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भारत बनाम साउथ अफ्रीका: आखिर रहाणे का पत्ता काटकर रोहित को क्यों दी गई जगह!

पहले टेस्ट में रोहित की नाकामी के बाद उठे सवाल, सबकॉन्टिनेंट के बाहर रोहित शर्मा के मुकाबले कहीं ज्यादा भरोसेमंद बल्लेबाज हैं अजिंक्य रहाणे

FP Staff

केपटाउन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में यूं तो भारत के तमाम दिग्गज बल्लेबाज नाम रहे लेकिन एक बल्लेबाज ऐसे है जिनके प्लेइंग इलेवन में ही होना अपने अाप में एक प्रश्नवाचक चिन्ह बन गया है.

बात रोहित शर्मा की है.पांच जनवरी को जब टॉस के बाद कप्तान विराट कोहली ने अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया तो जो नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाला था वह रोहित शर्मा का था.


चौंकाने वाला इसलिए क्योंकि उन्हें टीम इंडिया के उपकप्तान और टेस्ट क्रिकेट के भरोसेमंद बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की जगह पर प्लेइंग इलेवन में जगह दी गई. बहरहाल, पहले टेस्ट में रोहित खुद को प्लेइंग इलेवन में शामिल किए जाने के फैसले को सही साबित करने में पूरी तरह से नाकाम रहे .

साउथ अफ्रीका की मजबूत तेज गेंदबाज के सामने पांचवीं पोजिशन के बल्लेबाज के लिए जिस मानसिकता की जरूरत थी वह रोहित के खेल में कहीं नजर नहीं आई. पहली पारी में उन्होंने 59 गेंद खेलकर थोड़ा धीरज जरूर दिखाया लेकिन उनके बल्ले से महज 11 रन ही निकल सके. वहीं दूसरी पारी जब उनके पास विकेट पर टिक कर खेलने और देश का हीरो बनने का मौका था तब भी 10 रन पर अपना विकेट गंवा बैठे.

आखिर क्यों मिली रोहित को प्लेइंग इलेवन में !

अब सवाल यह है कि रोहित को प्लेइंग इलेवन में जगह ही क्यों गई वह भी अजिंक्य रहाणे को बाहर बिठाकर. कप्तान विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट के इस फैसले का समर्थन करने वाले लोग इसके पीछे रोहित धुआंधार फॉर्म और पिछले कुछ दिनों से खामोश चल रहे रहाणे बल्ले की दलील दे सकते हैं.

रोहित शर्मा ने इस दौरे से पहले श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में एक शतक और दो अर्द्धशतक जड़े. वहीं वनडे सीरीज में अपने करियर का तीसरा दोहरा शतक लगाया और टी20 सीरीज में महज 35 गेंदों पर शतक जड़ा.

रोहित के यह आंकड़े रहाणे के हाल के आंकड़ो पर बेहद भारी हैं. रहाणे श्रीलंका के खिलाफ 10 टेस्ट पारियों में महज एक अर्द्धशतक ही जड़ सके.

आंकड़े झूठ नहीं बोलते ..रहाणे तुलना में रोहित के यह आंकड़े  कप्तान कोहली के फैसले को सही ठहराते दिखते हैं लेकिन आंकड़ों का मुआयना करने के लिए भी आंकड़ों की जरूरत होती है.

इन आंकड़ों में दिख रही रोहित कामयाबी और रहाणे की नाकामी भारतीय सबकॉन्टिनेंट में श्रीलंका की कमजोर गेंदबाजी के खिलाफ है. लेकिन यहां तो मुकाबला सबकॉन्टिनेंट से बाहर साउथ अफ्रीका की पेस बैटरी के सामने है.

विदेश में रोहित पर कहीं ज्यादा भारी हैं रहाणे के आंकड़े

साउथ अफ्रीका में रहाणे का औसत 69.66 रन का है. इंग्लैंड की धरती पर रहाणे  का  33.22 , न्यूजीलैंड में 54.00 और न्यूजीलैंड में 57.00 रन प्रति पारी का औसत बताता है कि इंडियन सबकॉन्टिनेंट के बाहर रहाणे कितने भरोसे के बल्लेबाज हैं.

वहीं रोहित ने भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर साउथ अफ्रीका में इस टेस्ट से पहले 11.25, ऑस्ट्रेलिया में 28.83, इंग्लैंड में 17.00 की औसत से रन बनाए हैं.

श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा फॉर्म के आंकड़ों की बजाय, विदेशी धरती पर यानी भारतीय सबकॉन्टिनेंट से बाहर रहाणे की तुलना में रोहित के इन आंकड़ों के चश्मे से अगर इन दोनों बल्लेबाजों के बीच अंतर कप्तान कोहली देख पाते तो शायद रोहित को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलती.

लेकिन सवाल यह कि क्या कोहली को इन आंकड़ों के बारे में पता नहीं है? हो सकता कि इतनी बारीकी से उन्होंने आंकड़ों का इतना अध्ययन नहीं किया हो लेकिन वह और उनके फेवरिट कोच रवि शास्त्री तेज और उछालभरी विकेट्स पर वर्ल्ड क्लास बॉलिंग अटैक के सामने रोहित की कमजोरियों से तो जरूर वाकिफ होगें.

वैसे रोहित की पत्नी रितिका सजदेह विराट के बिजनेस मैनेजर बंटी सजदेह की चचेरी बहन भी हैं.

तो क्या अपने हर कदम बहुत सोच-समझ कर उठाने वाले कोहली की टेस्ट टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में रोहित की मौजूदगी किसी और वजह से है?. दबी जुबान से बीसीसीआई के सर्किल में कुछ ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं.