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India vs Windies, 2nd Test at Hyderabad: क्‍या यहां भी जारी रहेगा 'पारी का खेल'?

भारत में वेस्‍टइंडीज ने पिछले दिनों मैच पारी से गंवाए हैं

FP Staff

भारत और वेस्टइंडीज के बीच शुक्रवार से हैदराबाद में शुरू होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच से पहले जरा इस तथ्य पर नजर डाल लीजिए. वेस्टइंडीज ने जो पिछले तीन टेस्ट भारतीय सरजमीं पर खेले हैं वो केवल नौ दिन चले हैं और इस दौरान केवल 720.5 ओवर डाले गए हैं. ये तीनों टेस्ट मैच वेस्टइंडीज ने पारी से गंवाए हैं. भारत ने राजकोट में पहला टेस्ट मैच पारी और 272 रन के रिकॉर्ड अंतर से जीता था. दूसरे टेस्ट मैच में भी किसी तरह का अंतर आने की उम्मीद नहीं है. भारतीय बल्लेबाजों का दबदबा बना रह सकता है. इससे ये टेस्ट भी एकतरफा तय लग रहा है.

हैदराबाद में हालांकि कैरेबियाई टीम वापसी करने की कोशिश करेगी, लेकिन इस बार भी उसकी चुनौती कमजोर नजर आ रही है. वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर अब भी शत प्रतिशत फिट नहीं हैं और उनके एकमात्र उपयोगी तेज गेंदबाज शैनन गैब्रियल का भी खेलना संदिग्ध है. फिर भी वेस्टइंडीज भारत को कुछ चुनौती पेश करने की कोशिश करेगी. पहले टेस्ट मैच में केवल कीरेन पावेल और रोस्टन चेज ही भारतीय आक्रमण का कुछ देर तक सामना कर पाए थे. उसके बल्लेबाजों को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है जो कि पहले मैच में नहीं दिखा था.


भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं

भारत ने दूसरी तरफ पहला टेस्ट मैच तीन दिन में जीतने वाली अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया है. वैसे भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे को ध्यान में रखते हुए एकतरफा मुकाबले आदर्श नहीं कहे जाएंगे. इससे पहले 2011 में भारत ने वेस्टइंडीज को एकतरफा सीरीज में 2-0 से हराया था, लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे में उसे 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था. इसी तरह से 2013 में भी भारत ने दोनों टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर जीत लिए थे, लेकिन इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के दौरे में इसका कोई फायदा नहीं मिला जिसे भारतीय टीम ने गंवा दिया था. इससे पता चलता है कि वेस्टइंडीज की टेस्ट टीम पिछले कुछ वर्षों से प्रतिस्पर्धी नहीं रही जो भारतीय टीम को पर्याप्त चुनौती दे सके. भारत वैसे भी अपनी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन करता रहा है.

कोहली अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार

इस तरह के मुकाबले में किसी भी खिलाड़ी के लिए खुद को प्रेरित करना चुनौती होती है. कप्तान विराट कोहली ने पिछले मैच में 139 रन बनाकर दिखाया था कि वह किसी भी तरह के मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हैं. 18 वर्षीय पृथ्वी शॉ ने पदार्पण टेस्ट में शतक लगाकर उम्मीद के मुताबिक सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा, लेकिन कोहली की पारी इसलिए बेजोड़ थी क्योंकि इससे उन्होंने दिखाया कि किस तरह से एक अन्य तरह की चुनौती के लिए खुद को तैयार करना होता है.

अजिंक्य रहाणे की फॉर्म चिंता का विषय

वेस्टइंडीज की गेंदबाजी की तुलना भारत की किसी कमजोर प्रथम श्रेणी टीम से की जा सकती है. वह बेदम है और इसलिए भारतीयों को फिर से बड़ा स्कोर खड़ा करने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए. पिच भी बल्लेबाजों के अनुरूप लगती है. भारत के लिए एकमात्र चिंता का विषय अजिंक्य रहाणे की फॉर्म है, जो पिछले 14 महीनों से टेस्ट मैचों में शतक नहीं लगा पाए हैं. वह ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले फॉर्म में वापसी करने की पूरी कोशिश करेंगे.

राहुल को आजमाया जाएगा ऑस्ट्रेलिया दौरे में!  

केएल राहुल लगातार लचर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इस मैच में बनाए रखने का मतलब है कि भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में राहुल-शॉ की सलामी जोड़ी के साथ उतरना चाहता है. शार्दुल ठाकुर फिर से 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाएंगे. मोहम्मद शमी और उमेश यादव भी इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे क्योंकि उन्हें वनडे टीम में जगह मिलने की संभावना नहीं है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)