view all

'एक्स फैक्टर' के भरोसे साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाजों का सामना करेंगे मुरली विजय

पांच जनवरी से शुरू होगा भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट

FP Staff

टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका में अब तक बस दो टेस्ट मुकाबलों में ही जीत हासिल की है. पिछली बार भारत को छह साल पहले डरबन में जीत हासिल हुई थी. 87 रन से उस मुकाबले को जीतने वाली टीम इंडिया के तीन सदस्य साउथ अफ्रीका गई मौजूदा टीम इंडिया के भी सदस्य है. चेतेश्वर पुजारा और इशांत शर्मा के अलावा सलामी बल्लेबाजी मुरली विजय भी उस टीम के सदस्य थे.

अब पांच जनवरी के केपटाउन में शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पहले मुरली विजय का मानना है कठिन दौरों की तैयारी के लिये लचीलापन सबसे अहम होता है और यही वजह इस दौरे की दौरे की तैयारी ‘खुले दिमाग ’ से की है .


विजय ने प्रैक्टिस सेशन के बाद मीडिया से बातचीत में कहा ,‘मैंने पिछली बार की तुलना में इस बार खुले दिमाग से तैयारी की है . आपका कोई स्थाई खाका नहीं हो सकता . आप टेस्ट में यह सोचकर नहीं जा सकते कि इतनी गेंद छोड़ देंगे . आपको रन बनाने की सोच लेकर जाना होता है .’ उन्होंने कहा ,‘यदि उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की तो आपको और मजबूती से खेलना होगा . मैं हर चुनौती का सामना करने को तैयार हूं. मैं अपने देश के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाना चाहता हूं .’ साउथ अफ्रीका की उछाल भरी पिचों को लेकर काफी चर्चा हो रही है जबकि विजय का मानना है कि सलामी बल्लेबाज के लिये स्विंग की बजाय उछाल का सामना करना आसान होता है .

न्यूलैंड्स की हरी भरी पिच के बारे में उन्होंने कहा ,‘ यह काफी हरी है . मुझे नहीं पता कि पहले दिन यह कैसी रहेगी . एक सलामी बल्लेबाज के लिये उछाल की बजाय स्विंग का सामना करना मुश्किल है . मुझे लगता है कि मैं उछाल का सामना बखूबी कर सकता हूं . गेंद स्विंग करती है तो किसी भी बल्लेबाज को दिक्कत आती है .’’ विजय ने यह भी कहा कि साउथ अफ्रीका में कामयाबी के लिये एक्स फैक्टर जरूरी है .उन्होंने कहा ,‘ मैने एक बार वहां टेस्ट क्रिकेट खेला था . मेरा मानना है कि सलामी बल्लेबाजों के लिये यहां काफी चुनौतीपूर्ण हालात है . सीम मूवमेंट और उछाल सलामी बल्लेबाजों को रोमांचित करता है . यह मुश्किल है लेकिन आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है . यदि आपके पास एक्स फैक्टर है तो आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं .’

(एजेंसी इनपुटके साथ)