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भारत-साउथ अफ्रीका तीसरा टेस्ट: दिल थामिए, ब्लैक फ्राइडे के बाद सुपर सैटरडे को तैयार है जोहानसबर्ग

शुक्रवार को अंपायरों के खेल रोकने के बाद शनिवार को मैदान पर उतरेंगी दोनों टीमें

Jasvinder Sidhu

इस समय सबसे बड़ा सवाल है कि क्या जोहानसबर्ग के वांडरर्स की पिच पर चौथे दिन बाकी का मैच होगा और क्या भारतीय टीम मैच जीतने की स्थिति में होने के बावजूद वंचित रह जाएगी या जिस खराब पिच को लेकर मेजबान टीम की खेल भावना पर सवाल किया जा रहा है, क्या भारतीय टीम खुद उस पर इसे बचा पाई है ?

विराट तैयार हैं तो लगता नहीं कि ड्यू प्लेसी पीठ दिखाएंगे क्योंकि दोनों में से उनकी टीम ही ऐसी रही है जिसने नंबर 1,2,3 और 4 पर 85,63,143 और 114 रन की साझेदारी की है और पिच पर यही चाहिए.


तो साउथ अफ्रीका के पास भी मैच जीतने का मौका है. इसलिए वह पीछे हटने वाला नहीं है.

जोहानसबर्ग टेस्ट मैच के तीसरे दिन जिस तरह से पिच की खतरनाक व्यवहार था, भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपने राइटहैंड के अंगूठे के साथ वाली अंगुली पर बॉल लगने के बाद भी बिना किसी शिकायत के खेलते रहने का फैसला किया. बैट के हैंडिल की ग्रिप को मजबूती देने में यह अंगुली अहम हैं

न ही विराट ने अपने साथियों के जिस्म पर लगातार पिच के कारण हो रहे प्रहारों के बाद भी खेलने से इनकार नहीं किया. इसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम हैं.

कोहली के अलावा ओपनर मुरली तीन बार और चेतेश्वर पुजारा को दो बार अपने शरीर पर अनियमित उछाल के कारण बॉल की मार झेलने पड़ी है.

जसप्रीत बुमराह की एक गेंद पर डीन एल्गर के हेलमेट पर लगने के बाद ही अंपायरों से खेल रोक देने का फैसला किया. एल्गर इससे पहले भी दो बार शरीर पर गेंद की मार झेल चुके थे.

इसमें कोई दोराय नहीं है कि इस मैच में भारत मजबूत स्थिति में है और सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद एक मैच में जीत से समाप्ति टीम और उसके चाहने वालों के सुकून देगी.

विशेषज्ञों द्वारा खतरनाक करार दी गई इस पिच पर मैच जीतना सालों तक याद रखा जाएगा.

लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पांचवें दिन मैच होगा या फिर अंपायर खतरनाक पिच के कारण इसे बीच में ही खत्म कर देंगे.

साफ है कि कप्तान विराट कोहली इस हक में नहीं हैं क्योंकि उनकी टीम की स्थिति अच्छी है. उन्होंने इस पिच पर अपनी पारी में बल्लेबाजी जारी रखने का जो फैसला किय, वह उन्हें एक परिपक्व कप्तान साबित करने के लिए काफी है.

यह सही है कि यह पिच तीसरे दिन बेहद ही हैरान-परेशान कर देने वाले व्यवहार कर चुकी है.

लेकिन एल्गर के हेलमेट के भीतर माथे पर गेंद के टकराने के बाद खेल को रोकना पड़ा. हालांकि सामने से उठी इस गेंद के कारण पिच को खतरनाक करार देना गलत है. यह गेंद पिच के कारण नहीं बल्कि बुमराह के एंगल के साथ कंधे को जबरदस्त उपयोग का परिणाम थी.

मैदान के अंपायरों, मैच रैफरी, दोनों कप्तानों के बीच मीटिंग हुई और यकीनी तौर पर सभी पक्षों ने अपनी बात रखी होगी.

उस बैठक में भारतीय टीम के मैनेजर भी थे.

लेकिन जब उनके पूछा गया कि दक्षिण अफ्रीकी कप्तान इस पिच पर खेलना चाहते हैं या नहीं !

मैनेजर का जवाब हैरान कर देने वाला था कि उन्हें मेजबान कप्तान का पता नहीं लेकिन विराट खेलना चाहते हैं.

ऐसा कैसे संभव है कि जिस बैठक में दोनों कप्तान विचार विमर्श कर रहे थे. दोनों से अंग्रेजी में अपनी बात रखी होगी और वहां दोनों टीमों के मैनेजर भी मौजूद थे लेकिन भारतीय मैनेजर दावा कर रहा है कि उन्हें नहीं पता कि फाफ ड्यू प्लेसी खेलना चाहते हैं या नहीं.

यह कैसे संभव है!

जाहिर है कि मैच को आगे जारी रखने का फैसला दोनों कप्तानी की सहमति पर निर्भर करता है और आईसीसी की खराब और खतरनाक पिचों के लेकर बने नियमों में रूल नंबर 6.4.3 कहता है कि ऐसी पिचों पर दोनों कप्तानों के राजी होने के बाद ही मैच आगे होगा.

यहां विराट तैयार हैं. लेकिन ऐसा बताने की कोशिश हो रही है कि मेजबान कप्तान भाग रहा है.

पहली नजर में यह सही नहीं आता क्योंकि एल्गर को बॉल लगने के बाद खेल अंपायरों ने रोका न कि ड्यू प्लेसी ने.

यकीनी तौर पर यह काफी मुश्किल पिच है लेकिन पिच ऐसी भी नहीं जैसा कि हौव्वा बना दिया गया है.

जाहिर है कि ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में खेल कर कोई भी कप्तान जीतना चाहेगा.