टीम में न चुके जाने से निराश वेस्टइंडीज के दिग्गज ऑलरउंडर ड्वेन ब्रावो ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. टी20 के शीर्ष ऑलराउंडर में शुमार ब्रावो को भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रही सीरीज के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया. 35 वर्ष के ब्रावो ने 2004 में डेब्यू किया था और 40 टेस्ट, 164 वनडे और 66 टी20 मैच खेले हैं. ब्रावो ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2016 सितंबर में पाक्स्तिान के खिलाफ खेला था. त्रिनिदाद एंड टोबैगो अखबार को दिए एक बयान में ब्रावो में कहा कि आज मैं विश्व क्रिकेट को यह बताना चाहता हूं कि इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी
फॉर्मेट से मैंने संन्यास ले लिया है.
वेस्टइंडीज के लिए जब मैंने पर्दापण किया था, वह पल आज भी मुझे याद है, जब जुलाई 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉड्र्स के मैदान पर जाने से पहले मुझे कैप मिली थी. उस समय जो जज्बा और जोश मेरे अंदर था, उसे मैंने अपने पूरे करियर के वैसा ही रखा. ब्रावो ने कहा कि एक पेशेवर के तौर पर क्रिकेट को बनाए रखने के लिए जैसे पहले ही पीढ़ी ने किया, मैं भी वहीं करुंगा और आने वाली पीढ़ी के निए इस जगह को खाली करुंगा. ब्रावो ने आखिरी टेस्ट 2010 में खेला था. ब्रावो की लंबे शॉट मारने की काबिलियत, बेहतरीन फील्डिंग और चालाकी से भरी गेंदबाजी ने उन्हें देखने ही देखते टी20 फॉर्मेट में दुनिया का बेहतरीन खिलाड़ी बना दिया था. उन्होंने अपना आखिरी वनडे 2014 में भारत के खिलाफ धर्मशाला में खेला था. यह वही मैच था, जब ब्रावो टीम के कप्तान थे और कैरेबियाई टीम अपने बोर्ड का विरोध करती हुई दौरा बीच में ही छोड़कर चली गई थी.