टीम इंडिया ने श्रीलंका को पल्लेकले टेस्ट में पारी और 171 रनों से मात देकर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में उनका 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया है. इसी के साथ ही भारत ने 1932 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के बाद से 85 साल के इतिहास में विदेशी सरजमीं पर 2 से ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में पहली बार व्हाइटवाश किया है. इससे पहले टीम इंडिया ने 2004 में बांग्लादेश और 2005 में जिम्बाब्वे में जरूर सीरीज क्लीन स्वीप की थी, लेकिन वो सिर्फ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज थी.
विराट कोहली भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 85 सालों के इतिहास में पहले ऐसे कप्तान हैं, जिनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने पहली बार विदेश में 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से वाइटवॉश किया है. उनसे पहले कोई भी भारतीय कप्तान विदेशी सरजमीं पर 3 या उससे ज्यादा टेस्ट मैचों की सीरीज को क्लीन स्वीप नहीं कर सका है.
इस मैच में टीम इंडिया के पहली पारी में बनाए गए 487 रनों के विशाल स्कोर के जवाब में श्रीलंका की टीम अपनी पहली पारी में 135 रन पर ही ढेर हो गई थी. श्रीलंका फॉलोऑन भी नहीं बचा पाई. इसके बाद फॉलोऑन खेलने उतरी श्रीलंकाई टीम को टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 181 रन पर समेट कर पारी और 171 रन से जीत दर्ज कर ली. दूसरी पारी में भारत की तरफ से अश्विन ने 4 और शमी ने 3 विकेट अपने नाम किए.
इससे पहले टीम इंडिया ने शिखर धवन (119) और हार्दिक पंड्या (108) की बड़ी पारियों की मदद से 487 रन बनाए थे. दूसरी पारी में श्रीलंका की ओर से निरोशन डिकवेला ने 41 और दिनेश चांडीमल ने 36 रनों की पारी खेली.
50 साल बाद किसी सीरीज में 3 टेस्ट जीता भारत
साल 1967 में टीम इंडिया न्यूजीलैंड दौरे पर गई थी जहां उसने 4 टेस्ट मैचों की सीरीज पर 3-1 से जीत हासिल की थी. अब 50 साल बाद एक बार फिर टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में 3 टेस्ट मैच जीतने का कारनामा किया है.
धोनी से आगे निकले कोहली
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम विदेशी धरती पर अब 7 टेस्ट मैच जीत चुकी है. वे धोनी को पीछे छोड़कर विदेश में भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान बन गए हैं. विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने विदेश में 13 मैच खेल लिए हैं, जिनमें से 7 जीते लिए हैं.
धोनी की कप्तानी में भी भारत ने विदेश में खेले 30 मैचों में से 6 मैच जीते थे. जबकि विराट ने विदेशी धरती पर करियर के 12वें मैच में ही धोनी की बराबरी कर ली थी. विदेश में सबसे ज्यादा मैच जीतने का भारतीय रिकॉर्ड पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नाम पर है, जिनकी कप्तानी में भारत ने 11 मैच जीते थे.
दूसरी पारी में भी बिखरी श्रीलंका की पारी
फॉलोऑन खेलने उतरी श्रीलंका की शुरुआत दूसरी इनिंग में भी अच्छी नहीं रही और 15 रन पर पहला विकेट गिर गया. उमेश यादव ने 10.4 ओवर में उपुल थरंगा (7) को बोल्ड करते हुए मेजबान टीम का पहला विकेट गिराया. रविचंद्रन अश्विन ने 15वें ओवर की तीसरी बॉल पर दिमुथ करुणारत्ने (16) को अपना शिकार बनाकर श्रीलंका को दूसरा झटका दिया.
अश्विन की आउटसाइड ऑफ डिलिवरी को दिमुथ समझ नहीं पाए और स्लिप पर रहाणे को कैच थमा बैठे. इसके बाद चांडीमल और मैथ्यूज ने थोड़ी देर विकेट पतन को रोका लेकिन दोनों ही बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाए. चांडीमल के आउट होने के बाद तो श्रीलंका की पूरी पारी ही ढह गई, मैथ्यूज भी 35 रन बनाकर पवेलियन लौट गए.
श्रीलंका की पहली पारी
भारत की पहली पारी के जवाब में बैटिंग करने उतरी श्रीलंका की शुरुआत ही खराब रही और 38 रन पर 4 विकेट गिर गए. पांचवें विकेट के लिए डिकवेला ने चांडीमल के साथ मिलकर 63 रन की पार्टनरशिप की और टीम का स्कोर 101 तक पहुंचाया.
डिकवेला के आउट होते ही फिर लगातार विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और बाकी बैट्समैन केवल 34 रन और जोड़कर पवेलियन लौट गए. मेजबान टीम की ओर से कप्तान दिनेश चांडीमल ने सबसे ज्यादा 48 रन तो वहीं डिकवेला ने 29 और कुसल मेंडिस ने 18 रन बनाए.
भारत ने बनाए थे 487 रन
इससे पहले भारत ने शिखर धवन और हार्दिक पंड्या के शतकों की मदद से पहली पारी में 487 का स्कोर खड़ा कर दिया. हार्दिक पंड्या (108 रन) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ दिया. उन्होंने अपना शतक 86 गेंदों में पूरा किया.
इससे पहले शिखर धवन और लोकेश राहुल ने टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत देते हुए पहले विकेट के लिए 188 रन जोड़ दिए. शिखर धवन ने 119 रनों की शानदार पारी खेली. जबकि लोकेश राहुल ने लगातार 7वीं बार टेस्ट मैच में अर्धशतक जड़ा. राहुल ने 85 रन बनाए इसके अलावा विराट कोहली ने 42 रन बनाए. श्रीलंका की ओर से लक्षण रंगीका ने 5, मलिंडा पुष्पाकुमारा ने 3, और विश्वा फर्नांडो ने 2 विकेट झटका