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भारत बनाम श्रीलंका, तीसरा टेस्ट : विदेश में पहली बार 'व्हाइटवॉश' पर टीम इंडिया की निगाहें

सीरीज के पहले दो टेस्ट मुकाबले जीत चुका है भारत, क्या इतिहास रचने में कामयाब हो पाएगी टीम इंडिया

Bhasha

इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी विराट कोहली एंड कंपनी श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में कल विदेशी सरजमीं पर ‘व्हाइटवाश ’ करने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. भारत ने गॉल में पहला टेस्ट 304 रन से और कोलंबो में दूसरा टेस्ट 53 रन से जीता था.

पिछले कुछ समय से बदलाव के दौर से गुजर रही श्रीलंकाई टीम ने औपचारिकता के इस मैच में हरी भरी पिच तैयार की है. हालांकि खराब मौसम के कारण भारतीय टीम अभ्यास नहीं कर सकी. श्रीलंका ने तेज गेंदबाज दुष्मंता चामीरा और लाहिरू गामेगे को टीम में जगह दी है जो घायल नुवान प्रदीप और रंगाना हेराथ की जगह लेंगे.


मैच से दो दिन पहले तक यहां की पिच बिल्कुल पल्लेकेले स्टेडियम की हरी भरी पिच की तरह लग रही थी. पिच को देखते हुए कोहली भुवनेश्वर कुमार को तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में उतार सकते हैं जो निलंबित रविंद्र जडेजा की जगह ले सकते हैं. भुवनेश्वर ने कोहली की कप्तानी में टेस्ट टीम में मिले कुछ मौकों पर भी अच्छा प्रदर्शन किया है.

एक संभावना यह भी है कि भुवनेश्वर टीम में हार्दिक पांड्या की जगह ले जबकि चाइनामैन कुलदीप यादव को दूसरे स्पिनर के रूप में उतारा जाये. यादव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला की उछालभरी पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया था. पहली पारी में उसके चार विकेट निर्णायक साबित हुए.

अभी तक कोहली की कप्तानी में भारत ने 28 टेस्ट खेले हैं और उन्होंने कभी समान अंतिम एकादश नहीं उतारी. यही चलन कल के मैच में भी जारी रहने की उम्मीद है. श्रीलंकाई टीम के मौजूदा स्तर को देखते हुए यह विवाद का विषय है कि यह जीत कितनी बड़ी है लेकिन भारत ने 1932 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के बाद से 85 साल में कोई पूर्ण टेस्ट श्रृंखला नहीं जीती. यदि वे ऐसा कर पाते हैं तो यह काबिले तारीफ होगा.

भारत ने अपनी सरजमीं पर भी टेस्ट श्रृंखला में अधिक व्हाइटवाश नहीं किये हैं. भारत ने अभी तक चार ही सीरीज ऐसी खेली है जिसमें सारे मैच जीते हों. मोहम्मद अजहरूद्दीन की अगुवाई में 1993 में इंग्लैंड को 3-0 से हराना और श्रीलंका पर 1994 में 3-0 से मिली जीत इसमें शामिल है.

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2013 की घरेलू श्रृंखला में 4-0 से हराया. पिछले साल कोहली की कप्तानी में न्यूजीलैंड पर 3-0 से जीत दर्ज की.

विदेशी सरजमीं पर यादगार टेस्ट सीरीज में कपिल देव की कप्तानी में इंग्लैंड में 1986 में तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 से मिली जीत, पाकिस्तान पर 2004 में 2-1 से जीत और श्रीलंका पर 2015 में 2-1 से जीत शामिल है. भारत ने टाइगर पटौदी की कप्तानी में 1967-68 में न्यूजीलैंड में 3-1 से जीत दर्ज की थी.

दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने बांग्लादेश (2004-05), जिम्बाब्वे (2005-06) और बांग्लादेश (2009-10 ) का सूपड़ा साफ किया.

तीसरे टेस्ट में जीत से मुख्य कोच रवि शास्त्री का यह दावा भी पुख्ता होगा कि यह टीम नये रिकार्ड बनाने का माद्दा रखती है .देखना यह होगा कि टीम संयोजन में कोई बदलाव किया जाता है या नहीं .

टीमें :

भारत: विराट कोहली ( कप्तान ), शिखर धवन, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, आर अश्विन, ऋद्धिमान साहा, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार , मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, अभिनव मुकुंद, अक्षर पटेल .

श्रीलंका : दिनेश चांदीमल ( कप्तान ) , उपुल थरंगा, दिमुथ करूणारत्ने, कुशाल मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू तिरिमन्ने, धनंजय डिसिल्वा, निरोशन डिकवेला, दिलरूवान परेरा, लाहिरू कुमारा, विश्व फर्नांडो, दुष्मंता चामीरा, लाहिरू गामेगे, लक्षण संदाकन, मलिंडा पुष्पकुमारा