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साउथ अफ्रीका में दिग्गजों के बीच अपना काम बखूबी कर गया यह ‘साइलेंट किलर’

साउथ अफ्रीका दौरे में लगभग सभी स्टार बल्लेबाजों के विकेट बुमराह ने हासिल किए हैं, और टीम की जीत में अपना अहम योग्यदान दिया है

Jasvinder Sidhu

अंग्रेजी में एक शब्द है जायंट किलर. और साइलेंट किलर भी. जायंट किलर ने क्या किया, पूरी दुनिया को दिखता है. साइलेंट किलर की कारगुजारी रहस्य ही रहती है. उसे पहचान पाना मुश्किल होता है. वह भीड़ में ही कहीं मौजूद रहता है.

ठीक जबरदस्त फॉर्म में रन बना रहे विराट कोहली और मेजबान बल्लेबाजों की कमर तोड़ रहे मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, आर. अश्विन, युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे मैच जिताऊ खिलाड़ियों की भीड़ में जसप्रीत बुमराह की मौजूदगी की तरह.


साउथ अफ्रीका में मौजूद भारतीय टीम ने अभी तक जो भी उपलब्धि हासिल की है, उसमें बुमराह ने गुपचुप सबसे अहम और बड़ी हिस्सेदारी निभाई है.

कोई टी-20 का माहिर युवा गेंदबाज अपने टेस्ट कैरियर के पहले मैच में एबी डी विलियर्स जैसे ऐसे बल्लेबाज को बोल्ड कर दे (या दोनों पारियों में अपना शिकार बनाए) जिसके पास ग्राउंड के हर हिस्से पर रन बनाने के लिए कई शाट्स हों या फिर तकनीकी तौर से मजबूत डिफेंस के मालिक हाशिम अमला को दौरे में तीन बार एलबीडब्ल्यू करे तो उसके पूरे खेल पर पैनी नजर डालना जरूरी हो जाता है.

साउथ अफ्रीका के लगभग सभी स्टार बल्लेबाजों के विकेट बुमराह के पास हैं. कप्तान फाफ ड्यू प्लेसी भी इस गेंदबाज के सामने टेस्ट मैचों में दो बार अपना विकेट गंवा चुके हैं.

डी विलियर्स एक्युरेसी और सीम मूवमेंट के सही इस्तेमाल के साथ गेंदबाजी करने के कायल बुमराह की पहली टेस्ट विकेट थी. ऑफ स्टंप के बाहर गिरी वह बॉल तेजी से अंदर आई और डी विलियर्स के बल्ले के किनारे को चुमने के साथ विकेटों में घुस गई.

भुवनेश्वर से साथ नई बॉल के पार्टनर बुमराह ने टीम को उस समय विकेट दिया जब डी विलियर्स काउंटर अटैक कर रहे थे. उन्होंने डी विलियर्स की ड्यू प्लेसी के साथ 114 रन की पार्टनरशिप को भी तोड़ा. पहले टेस्ट की दूसरी पारी में बुमराह के गेंद पर डी विलियर्स, क्विंटन डी कॉक और ड्यू प्लेसी का नाम लिखा था.

सेंचुरियन टेस्ट मैच की पहली पारी में विकेट लेने में नाकाम रहे बुमराह ने दूसरी में अपनी दूसरी बॉल पर ओपनर एडीन मार्करम को एलबीडब्लू किया. फिर ड्यू प्लेसी को 48 के स्कोर पर अपनी ही गेंद पर कैच किया. साउथ अफ्रीका 258 पर निपट गई थी और भारत के पास मैच जीतने का मौका था लेकिन वह 151 पर ही निपट गई.

तीसरा टेस्ट भारत ने जीता था और उसके लिए बुमराह बिना किसी शोर से अहम योगदान कर गए. टीम इंडिया पहली पारी में 187 पर सिमट गई थी और साउथ अफ्रीका भी 16 रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी.

हाशिम अमला ऑफ स्टंप के बाहर आकर खेल रहे थे और उनके शफल करने के कारण समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए. बुमराह ने वहां राह दिखाई और अमला को 61 के स्कोर पर आउट किया. जब अमला आउट हुए उनकी टीम का स्कोर सात विकेट पर 169 रन था जबकि पूरी टीम 194 पर सिमट गई.

महज आठ रन से पिछ़डी भारतीय टीम ने 241 का लक्ष्य दिया. यहां पर डी विलियर्स का विकेट अहम था. दुनिया का सबसे खतरनाक बल्लेबाज 6 रन पर बुमराह के हाथों आउट होने के बाद ड्रेसिंग रूम में हताश बैठा था. इसके ठीक बाद डी कॉक का विकेट भी उन्होंने टीम को दिया.

टेस्ट सीरीज में बेहतरीन गेंदबाजी के लिए भुवनेश्वर कुमार (3.2 की इकॉनमी से 10 विकेट) और मोहम्मद शमी (3.6 की इकॉनमी से 15 विकेट) की वाह-वाह हो रही है लेकिन बुमराह के भी 3.14 की इकॉनामी से 14 विकेट हैं.

वनडे सीरीज के पहले मैच में डी कॉक के साथ पहली विकेट के लिए अमला 30 रन बन चुके थे जब बुमराह ने उन्हें एलबीडब्लू करके पहला विकेट दिलाया.

तीसरे में साउथ अफ्रीका को मैच जीतने के लिए 304 रन बनाने थे और बुमराह ने अपने पहले ओवर का पहली गेंद पर अमला को पगबाधा कर पहला विकेट टीम को दिला दिया.

चौथा वनडे भारत डकवर्थ-लुइस नियम के कारण हारा लेकिन इसमें भी बुमराह ने मार्करम को ऐसे समय में निकाला, जब वह 23 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के के साथ आक्रामक 22 रन बना चुके थे.

पांचवें वनडे में जब मार्करम और हाशिम आमला में बड़ी साझेदारी बन रही थी, बुमराह ने मार्करम का जरूरी विकेट टीम को दिया. 32 पर आउट होने से पहले मार्करम चार चौके और एक छक्का मार चुके थे.