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सुकून देती है कप्तान कोहली की उम्दा फॉर्म के जश्न में शिखर के बल्ले की गूंज

वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने के बाद धवन ने टी20 सीरीज में भी बेहतरीन पारी के साथ आगाज किया है

Jasvinder Sidhu

नई गेंद के सामने आक्रामक स्ट्रोक खेलने का फैसला हो या व्यक्तिगत जिंदगी में लीक से हट कर कुछ असाधारण तय करना हो, लेफ्टी ओपनर शिखर धवन का अपना एक मजबूत किरदार है. यह किरदार उनके नाम गब्बर के साथ न्याय भी करता दिखाई देता है.

इसमें कोई दोराय नहीं है कि साउथ अफ्रीका में जारी सीरीज कप्तान विराट कोहली के पेशेवर जीवन का सबसे कामयाब पड़ाव है. दोनों टीमों के बीच वही अकेले हीरो नजर आ रहे हैं. लेकिन वनडे सीरीज में कप्तान की हैरान कर देने वाली इस उम्दा फॉर्म के जश्न में धवन के बल्ले से निकली दबंग आवाज कहीं दब कर रह गई.


वनडे सीरीज और पहले टी-20 मुकाबले में धवन के आक्रामक खेल ने एक बार फिर साबित किया कि वह किसी भी समय बुरे दौर से उबर कर टीम के लिए अपना श्रेष्ठ दे सकते हैं.

ऐसे किसी भी बल्लेबाज के लिए खुद को संभालना मुश्किल होता है जो विदेशी दौरे के पहले टेस्ट मैच में नाकाम रहने के बाद कई हफ्तों तक ड्रेसिंग रूम में बैठा हो. पहले टेस्ट मैच की दो पारियों में सिर्फ 32 रन बनाने के कारण शिखर बाहर बिठा दिए गए.

डरबन के पहले वनडे में भी जब धवन काफी क्लीन बैटिंग कर रहे थे, वह 35 पर रन आउट हो गए. लगा कि टेस्ट की सिलसिला दोहराया जाएगा. हालांकि सेंचुरियन में धवन 56 बाल पर 51 रन बना कर टीम के लिए जीत की राह तैयार करके गए.

केपटाउन में तीसरे वनडे में रोहित शर्मा पहले ही ओवर में आउट हो गए थे. लेकिन धवन ने 63 बॉल पर 76 रन की पारी खेल कर न केवल नुकसान की भरपाई की बल्कि कप्तान विराट कोहली के साथ 140 रन की पार्टनरशिप कर साउथ अफ्रीका को मैच के बाहर कर दिया.

जोहानसबर्ग मैच भी धवन के लिए केपटाउन की फोटोकॉपी की तरह था. रोहित चौथे ओवर में आउट हो गए लेकिन धवन ने इसे दक्षिणी अफ्रीकी गेंदबाजों के लिए बड़ा मौका नहीं बनने दिया.

वैसे उस मैच में 105 गेदों पर उनकी 109 रन की पारी और कप्तान के साथ 158 रन की पार्टनरशिप पर बारिश के कारण डकवर्थ-लुइस नियम भारी पड़ा. यह सही है कि विराट जिस तरह पिच पर दादा की तरह खेल रहे हैं, दूसरे किसी बल्लेबाज के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचती. लेकिन शिखर इस सब में काफी जगह बनाने में सफल रहे हैं.

वनडे सीरीज के छह मैचों की छह पारियों में धवन के 1 शतक और दो अर्धशतकों के साथ 104.19 से स्ट्राइक रेट से 323 रन हैं और वह दोनों टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में विराट (558) के बाद नंबर दो पर हैं.

धवन ने जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे और टीम से बाहर का रास्ता भी. शायद यही कारण है कि उन्होंने खराब समय में भी बेहतरीन करने की कला को और निखारा है.

2015 के विश्व कप से पहले 2014 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर नाकामी के बाद धवन को लेकर सवाल किए जाने लगे थे. लेकिन विश्व कप में टीम इंडिया ने जो सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था उसमें 51.50 की औसत से शिखर के 412 रनों ने रास्ता दिखाया था. उस विश्व कप में रन बनाने वाले टॉप 10 बल्लेबाजों की लिस्ट में शिखर पांचवें नंबर पर थे.