल्ली के ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक विकेटकीपिंग करते नजर आए. लेकिन दोनों खेल से प्रभावित नहीं कर सके

Sachin Shankar

पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सीरीज के लिए वनडे और टी-20  टीम में वापसी सबके लिए हैरत का सबब रही. धोनी छोटे प्रारूप में केवल छह मैचों के लिए बाहर रहे. सोमवार को जब चयनकर्ताओं की बैठक हुई तो उसमें विश्व कप के लिए टीम तैयार करने पर जोर रहा. इसलिए जो चयनकर्ता पिछले माह दूसरे विकेटकीपर को तलाशने की बात कर रहे थे वो धोनी को टीम में लेने के लिए मजबूर हो गए. धोनी को पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 टीम से बाहर कर दिया गया था.

अगले साल इंग्लैंड में होने वाले वनडे विश्व कप में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. अगले दो महीनों में आठ वनडे मैच खेले जाने हैं. ये देखते हुए चयनकर्ताओं ने धोनी को आजमाने का फैसला किया है. भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में 12 जनवरी, एडिलेड में 15 जनवरी और मेलबर्न में 18 जनवरी को वनडे मैच खेलगी. इस दौरे के बाद भारतीय टीम न्यूजीलैंड जाएगी, जहां 23, 26, 28, 31 जनवरी और तीन फरवरी को वनडे मैच खेलेगी. वहीं 6, 8 और 10 फरवरी को न्यूजीलैंड और भारत के बीच टी-20 मैच खेले जाएंगे.


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37 वर्षीय धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टी-20 मैच नहीं खेले थे. उनकी गैरहाजिरी में दिल्ली के ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक विकेटकीपिंग करते नजर आए. लेकिन दोनों खेल से प्रभावित नहीं कर सके. हालांकि ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक को धोनी के साथ न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 टीम में रखा गया है. जबकि युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत को वनडे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज खेलकर लौटने के बाद ऋषभ पंत इंग्लैंड लायंस के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज के लिए भारत ए टीम के लिए खेलेंगे.

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अगर धोनी के पिछले सात वनडे मैचों में उनके प्रदर्शन पर निगाह डालें तो उन्होंने 23, 7, 20, 36, 8, 33 और 0 रन बनाए हैं. बेशक ये रन उनके जैसे खिलाड़ी के कद को नहीं दर्शाते हैं. लेकिन, जब बात धोनी की होती है तो उनके अन्य योगदान को भी देखा जा सकता है. वह अब भी भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं. जबकि ऋषभ पंत को अब भी सुधार की जरूरत है. चयनकर्ताओं ने उन्हें टी-20 टीम में भी चुनकर अपनी गलती सुधार ली है. यानी ये बात तो साफ है कि धोनी का अभी कोई विकल्प नहीं है. कम से कम विश्व कप तो वह टीम का स्थायी हिस्सा रहेंगे. नई टीम बनाने की बात उसके बाद हो सकती है.