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India vs West Indies : रहाणे की सलाह, पृथ्वी को अपनी बल्लेबाजी की आक्रामक शैली को ही जारी रखना चाहिए

मैं उसे शुभकामना देता हूं और मुझे यकीन है कि वह अच्छा खेलेगा. मैं चाहता हूं कि वह उसी तरह खेले जैसे मुंबई और भारत ए के लिए खेलता है

FP Staff

स्कूल क्रिकेट में 14 साल की उम्र में 546 रन बनाकर खबर बने मुंबई के पृथ्वी शॉ ने इस साल आईपीएल में अपनी बल्लेबाजी से सबको हैरान किया था. क्रिकेट के जानकारों को उनकी बल्लेबाजी तकनीक देखकर उनमें भविष्य का टेस्ट ओपनर नजर आ रहा था. इसीलिए उन्हें पहले इंग्लैंड और फिर अभी कि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के टीम में शामिल किया गया. भारतीय उपकप्तान अजिंक्य रहाणे का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण की दहलीज पर खड़े पृथ्वी शॉ को अपनी बल्लेबाजी की आक्रामक शैली को ही जारी रखना चाहिए.

आईपीएल मैचों में प्रदर्शन के लिहाज से पृथ्वी शॉ बाकी टीमों के स्टार बल्लेबाजों से बिल्कुल अलग खड़े दिखाई दिए थे. वह इस हिट-एंड-रन क्रिकेट में खुद को टेस्ट क्रिकेटर को तौर पर पेश कर रहे थे. यही वजह है कि मजबूत तकनीक और ठंडे दिमाग से खेलने की काबिलियत ने शॉ को इस उम्र में ही टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है.


हर किसी को खुलकर खेलने का मौका

उन्होंने कहा,‘मुझे पृथ्वी शॉ के लिए खुशी है. मैंने उसे करियर की शुरुआत से देखा है. हम साथ में अभ्यास करते थे. वह आक्रामक सलामी बल्लेबाज है और भारत ए के लिए अच्छा खेलने का उसे फल मिला है.’ रहाणे ने यह नहीं कहा कि पृथ्वी और मयंक अग्रवाल में से कौन राजकोट में चार अक्टूबर से शुरू हो रहे पहले टेस्ट में केएल राहुल के साथ पारी का आगाज करेगा. रहाणे ने कहा,‘मुझे नहीं पता कि टीम संयोजन क्या होगा, लेकिन कोई दबाव नहीं है. हर किसी को खुलकर खेलने का मौका है. मैं उसे शुभकामना देता हूं और मुझे यकीन है कि वह अच्छा खेलेगा. मैं चाहता हूं कि वह उसी तरह खेले जैसे मुंबई और भारत ए के लिए खेलता है.’

रहाणे ने कहा, मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है

इंग्लैंड दौरे की नाकामी के बाद रहाणे ने विजय हजारे ट्रॉफी में बड़ौदा, कर्नाटक और रेलवे पर मुंबई को जीत दिलाई. उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से पहले उन्हें अच्छा मैच अभ्यास मिल गया है.

उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड से आने के बाद मेरा लक्ष्य मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन करना था ताकि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से पहले अच्छा अभ्यास मिल सके. मेरा हमेशा से मानना रहा है कि घरेलू मैच हो या अंतरराष्ट्रीय या फिर अभ्यास मैच, सभी के अलग तरह के दबाव होते हैं और इससे मुझे तैयारी में मदद मिली. मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैं आगे भी लय कायम रखना चाहता हूं.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)