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भारत-वेस्टइंडीज सीरीज : टीम इंडिया की फिरकी को मिली 'चाइनामैन' की धार

बीच के ओवरों में विकेट निकालने में सक्षम हैं कुलदीप यादव

Vedam Jaishankar

अगर भारत को वनडे में गेमचेंजर चाहिए, तो नजरें बाएं हाथ के रिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव की तरफ जाती हैं. 22 साल के कुलदीप उत्तर प्रदेश से हैं. उन्होंने धर्मशाला में अपना पहला टेस्ट खेला था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में उन्हें कामयाबी मिली थी. उन्हें चार विकेट मिले थे. रविवार को क्वींस पार्क ओवल में उन्होंने पहला वनडे खेला और प्रभावशाली दिखाई दिए.

तकनीकी तौर पर देखा जाए तो यादव ने वनडे में पदार्पण शुक्रवार को किया था. लेकिन मैच बारिश से धुल गया था. भारत की बल्लेबाजी के दौरान बारिश हुई थी. इसलिए क्वींस पार्क में ही दूसरा मैच हुआ, तब यादव को भारत के लिए वनडे में पहली बार गेंदबाजी का मौका मिला.


वनडे में गेंदबाजी की चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. दोनों छोर से नई गेंद के साथ गेंदबाजी होती है, जो स्विंग के लिए माकूल नहीं. माना जा रहा है कि अभी जो सफेद गेंद इस्तेमाल होती है, वो इस तरह बनाई जा रही है, जो गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी करती है. शुरुआत में स्विंग बहुत कम होती है. बाद में हल्की रिवर्स स्विंग से भी हालात गेंदबाजों के लिए विपरीत होते हैं.

विकेट टेकिंग बॉलर ही बन सकता है सबसे बड़ा फर्क

स्पिनर्स के लिए भी वनडे में चीजें आसान नहीं हैं. खासतौर पर फील्ड रिस्ट्रिक्शंस को देखते हे. ओवर नंबर 11 से 40 तक सिर्फ चार फील्डर सर्कल से बाहर रह सकते हैं. इस वजह से बैटिंग साइड को बड़े स्कोर तक पहुंचने का भरोसा होता है. 300 प्लस स्कोर को भी डिफेंड करने का एक ही तरीका है, वो है विकेट लेना.

विकेट लेने में कमजोरी की वजह से ही भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में हारी थी. वहां भारत के पास बचाने के लिए 322 रन जैसा बड़ा स्कोर था. श्रीलंका को जीत के लिए दो अच्छी साझेदारियों की जरूरत पड़ी.

दूसरी तरफ पाकिस्तान ने दिखाया कि विकेट लेने से कैसे दूसरी टीम को तोड़ा जा सकता है. मोहम्मद आमिर ने ओपनर रोहित शर्मा और कप्तान विराट कोहली के विकेट अपने शुरुआती ओवर्स में झटके. इससे ही रनों का पीछा करने में भारत की पारी पटरी से उतर गई.

कुलदीप ने मैच में अहम समय पर लिए विकेट

इस पूरे संदर्भ के साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ कुलदीप यादव की गेंदबाजी को देखना चाहिए. शिया होप (88 गेंद में 81) और बाएं हाथ के एविन लुइस (21) के बीच तीसरे विकेट के लिए 89 रन की साझेदारी हुई थी. दो विकेट जल्दी निकलने के बाद वो साझेदारी उनकी टीम को वापसी की उम्मीदें बंधा रही थी.

पार्टनरशिप खतरनाक होती दिखाई दे रही थी. उस वक्त लुइस ने यादव की टॉप स्पिन को गलत पढ़ा और उसका खामियाजा भुगता. वो स्पिनर के साथ बड़ा शॉट खेलने बाहर निकले. लेकिन गेंद सीधी रही और विकेट कीपर धोनी ने स्टंपिंग कर दी.

विकेट गिरने से वेस्टइंडीज की टीम भटक गई. कुछ देर बाद यादव ने होप को स्टंप के सामने पकड़ा. इसके बाद मुकाबले का नतीजा तय हो गया. यादव की गेंदबाजी को लेकर अच्छी बात यह है कि वो हमेशा पॉजिटिव रहते हैं. जब बल्लेबाज उन पर हमला करता है तब भी. उनकी गेंदबाजी में चाइनामैन, गुगली और टॉप स्पिन का अहम रोल होता है. कलाई से स्पिन और गेंद में घुमाव ऐसा होता है, जिसकी वजह से उन्हें थोड़ा बाउंस ज्यादा मिलता है. कुछ गेंद स्किड भी होती है.

उदाहरण के लिए होप पूरे भरोसे के साथ स्पिन गेंदबाजों को स्वीप कर रहे थे. आखिर वो एक गेंद पर चूके और स्टंप के सामने पकड़े गए. कुलदीप की गेंदों में विविधता थी. उन्हें मार भी खानी पड़ी, लेकिन आखिर उन्होंने तीन विकेट भी लिए.

यकीनन, एक मैच के प्रदर्शन से टीम में उनकी उपयोगिता तय नहीं की जा सकती. लेकिन इस सच्चाई से आप मुंह नहीं फेर सकते कि वनडे का इस वक्त जो फॉरमेट है, उसमें आपकी टीम में कम से कम एक विकेट लेने वाला गेंदबाज होना ही पड़ेगा.

दुर्लभ गेंद के साथ तमाम वेरायटी हैं कुलदीप की गेंदबाजी में

कुलदीप युवा हैं. ऐसे में उनके पास अपनी स्किल को बेहतर करने का स्कोप है. इंटरनेशनल क्रिकेट में चाइनामैन वैसे ही दुर्लभ है. जो गेंद सीधी रहती है, वो उन्हें और घातक बनाती है. एक्शन में मामूली या बगैर कोई बदलाव किए उनकी गेंद दूसरी तरफ घूमती है या सीधी आती है. उन्होंने मुश्किल कला पर कमाल का नियंत्रण दिखाया है.

निकट भविष्य में कुलदीप को कुछ और कलाई के स्पिनर्स से चुनौती मिलेगी. जैसे युजवेंद्र चहल या अमित मिश्रा. इन सबके बीच होने वाला कंपटीशन 2019 विश्व कप के मद्देनजर भारत के लिए बहुत अच्छा है. इस समय कुलदीप को रोमांच भरने के मामले में सबसे कमाल का स्पिनर कहा जा सकता है. आगे उन पर है कि वो अपनी कला को किस तरह विकसित करते हैं.