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भारत बनाम साउथ अफ्रीका, छठा वनडे: क्या मेजबान टीम को सम्मान बचाने का मौका भी नहीं देगी टीम इंडिया!

सीरीज में 4-1 की बढ़त बना चुकी है टीम इंडिया, शनिवार को आखिरी वनडे मैच सेंचुरियन में खेला जाएगा

Sumit Kumar Dubey

टीम इंडिया के साउथ अफ्रीका दौरे से पहले मेजबान टीम अपनी धरती पर लगातार 17 वनडे मुकाबले जीत चुकी थी. आईसीसी के वनडे रैंकिंग में साउथ अफ्रीका की टीम नंबर एक के पायदान पर काबिज थी. रैंकिंग में नंबर दो की टीम यानी टीम इंडिया को टेस्ट सीरीज में हाराने के बाज मेजबान टीम के हौसले बुलंदी पर थे. लेकिन छह मैचों की इस वनडे सीरीज में टीम इंडिया ने कुछ ऐसा कमाल दिखा दिया कि मेजबान टीम नंबर एक पायदान से तो बेदखल हुई ही साथ अब सीरीज हार कर उसके सामने सम्मान बचाने का सवाल खड़ा हो गया है

शनिवार को को जब कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ उतरेगी तो सवाल यही होगा कि क्या सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका को सम्मान बचाकर सीरीज को 2-4 से हारने का मौका देगी या फिर 5-1 सीरीज जीतकर वह कारनामा करेगी जो इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 2001-2 में किया था.


सीरीज का पांचवां मैच जीतकर साउथ अफ्रीका में पहली सीरीज जीतने का इतिहास रचने के बाद कप्तान कोहली ने साफ साफ संकेत दिए कि वह आखिरी वनडे में अपनी टीम की बेंच स्ट्रेंथ को तो जरूर आजमाएंगे लेकिन जीत हासिल करने के उनके जज्बे में कोई कमी नहीं रहेगी. यानी कोहली का इशारा साफ था था वह इस सीरीज के स्कोर को 5-1 करने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं.

क्या कुलदीप यादव बनाएंगे रिकॉर्ड

इस पूरी सीरीज में साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत भारत के फिरकी गेदंबाज कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल रहे हैं. मेदाबन टीम के बल्लेबाजों के लिए इन गेंदबाजों की फिरकी अबूझ पहेली बन गई है. कुलदीप याव इस सीरीज में अबतक कुल 16 विकेट झटक चुके हैं और अगर वह तीन विकेट और निकालने में कामयाब रहते हैं तो वह किसी भी बाइलेटरल सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज बन जाएंगे. इसस पहले भी यह रिकॉर्ड दो भारतीय गेंदबाजों जवागल श्रीनाथ और अमित मिश्रा के नाम है जिन्होंने बाइलेटरल सीरीज में 18-18 विकेट हासल करने का कारनामा करके दिखाया है.

मिडिल ऑर्डर पर भी होंगी निगाहें

टीम इंडिया की इस सीरीज में जीत की वजह से एक बड़ी कमजोरी पर ज्यादा चर्चा नहीं हो पा रही है. वह कमजोरी है भारतीय बल्लेबाजी के मिडिल ऑर्डर का निराशाजानक प्रदर्शन. इस सीरीज में भारत के लिए ज्यादातर रन कप्तान कोहली और शिखर धवन ने बनाए हैं. पांचवें मैच में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने भी शतक जड़ा. लेकिन इनके अलावा कोई और बल्लेबाज प्रभावित नहीं कर सका है. रहाणे ने पहले मुकाबले में जरूर अच्छी पारी खेली लेकिन उसके बाद वह भी नाकाम ही रहे हैं. चार पारियों में उनके बल्ले से महज 106 रन ही निकल सके हैं. इतनी ही पारियों में धोनी के बल्ले से 69 रन, और पांड्या के बल्ले से महज 26 रन ही निकल सके हैं. चार पारियों में केदार जाधव और श्रेयस अय्यर मिलकर 49 रन ही बना सके हैं.

अभी टीम जीत रही है तो मिडिल ऑर्डर की नाकामी भारी नहीं पड़ रही है लेकिन टीम इंडिया के लिए परेशानी की बात है. ऐसे में देखना होगा कि आखर वनडे में मिडिल ऑर्डर भी फॉर्म में आता है या नहीं.