वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में हर किसी की नजर पृथ्वी शॉ पर ही थी और शॉ ने भी हर किसी को अपनी बल्लेबाजी कर दम भी दिखाया. सीरीज के पहले मैच और डेब्यू मैच में भी शतक जड़ने के बाद दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 70 और दूसरी पारी में नाबाद 33 रन बनाने के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. इससे पहले वह पहले टेस्ट में मैन ऑफ द मैच भी रहे थे. दूसरा टेस्ट भी भारत ने आसानी से जीत लिया और इसमें विजयी रन जड़ा पृथ्वी शॉ ने. इसी के साथ टेस्ट क्रिकेट में विजयी रन जड़ने वाले पृथ्वी सबसे युवा भारतीय बन गए हैं. इसके अलावा शॉ ने कई और रिकॉर्ड भी अपने नाम किए
दुनिया के दूसरे खिलाड़ी शॉ
पैट कमिंस के बाद टेस्ट में विजयी रन जड़ने वाले दुनिया के दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं. शॉ ने 18 साल 339 दिन की उम्र में विजयी रन जड़ा, जबकि कमिंस ने 18 साल 198 दिन की उम्र में यह किया था. हालांकि शॉ के इस रन का कुछ श्रेय केएल राहुल को भी जाता है. दरअसल शॉ ने चौका लगाकर भारत को बड़ी जीत दिलाई, लेकिन जीत के लिए एक की जरूरत और चौका लगाने तक का खेल कुछ ज्यादा ही दिलचस्प रहा. हर कोई चाहता था कि शॉ ही विजयी रन जड़े, लेकिन स्ट्राइकर केएल राहुल के पास थी और भारत को भी सिर्फ एक रन ही जरूरत थी. उस समय शॉ और राहुल ने आपस में भी की, इसके बाद राहुल के पास शॉ को स्ट्राइक देने का सिर्फ एक ही उपाय था और वो था चार गेंदों पर सिंगल तक न लेना. राहुल ने वही किया चेज की अगली चार गेंदों पर उन्होंने सिंगल तक नहीं लिया और ओवर खत्म होते ही स्ट्राइक पर शॉ आ गए और विजयी चौका लगाने के लिए शायद पहले से ही तैयार थे. स्ट्राइक पर आते ही उन्होंने बिशू की गेंद पर बेहतरीन विजयी चौका लगाकर भारत को जीत दिला दी.
गांगुली, रोहित के क्लब में शॉ
अपनी डेब्यू सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर शॉ मैन ऑफ द सीरीज भी रहे और इसी के साथ वह सौरव गांगुली, रोहित शर्मा के क्लब में भी शामिल हो गए हैं. डेब्यू सीरीज में मैन ऑफ द मैच रहने वाले वह भारत के चौथे खिलाड़ी और विश्व के 10वें खिलाड़ी बन गए हैं. शॉ से पहल 1996 में सौरव गांगुली इंग्लैंड के खिलाफ,2011 में आर अश्विन वेस्टइंडीज के खिलाफ और 2013 में रोहित शर्मा वेस्टइंडीज के खिलाफ मैन ऑफ द सीरीज रहे थे.