साउथ अफ्रीका के जोहानसबर्ग का वांडरर्स का मैदान शनिवार को एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए तैयार है. मेहमान टीम इंडिया और मेजबान साउथ अफ्रीका के बीच छह वनडे मुकाबलों की सीरीज में पहले तीन मैच जीतकर भारतीय टीम इस धरती पर पर पहली बार कोई सीरीज जीतने के मुहाने पर आ खड़ी हुई है.
कोहली की कप्तानी ने इस साल की शुरुआत में जब साउथ अफ्रीका का यह दौरा शुरू किया था तह किसी ने शायद ही यह कल्पना की होगी कि वनडे सीरीज में मेजबानी टीम भारत के सामने इस कदर बौनी नजर आएगी उसके लिए लगातार तीन मुकाबलों में हार को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा.
कप्तान कोहली की अगुआई में बल्लेबाजों के जोरदार प्रदर्शन और चुलदीप यादव- युजवेंद्र चहल की फिरकी के कमाल ने भारत को इस सीरीज में जीत के दरवाजे पर पहुंचा दिया है.
इससे पहले साल 2010-11 में टीम इंडिया जीत के दरवाजे पर पहुंची थी जह उसके पांच वनडे मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली थी. हालांकि आखिरी के दो मैच हार कर टीम इंडिया वह सीरीज 2-3 से गंवा बैठी थी लेकिन इस सीरीज में भारत ने 3-0 की अपराजेय बढ़त बना ली है.
घायल खिलाड़ियों के जूझ रही मेजबान टीम के पास चहल-यादव की जुगलबंदी से निपटने का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है. मेजबान टीम की आखिरी उम्मीद बल्लेबाज एबी डि विलीयर्स हैं जो उंगली की चोट के चलते पहले तीन मुकाबलों से बाहर रहे हैं. लेकिन उनकी मौजूदगी निराश मेजबान टीम में उम्मीद की किरण जगा पाएगी यह बात देखने वाली होगी.
क्या कहते हैं आंकड़े
जहां तक बात वांडरर्स के मैदान की की जाए तो यहां का रिकॉर्ड भारत के मुकाबले मेजबान टीम के पक्ष में ज्यादा है. मेजबान टीम के खिलाफ खेले गए चार वनडे मुकाबलों में से भारत ने अब तक महज एक मुकाबला ही जीता है जबकि तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा है. टीम इंडिया ने इस मैदान पर अब तक कुल सात वऩडे मुकाबले खेले हैं जिनमें से उसे चार में हार का सामना करना पड़ा है जबकि तीन में जीत हासिल हुई है.
साल 2003 के वर्ल्डकप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबला भारत ने इसी मैदान पर हारा था. भारत के पास इसी मैदान पर एक बार फिर से इतिहास रचने का मौका है.
वनडे सीरीज का यह चौथा वनडे एक और मायने में खास है. इस वनडे में स्तन कैंसर के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए साउथ अफ्रीका की टीम गुलाबी जर्सी में खेलने के लिए उतरेगी. साल 2011 के बाद यह छठा मौका होगा जब साउथ अफ्रीकी की टीम पिंक जर्सी में खेलने उतरेगी. इससे पहले मेदान टीम ने पांचों मौकों पर जीत हासिल की है. देखना होगा कि क्या टीम इंडिया वांडरर्स में साउथ अफ्रीकी से यह एजाज भी छीन पाती है या नहीं.