राजकोट टेस्ट भारतीय खिलाड़ियों के लिए रिकॉर्डस बनाने वाला टेस्ट साबित हो रहा है. पृथ्वी शा के डेब्यू टेस्ट के बाद रवींद्र जडेजा ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट में लगभग एक दशक बिताने के बाद आखिरकार अपना पहला शतक जड़ दिया. जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ 86 और 90 रन बनाए ते लेकिन वह पिछले 37 टेस्ट और 140 वनडे में कभी तिहरे अंक तक नहीं पहुंच पाये थे. उन्होंने आखिर अपने घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की और इस पारी को अपनी स्वर्गीय मां को समर्पित किया है.
जब उन्होंने शतक पूरा किया तब उनके साथ 11वें नंबर के बल्लेबाज मोहम्मद शमी खेल रहे थे लेकिन उन्होंने खुद पर अतिरिक्त दबाव नहीं बनने दिया.
जडेजा ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यह विशेष है क्योंकि पूर्व में मैं 80 और 90 के पार पहुंचने के बाद आउट हो जाता था. आज मैं चिंतित नहीं था और किसी तरह का ढीला शाट नहीं खेलना चाहता था. मैं उमेश और शमी से बात करता रहा और खुद से कहा कि शतक पूरा होने तक मुझे खेलते रहना है.’
शतक पूरा करने के बाद उन्होंने हमेशा की तरह तलवार की तरह बल्ला हिलाकर इसका जश्न मनाया.
पिछले एक महीने में जडेजा ने इंग्लैंड में खेले गये एकमात्र टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया तथा वनडे में भी बेहतरीन वापसी की है.
जडेजा ने कहा, ‘जब आप नियमित तौर पर नहीं खेल रहे होते हो तो दबाव रहता है. आप हर मौके का फायदा उठाना चाहते हो. मैंने इंग्लैंड में भी यही सोचा था. एशिया कप में मेरी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों अच्छी रही.’ उन्होंने कहा, ‘मैं प्रत्येक मैच में अपने खेल को बेहतर करने की कोशिश करता हूं. मैं 2018 में ज्यादा मैचों में नहीं खेला, इसलिए मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन करना मेरे लिए जरूरी था.’
(Input Bhasha)